Skip to main content

क़ानून का राज

 अफ़ग़ानिस्तान में अनेक परिवार आर्थिक गुज़र-बसर के लिए अपने बच्चों की छोटी आयु में ही शादी करा देते हैं.
© UNICEF/Madhok

शान्ति और बर्बर टकराव के बीच का फ़ासला है क़ानून का राज, यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए कहा है कि क़ानून का राज, सभी क्षेत्रों में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और बहुपक्षवादी व्यवस्था के कारगर संचालन की आधारशिला है. उन्होंने इसे सम्पूर्ण यूएन प्रणाली की बुनियाद के रूप में परिभाषित करते हुए, सदस्य देशों से आग्रह किया कि क़ानून के राज को बढ़ावा देकर संयुक्त राष्ट्र को मज़बूती प्रदान की जानी होगी. 

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में पुल-ए-ख़ेश्ती मस्जिद.
UNAMA/Freshta Dunia

अफ़ग़ानिस्तान: तीन वर्षों में 65 मीडियाकर्मियों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गँवानी पड़ी ज़िन्दगी

हाल के वर्षों में अफ़ग़ानिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और मीडियाकर्मियों पर हमलों और उनके मारे जाने की घटनाओं में तेज़ बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि वर्ष 2018 से अब तक देश में 65 पत्रकार, मीडियाकर्मी और मानवाधिकार कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. सितम्बर 2020 में अफ़ग़ान शान्ति प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से 31 जनवरी 2021 तक कम से कम 11 मानवाधिकार कार्यकर्ता और मीडियाकर्मी लक्षित हमलों में मारे गए हैं. 

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात में एक महिला क़ैदी खिड़की के पास खड़ी है.
© UNICEF/Sebastian Rich

अफ़ग़ानिस्तान में बन्दियों को यातना दिये जाने के आरोप, नई रिपोर्ट में चिन्ता 

अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवाद सम्बन्धी अपराधों के आरोपों में हिरासत में लिये गए एक-तिहाई से ज़्यादा बन्दियों को यातना और अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है. अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) और यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा साझा रूप से बुधवार को जारी एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. 

संगठित अपराध व हिंसक घटनाओं में होने वाली मौतों का सबसे ज़्यादा नुक़सान महिलाओं को उठाना पड़ता है
UNICEF/UN028161/Zehbrauskas

ग़ैर-क़ानूनी मानव हत्या के मामलों में चिंताजनक बढ़ोत्तरी

विश्व भर में साल 2017 में चार लाख 64 हज़ार लोग मानव हत्या (होमीसाइड) का शिकार हुए और यह संख्या इसी अवधि में सशस्त्र हिंसा की वजह से होने वाली मौतों की तुलना में पांच गुना ज़्यादा है. मादक पदार्थों और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) की ओर से जारी नई रिपोर्ट ‘ग्लोबल स्टडी ऑन होमीसाइड 2019’ रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए हैं.