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क़ानून

युगांडा की राजधानी कम्पाला का एक दृश्य.
IMF/Esther Ruth Mbabazi

युगांडा: समलैंगिकता-विरोधी क़ानून पर गहरी चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने युगांडा में एक समलैंगिकता-विरोधी दंडात्मक क़ानून के वजूद में आने पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने ब्रिटेन के क़ानून को 'बेहद परेशान करने वाला' बताया है.।
© Unsplash/Kid Circus

ब्रिटेन: नए क़ानून से नागरिक और राजनैतिक अधिकारों पर अंकुश, OHCHR प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने गुरूवार को अपने एक वक्तव्य में कहा कि ब्रिटेन में लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शान्तिपूर्ण रूप से एकत्र होने के उनके अधिकारों को प्रभावित करने वाला नया क़ानून, देश के अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों से मेल नहीं खाता है.

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि वो निगरानी टैक्नॉलॉजी का ग़लत इस्तेमाल, लोगों के मानवाधिकारों की अहमियत कम किये की जाने की सम्भावनाओं को लेकर चिन्तित है.
Unsplash/Chris Yang

आतंकवाद-विरोधी ‘बयानबाज़ी’ के सहारे, निगरानी प्रौद्योगिकी का बढ़ता प्रयोग

संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने मंगलवार को कहा है कि कुछ देश और निजी कम्पनियाँ, "आतंकवाद निरोधक उपायों और सुरक्षा के नाम पर" अत्याधुनिक निगरानी प्रौद्योगिकी (surveillance technology) के इस्तेमाल को सही ठहरा रहे हैं. इस तरह की तकनीक के बढ़ते उपयोग पर नियमों की लगाम नहीं है और इनसे मानवाधिकारों को गम्भीर नुक़सान हो रहा है.

संयुक्त राज्य अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन (डीसी) में, सुप्रीम कोर्ट के बाहर, मृृत्यु दंड के विरोध में एक प्रदर्शन
Unsplash/Maria Oswalt

सभी देशों से, मृत्यु दंड ख़त्म किए जाने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) ने सभी देशों से मृत्यु दंड के प्रावधान को ख़त्म करने की दिशा में और ज़्यादा काम करने के लिए कहा है. मृत्यु दंड की प्रथा अब भी 79 देशों में प्रचलित है.

इसराइल की राजधानी तेलअवीव का एक दृश्य
© Unsplash/Shai Pal

'इसराइल के नए क़ानूनी प्रस्तावों से गम्भीर जोखिम', यूएन मानवाधिकार प्रमुख की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने बुधवार को कहा है कि इसराइल सरकार इस समय जो कुछ नए क़ानून बनाने पर विचार कर रही है, उसमें एक सन्तुलित रुख़ अपनाया जाना होगा.

2021 में मध्य भूमध्य प्रवासी मार्ग पर लगभग 1000 लोगों की मौत हो चुकी है. (फाइल)
SOS Méditerranée/Anthony Jean

इटली के नए समुद्री बचाव क़ानून से, अधिक प्रवासियों की जान जाने का ख़तरा: मानवाधिकार प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त, वोल्कर टर्क ने चेतावनी दी कि इटली में मानवतावादी खोज एवं बचाव (SAR) कार्यों पर प्रस्तावित एक नए क़ानून से, मध्य भूमध्यसागरीय क्षेत्र में जीवन रक्षक सहायता के प्रावधान में बाधा आ सकती है और इसके परिणामस्वरूप अधिक मौतें होने की सम्भावना है.

माली के पूर्वी क्षेत्र - मेनाका में, यूएन शान्तिरक्षकों की एक गश्त.
MINUSMA/Gema Cortes

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में मानवाधिकारों की रक्षा ज़रूरी: यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह करते हुए कहा है कि अगर हम मानवाधिकारों को “नकारना और उनका विनाश” जारी रखेंगे तो, आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई कभी सफल नहीं होगी.

जिनीवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय परिसर में जनसंहार पीड़ितों की स्मृति में एक स्मारक का अनावरण.
UN Photo/Violaine Martin

ECOSOC: जनसंहार, अत्याचार-अपराधों की रोकथाम के लिए, क्या कुछ और किया जा सकता है

देशों के राजदूत, यूएन अधिकारी और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के विशेषज्ञ, जनसंहार, जातीय सफ़ाए, युद्धापराध और मानवता के विरुद्ध अपराधों को रोकने के तरीक़ों के बारे में अपने विचार, संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) की, न्यूयॉर्क में हुई एक विशेष बैठक में साझा कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने दिसम्बर महीने के लिये सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी दी.
UN Photo/Manuel Elias

'आतंकवाद निरोधक समिति के दिल्ली घोषणा-पत्र के अनुरूप सिफ़ारिशें जल्द'

सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति ने अक्टूबर 2022 में भारत में हुई विशेष बैठक में अपनाए गए दिल्ली घोषणा-पत्र के अनुरूप आगे के क़दमों पर, हाल ही में एक खुली चर्चा का आयोजन किया है, जिसमें बताया गया कि अगले तीन सप्ताह के दौरान महत्वपूर्ण सिफ़ारिशें तैयार की जाएंगी.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, कम्बोडिया में ख़मेर रूज शासन के दौरान बन्दी बनाए गए कुछ लोगों की तस्वीरों को देखते हुए.
Nick Sells

कम्बोडिया: घृणा और उत्पीड़न के ख़तरों के बारे में यूएन प्रमुख की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि कम्बोडिया में ख़मेर रूज के शासन के दौरान अपनी जान गँवाने वाले और बेतहाशा तकलीफ़ों से गुज़रने वाले लोगों की यादों को सहेजने से, ये सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि इस तरह के अत्याचार दोहराए नहीं जाएँ.