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कर्ज़ राहत

बांग्लादेश की एक परिधान फ़ैक्ट्री में कर्मचारी.
© ILO

कोविड-19: मध्य-आय वाले देशों के लिये कर्ज़ राहत का आहवान

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूएन महासभा में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक को सम्बोधित करते हुए, कोविड-19 महामारी से उबरने में मध्य-आय वाले देशों के लिये, वित्तीय संसाधनों व कर्ज़ राहत की आवश्यकता को रेखांकित किया है.

भारत के मध्य प्रदेश में एक परिवार, जिसकी आय अर्जन क्षमता, कोविड-19 के कारण, बहुत की नीचे चली गई है.
UNDP India/Dhiraj Singh

कोविड सम्बन्धित क़र्ज़ पर मुद्रा कोष और विश्व बैंक के उपायों का स्वागत

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कोविड-19 के असर से उबरने की कोशिश में लगी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के सामने, क़र्ज़ राहत और अन्य वित्तीय दबाल के हालात में मदद करने के लिये, अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक समूह की विकास समिति द्वारा उठाए गए क़दमों का स्वागत किया है. उन्होंने इन विश्व संगठनों के क़दमों को, “आशा के संकेत और नवीनीकृत बहुपक्षवाद क़रार दिया है.”

नेपाल की राजधानी काठमाँडू में एक मज़दूर अपनी पीठ पर बोझा ढोते हुए. कोविड-19 ने लोगों की ज़िन्दगी व रोज़गार को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है. बहुत से दिहाड़ी मज़दूरों की आमदनी ख़त्म हो गई है.
UN News/Vibhu Mishra

विकासशील दुनिया को क़र्ज़ राहत के लिये निर्णायक कार्रवाई का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश सोमवार को एक नीति-पत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुए संकट में, दुनिया भर में, क़र्ज़ संकटों को रोकने के लिये महत्वपूर्ण क़दम उठाए गए हैं, मगर वो क़दम, अनेक विकासशील देशों में, आर्थिक स्थिरता पुनर्बहाल करने के लिये पर्याप्त नहीं रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश.
UN Photo/Mark Garten

कोविड-19: जी-20 समूह की बैठक से पहले आपसी एकजुटता और समर्थन का आहवान

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस सप्ताहान्त जी-20 समूह के नेताओं के बीच होने वाली बैठक से पहले एकजुटता और सहयोग की अहमियत को फिर रेखांकित किया है. यूएन प्रमुख ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सन्देश स्प्ष्ट है... कोविड-19 से पुनर्बहाली को समावेशी होना होगा, निर्बलों के लिये ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी, और इस संकट से उबरने की प्रक्रिया को टिकाऊ व जलवायु कार्रवाई के नज़रिये से महत्वाकाँक्षी बनाना होगा.