कामकाज

मैडागास्कर में घर से काम कर रहा एक व्यक्ति अपने बच्चे की देखभाल भी करते हुए.
World Bank/Henitsoa Rafalia

लचीली कामकाज व्यवस्था से सभी का लाभ - ILO रिपोर्ट

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने शुक्रवार को एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि कामकाज के लचीले घंटों से, अर्थव्यवस्था और व्यवसाय आगे बढ़ सकते हैं, साथ ही कर्मचारियों और परिवारों को बेहतर कार्य-जीवन सन्तुलन हासिल करने में मदद मिल सकती है.

इण्डोनेशिया के सिकारांग में एक इलैक्ट्रॉनिक्स फ़ैक्टरी में काम करते हुए एक महिला.
© ILO/Asrian Mirza

वैश्विक रोज़गार व कामकाज पुनर्बहाली, पीछे की ओर पलटी, ILO

संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी (ILO) ने सोमवार को कहा है कि दुनिया भर में रोज़गार और कामकाज बाज़ार में पुनर्बहाली पीछे की और जा रही है जिसके लिये कोविड-19 और अन्य अनेक तरह के संकट ज़िम्मेदार हैं जिन्होंने देशों के भीतर और देशों के बीच, विषमताएँ बढ़ा दी हैं.

फ़्रांस के लियोन में तालाबन्दी के दौरान एक पत्रकार घर से काम कर रही हैं और उनकी बेटी उनके साथ खेल रही है.
© UNICEF/Bruno Amsellem/Divergence

कोविड काल में 'टैलीवर्किंग': नव सामान्य के लिये, जोखिम, लाभ और क़दम

संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों ने बुधवार को कहा है कि क़रीब दो वर्ष पहले फैलनी शुरू हुई कोरोनावायरस महामारी ने दुनिया भर में दफ़्तरी कामकाज में भारी व्यवधान डाला और उसी के परिणामस्वरूप दफ़्तरों से दूरस्थ स्थानों और घरों से कामकाज यानि ‘टैलीवर्किंग’ का चलन शुरू होने के साथ ही, कामगारों के स्वास्थ्य व अन्य तरह की बेहतरी के लिये महत्वपूर्ण परिवर्तनों की ज़रूरत है.

लेबनान में संकट के कारण बच्चे स्कूली पढ़ाई बीच में ही छोड़ने के लिये मजबूर हो रहे हैं.
© UNICEF

लेबनान: संकट छीन रहा है - युवाओं से उनका भविष्य - UNICEF 

लेबनान में हर दस में चार युवाओं को पिछले एक साल की अवधि के दौरान, भोजन, दवा और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये, शिक्षा पर अपने ख़र्च में कटौती करनी पड़ी है. क़रीब एक-तिहाई युवा अपनी पढ़ाई पूरी तरह से छोड़ने के लिये मजबूर हुए हैं. 

बांग्लादेश की राजधानी ढाका के पास एक फ़ैक्ट्री में कामगार.
World Bank/Scott Wallace

ILO: श्रम बाज़ार में पुनर्बहाली अब भी धीमी और अनिश्चित

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि दुनिया, अब भी कोविड-19 महामारी और वैश्विक श्रम बाज़ार में उसके प्रभावों से जूझ रही है. सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि मौजूदा हालात में वैश्विक पुनर्बहाली की रफ़्तार में सुस्ती बरक़रार रहने की सम्भावना है. 

अलबानिया के तिराना में कामगार एक इमारत की मरम्मत के काम में जुटे हैं.
ILO Photo/Marcel Crozet

कामकाज-सम्बन्धी वजहों से हर वर्ष लगभग 20 लाख की मौत - नई रिपोर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि कामकाज सम्बन्धी बीमारियों और चोटों की वजह से वर्ष 2016 में 19 लाख लोगों की मौत हुई. यह पहली बार है जब यूएन एजेंसियों ने साझा रूप से इस विषय में अनुमानों को पेश किया है.

निकारागुआ की एक कपड़ा फ़ैक्टरी में एक महिलाकर्मी
ILO Photo/Marcel Crozet

कोविड से पुनर्बहाली के दौरान, कम ही महिलाएँ लौट पाएंगी रोज़गार में

संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी – ILO की सोमवार को जारी एक नई अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान जो रोज़गार व आमदनी वाले कामकाज ख़त्म हो गए, संकट से उबरने यानि पुनर्बहाली के प्रयासों के दौरान फिर से रोज़गार व आमदनी वाले कामकाज हासिल करने वाली महिलाओं की संख्या, पुरुषों की तुलना में कम होगी. 

आर्मीनिया के येरेवान में एक बच्चा अपने पिता के साथ बैठकर पढ़ाई करते हुए.
© UNICEF/Arthur Gevorgyan

कोविड-19 के दौर में कामकाजी सुरक्षा का मुद्दा

कोविड-19 महामारी के कारण, दुनिया भर में, अपने घरों से ही काम करने वालों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है, जिसने रोज़गार देने वालों के लिये इस ज़रूरत पर ध्यान केन्द्रित कर दिया है कि वो कर्मचारियों व कामगारों के लिये सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें. 28 अप्रैल को, कार्यस्थलों पर सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिये विश्व दिवस के अवसर पर, यहाँ प्रस्तुत है एक आकलन कि संयुक्त राष्ट्र, लोगों को, उनके कामकाज के दौरान समुचित सुरक्षा सुनिश्चित करने में, रोज़गार देने वालों और सरकारों की, किस तरह मदद कर रहा है...

कोटे डीवॉयर के अबीदजान इलाक़े में, कोविड-19 के दौरान सड़कों पर दवाइयाँ बेचती तीन युवा महिलाएँ.
ILO/Jennifer A. Patterson

'कोविड-19: वेतनों पर महामारी की तबाही की अभी तो शुरुआत है'

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के प्रमुख ने आगाह करते हुए कहा है कि कोविड-19 महामारी की वैक्सीन आने के बाद भी, दुनिया भर में, लोगों के वेतन व रोज़गारों पर पड़ रहे दबाव नहीं रुकेंगे. संगठन के महानिदेशक गाय रायडर ने बुधवार को यह चेतावनी ऐसे समय जारी की है जब महामारी के कारण दुनिया भर में वेतन और भत्तों में बढ़ोत्तरी को धीमा बना दिये जाने या उलट दिये जाने के बारे में एक अहम रिपोर्ट जारी हो रही है.

फ़्राँस के लियोन में तालाबन्दी के दौरान एक पत्रकार घर से काम कर रही हैं और उनकी बेटी उनके साथ खेल रही है.
© UNICEF/Bruno Amsellem/Divergence

महामारी ने बदल दिया कामकाजी ढाँचा

कोविड-19 महामारी और ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र लागू की गई सख़्त पाबन्दियों के कारण बड़ी संख्या में कम्पनियों और कर्मचारियों के कामकाज के ढर्रे में रातों-रात व्यापक बदलाव आया है. कुछ लोगों के लिये घर बैठकर काम करने से जीवन आसान और उत्पादकता में सुधार आया है जबकि अन्य के लिये मानो दिन के 24 घण्टे ही ऑफ़िस के कामकाज में तब्दील हो गए हैं, जिससे यह वैकल्पिक व्यवस्था मानसिक थकावट का सबब भी बन रही है. हारवर्ड बिज़नेस स्कूल में प्रोफ़ेसर जैफ़्री पोल्ज़र और अन्य सहयोगी विशेषज्ञों के अध्ययन के नतीजों पर आधारित एक रिपोर्ट...