कृत्रिम बुद्धिमत्ता

एक उम्र दराज़ व्यक्ति स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल करते हुए.
Unsplash/Joshua Hoehne

उम्र दराज़ लोगों के लिये एआई के लाभ और ख़तरे रेखांकित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को कहा है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI) प्रौद्योगिकियाँ उम्रदराज़ लोगों के स्वास्थ्य व रहन-सहन को बेहतर बना सकती हैं, बशर्ते कि इन प्रौद्योगिकियों के डिज़ायन, क्रियान्वयन और प्रयोग में से, उम्र की छाप यानि आयुवाद को हटा दिया जाए.

कुछ सम्पन्न देशों में कृत्रिम बुद्धिमता टैक्नॉलॉजी पहले से ही इस्तेमाल की जा रही है.
Unsplash/Possessed Photography

कृत्रिम बुद्धिमत्ता को नैतिक जामा पहनाने के लिये, 193 देशों का वैश्विक समझौता

संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के तमाम सदस्य देशों ने गुरूवार को एक ऐसा ऐतिहासिक मसौदा स्वीकृत किया है जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) का स्वस्थ विकास विकास सुनिश्चित करने के लिये दरकार साझा मूल्य व सिद्धान्त परिभाषित किये गए हैं.

ब्राज़ील के रियो डीजनेरियो में हाइड्रोजन और बिजली चालित एक हाइब्रिड बस को विकसित किया गया है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता है.
UN Brazil/Ana Rosa Alves

डिजिटलीकरण व नवाचार से टिकाऊ परिवहन साधनों को मिल रही मज़बूती

डिजिटलीकरण ने आवाजाही व गतिशीलता के लिये नवाचारी समाधानों को आकार दिया है और वाहन ख़रीदने के बजाय अब टैक्नॉलॉजी के ज़रिये उसकी सुलभता ज़्यादा अहम हो गई है. भारत में ‘ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट’ (Ola Mobility Institute) में शोध विभाग की प्रमुख, ऐश्वर्या रामन का कहना है कि पिछले एक दशक में स्मार्ट फ़ोन की सर्वत्र सुलभता और कम क़ीमत पर डेटा की उपलब्धता ने टिकाऊ परिवहन साधनों की सम्भावनाओं के नए द्वार खोले हैं.

टेस्ला जैसी कार कम्पनियाँ वाहनों की कुशलता सुरक्षा व स्वचालन के लिये एआई का इस्तेमाल कर रही हैं.
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सड़क हादसों में होने वाली मौतें, एआई (AI) की मदद से की जा सकती हैं आधी

संयुक्त राष्ट्र के कुछ विशेष दूतों ने गुरूवार को, “सड़क सुरक्षा के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता” (AI) नामक एक नई पहल शुरू करते हुए कहा है कि देशों व निवेशकों को, सड़कें हर किसी के लिये सुरक्षित बनाने की ख़ातिर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास व प्रयोग बढाना होगा.

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI), दुनिया भर में स्वास्थ्य देखभाल के प्रावधान बढ़ाने में मदद कर सकती है.
Unsplash/Michael Dziedzic

कृत्रिम बुद्धिमता प्रणालियों से निजता के लिये जोखिम - तत्काल कार्रवाई की मांग

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफ़िशियल इंटैलीजेंस / एआई) की उन प्रणालियों की बिक्री व इस्तेमाल पर स्वैच्छिक रोक लगाए जाने का आग्रह किया है, जिनसे मानवाधिकारों के लिये गम्भीर जोखिम पैदा हो सकते हैं.

कुछ सम्पन्न देशों में कृत्रिम बुद्धिमता टैक्नॉलॉजी पहले से ही इस्तेमाल में लाई जा रही है.
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स्वास्थ्य देखभाल में एआई के इस्तेमाल पर नई रिपोर्ट – छह दिशानिर्देशक सिद्धान्त पेश

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence) के उपयोग से दुनिया भर में लाखों लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है, मगर यह ज़रूरी है कि इसके विकास, तैनाती और इस्तेमाल के केन्द्र में मानवाधिकारों और आचार-शास्त्र को रखा जाए.   

संयुक्त राष्ट्र आर्टिफ़िशियल इंटैलिजेंस के इस्तेमाल से सम्बन्धित नियामक तैयार कर रहा है.
ITU T

एक ज़िम्मेदार आर्टिफ़िशियल इंटैलिजेंस (AI) - समय की ज़रूरत (ब्लॉग)

भारत में संयुक्त राष्ट्र की रेज़िडेन्ट कोऑर्डिनेटर (RCO), रेनाटा डेज़ालिएन का मानना है कि पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना, आर्टिफ़िशियल इंटैलिजेंस यानि AI से, सामाजिक व आर्थिक खाई और भी ग़हरी हो सकती है, जिसके भेदभावपूर्ण परिणाम सामने आ सकते हैं. 
 

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिये विश्व बैन्क के एक कार्यक्रम के तहत अफ़ग़ानिस्तान में लड़कियाँ जीव-विज्ञान पढ़ रही हैं.
World Bank/Ishaq Anis

महिलाओं और लड़कियों का विज्ञान से है नाता – यूएन प्रमुख 

बहुत सी महिला वैज्ञानिकों को, वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान प्रयोगशालाएँ बन्द होने और सम्बन्धियों की देखभाल करने की बढ़ी ज़िम्मेदारियाँ सम्भालने सहित, अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने गुरुवार, 11 फ़रवरी, को ‘विज्ञान में महिलाओं व लड़कियों के अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में, लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने की पुकार लगाई है. 

जिनिवा में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय.
UN Photo/Jean-Marc Ferré

जानलेवा स्वायत्त हथियारों पर ‘प्रतिबंध ज़रूरी’

जिनिवा में आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) विशेषज्ञों की बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आग्रह किया है कि घातक स्वायत्त हथियार प्रणालियों की तकनीक के विकास को रोकने के लिए उन्हें तेज़ी से कदम बढ़ाने चाहिए.