कोरोना वायरस

भारत में, मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले के एक टीकाकरण केन्द्र पर एक महिला को कोविड-19 वैक्सीन का पहला टीका लगाए जाते हुए.
© UNICEF India/Sujay Reddy

कोविड-19: मृतक संख्या 50 लाख, वैक्सीन समता की पुकार

दुनिया भर में, कोविड-19 महामारी के कारण हुई मौतों की संख्या, सोमवार को, 50 लाख का तकलीफ़देह आँकड़ा पार कर गई है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस सन्दर्भ में वैश्विक नेताओं से, वायरस को मात देने के लिये, सभी जगह वैक्सीन की उपलब्धता को एक वास्तविकता बनाने के लिये चलाई जा रही, यूएन रणनीति को समर्थन देने और अधिकतम सतर्कता बरते जाने की पुकार लगाई है.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य जैसे विकासशील देशों के लिये कोविड-19 टीकों की आपूर्ति बढ़ाने की आवश्यकता है.
© UNICEF/Zoe Mangwinda

महामारी का ख़ात्मा करने के लिये वैश्विक कार्यक्रम को अब भी, अरबों डॉलर की ज़रूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरूवार को एक नई रणनीति घोषित की है जिसमें कोविड-19 महामारी से बचाने वाली वैक्सीन्स, टैस्ट, जाँच और उपचार की उपलब्धता में मौजूद असमानता का मुक़ाबला करने के लिये, क़रीब 23 अरब 40 करोड़ डॉलर की रक़म का प्रबन्ध किये जाने की पुकार लगाई गई है.

UNDP

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 22 अक्टूबर 2021

इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...

यूएन प्रमुख की पुकार - आधी आबादी यानि महिलाओं को नहीं रखा जा सकता, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा से बाहर.

तापमान वृद्धि डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के रास्ते से बहुत भटकी हुई है दुनिया.

कोरोनावायरस महामारी से, मारे गए स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या एक लाख 80 हज़ार तक होने का अनुमान.

भारत में कोरोनावायरस वैक्सीन के टीकाकरण में, दी गई ख़ुराकों की संख्या हुई – एक अरब

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कोविड-19 के लक्षणों की पहचान के लिये एयरपोर्ट पर तापमान जाँच की जा रही है.
WHO/P. Phutpheng

कोविड-19 के स्रोत के अध्ययन और भावी महामारियों की रोकथाम के लिये नया वैज्ञानिक समूह

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने महामारी फैलाव की वजह बनने वाले नए रोगाणुओं के मूल स्रोतों की पड़ताल के लिये बुधवार को एक नए विशेषज्ञ समूह के प्रस्तावित सदस्यों की घोषणा की है. ये समूह कोविड-19 महामारी के लिये ज़िम्मेदार कोरोनावायरस SARS-CoV-2 सहित अन्य रोगाणुओं का अध्ययन करेगा. 

कज़ाख़स्तान, ऐसे देशों में तीसरे नम्बर पर और मध्य एशियाई देशों में पहले नम्बर पर है जहाँ युवाओं में आत्महत्आएँ करने की दर सबसे ज़्यादा है.
© UNICEF/Anush Babajanyan/VII Photo

सर्वजन को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार, 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर अपने सन्देश में कहा है कि दुनिया भर में कोविड-19 महामारी ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत व्यापक नकारात्मक प्रभाव डाला है, और महामारी द्वारा उजाकर व हर तरफ़ नज़र आ रही विषमताएँ दूर करने के लिये, ठोस कार्रवाई करने की ज़रूरत है.

नेपाल में एक वृद्धजन को कोरोनावायरस वैक्सीन की दूसरी ख़ुराक दी जा रही है.
© UNICEF/Rabik Upadhayay

वैश्विक वैक्सीन रणनीति - वर्ष के अन्त तक 40 फ़ीसदी आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 महामारी से पूरी तरह उबरने के लिये, गुरूवार को आठ अरब डॉलर की लागत वाली एक रणनीति पेश की है, जिसका लक्ष्य कोरोनावायरस टीके, सर्वजन के लिये, हर स्थान पर सुलभ बनाना है.

अफ़्रीका क्षेत्र में, कोविड-19 के संक्रमण मामलों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है. रवाण्डा में टीकाकरण के एक दृश्य.
WHO

कोविड-19 के संक्रमण मामलों व मृतक संख्या में लगातार कमी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के संक्रमण व उसके कारण होने वाली मौतों की संख्या में हर दिन कमी हो रही है. गत सप्ताह संक्रमण के नए मामलों की संख्या 31 लाख दर्ज की गई जबकि मृतक संख्या लगभग 54 हज़ार थी.

© UNICEF Afghanistan

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 10 सितम्बर 2021

इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ.

  • यूएन महासचिव ने पेश किया – Common Agenda, बड़ा सोचने के साथ, विश्व की एकजुटता पर बल.
  • अफ़ग़ानिस्तान में, ताज़ा हालात पर चिन्ता, सुरक्षा परिषद की बैठक, खाद्य सामग्री की भी क़िल्लत.
  • धनी देशों से WHO की पुकार – कोवैक्स को दें समर्थन, महामारी से निपटने में होगी आसानी.
  • और, यमन में लगातार डर के माहौल और मानवाधिकार हनन पर, विशेष चिन्ता.
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केनया की राजधानी नैरोबी की एक अनौपचारिक बस्ती में, फ़ेस मास्क पहने हुए एक बच्चा.
© UNICEF/Alissa Everett

कोविड-19: डेल्टा वैरिएंट ही अब भी सबसे ज़्यादा ख़तरनाक

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को कहा है कि कोविड-19 के म्यू नामक एक नए वैरिएंट के उभरने के बावजूद, डेल्टा वैरिएंट ही, दुनिया भर में सबसे ज़्यादा चिन्ता का कारण बना हुआ है जिसने अन्य रूपों या प्रकारों को पीछे छोड़ रखा है.