वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

जलवायु आपदा

पाकिस्तान के एक बाढ़ प्रभावित गाँव में, यूनीसेफ़ से मिले टैंट में, एक महिला लक्खी बीबी, अपने बच्चों को गर्माहट का माहौल देने की कोशिश करते हुए. देश में वर्ष 2022 में, लाखों बच्चे भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
© UNICEF/Arsalan Butt

पाकिस्तान में लाखों बच्चों के लिए हालात अब भी एक बुरे सपने समान

पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के प्रतिनिधि अब्दुल्लाह फ़ादिल ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया  है कि देश में भीषण बाढ़ और मूसलाधार बारिश थमने के कई महीने बाद भी, लगभग 40 लाख बच्चे दूषित जल-जमाव से जूझ रहे हैं और उनके जीवन पर जोखिम बना हुआ है.

पाकिस्तान में बाढ़ प्रभावित इलाक़े में कुपोषण का शिकार एक बच्चे को उसकी माँ खाना खिला रही है.
© UNICEF/Shehzad Noorani

पाकिस्तान में जलवायु तबाही, आगामी संकटों का ख़तरनाक सूचक - यूनीसेफ़

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने सचेत किया है कि पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ के कारण लाखों बच्चे प्रभावित हुए हैं, और इस विनाशकारी जलवायु आपदा की सबसे बड़ी क़ीमत, नाज़ुक हालात में जीवन गुज़ार रहे बच्चों को चुकानी पड़ रही है. दक्षिण एशिया में यूएन एजेंसी कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारेया-ऐडजेई ने कहा कि बाढ़ से हुई तबाही भविष्य में ऐसी घटनाओं का एक चिन्ताजनक संकेत है.

जानवरों को एक प्रकार का समुद्री शैवाल, केल्प, खिलाने से, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने में मदद मिल सकती है.
Unsplash/Shane Stagner

तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री तक सीमित रखने के प्रयास - 'नहीं हैं लक्ष्य प्राप्ति का कोई 'विश्वसनीय रास्ता'

संयुक्त राष्ट्र के जलवायु विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि जलवायु आपदा को टालने के इरादे से हानिकारक उत्सर्जनों में कमी लाने के लिये जो राष्ट्रीय संकल्प लिये गए हैं, उनसे मौजूदा हालात में सुधार होने की उम्मीद बहुत कम है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने और देरी ना करते हुए, ऊर्जा क्षेत्र में तत्काल आमूलचूल परिवर्तन किये जाने की पुकार लगाई है.

पाकिस्तान में बाढ़ के पानी से गुज़रती एक युवती.
UNICEF/Asad Zaidi

पाकिस्तान में भीषण बाढ़ से भारी तबाही

पाकिस्तान में भीषण बाढ़ शुरू होने के महीनों बाद भी, लाखों लोग व्यापक दायरे में प्रभावित हैं, और ये बाढ़ अभी अपना आकार कम करती नज़र नहीं आ रही है. एक वीडियो रिपोर्ट..

फ़िलीपीन्स के अलबे प्रान्त में चक्रवाती तूफ़ान गोनी से भारी तबाही हुई है.
OCHA/Martin San Diego

एशिया: चरम मौसम घटनाओं से हज़ारों की मौत, अरबों डॉलर का नुक़सान

चरम मौसम की घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से, एशिया में वर्ष 2020 में हज़ारों लोगों की मौत हुई है, लाखों विस्थापित हुए हैं और सैकड़ों अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और साझीदार संगठनों की एक नई रिपोर्ट में, इन आपदाओं से बुनियादी ढाँचे और पारिस्थितिकी तंत्रों पर हुए भीषण असर की भी पड़ताल की गई है.  

जलवायु परिवर्तन के कारण, जो प्रभाव नज़र आ रहे हैं, उनमें दक्षिण प्रशान्त का तुवाली द्वीप, समुद्रों में बढ़ते जलस्तर के जोखिम से प्रभावित होने वाले स्थानों में शामिल है.
UNDP/Silke von Brockhausen

जलवायु परिवर्तन: यूएन प्रमुख की चेतावनी, संकल्प पूर्ति में, 2021 बहुत अहम वर्ष

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि विश्व, जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते की शर्तों के अनुसार, वैश्विक तापमान वृद्धि में कमी लाने के सहमत लक्ष्य हासिल करने के रास्ते पर अभी बहुत पीछे है. महासचिव ने,  ये चेतावनी भरी बात, जलवायु संकट से बचने में, ज़्यादा महत्वाकाँक्षी प्रतिबद्धताएँ हासिल करने की अपनी कोशिशों के तहत, सोमवार को कही. 

प्लास्टिक और मलबे के इस्तेमाल से एक लड़का छोटा सा घर बना रहा है. फ़़िलिपीन्स में आये टायफ़ून गोनी के दौरान उसका घर पूरी तरह बर्बाद हो गया था.
UNICEF/Nino Luces

जलवायु अनुकूलन कार्यक्रमों के लिये वित्तीय संसाधनों की पुकार 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायुअनुकूलन और बदलवी जलवायु के प्रति सहनक्षमता विकसित करने की योजनाओं के लिये तात्कालिक रूप से वित्तीय संसाधनों का स्तर बढ़ाने का आहवान किया है. यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा है कि इन क्षेत्रों में निवेश के ज़रिये सूखा, बाढ़ और बढ़ते समुद्री जलस्तर जैसे जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से वास्तविक और स्थाई रक्षा सुनिश्चित की जा सकती है. 

बेनिन के एक बड़े बन्दरगाह शहर कोटोनोऊ में, बाढ़ के दौरान, एक लड़की, फलों से भरी टोकरी ले जाते हुए.
UNICEF/Oliver Asselin

मानव और ग्रह, टकराव की राह पर, यूएनडीपी की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की एक ताज़ा और प्रमुख रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर प्राकृतिक दुनिया और पर्यावरण को नुक़सान में कमी लानी है तो, तमाम देशों को अपने विकास रास्तों पर फिर से ग़ौर करना होगा, नहीं तो पूरी मानवता के लिये प्रगति व्यवधान पैदा हो जाने का जोखिम है.

जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020 के अवसर पर विशेष सामग्री

पेरू के पूना इलाक़े में स्थानीय लोगों को आसानी से बिजली उपलब्ध नहीं है.
© UNDP Peru/Giulianna Camarena

जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020

ऐतिहासिक पेरिस समझौता वजूद में आने के पाँच वर्ष बाद, विश्व नेताओं ने जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिये, और अब तक हुई प्रगति को आगे बढ़ाने के लिये, जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020 में, नए संकल्प व्यक्त किये. कुछ झलकियाँ... (वीडियो)

भारत और होन्डुरस टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में पारस्परिक सहयोग कर रहे हैं.
UNDP Honduras

कोविड-19 महामारी से उबरने में महत्वाकाँक्षी जलवायु कार्रवाई पर ज़ोर

विकासशील देश जलवायु परिवर्तन का मुक़ाबल करने के लिये ज़्यादा महत्वाकाँक्षी योजनाओं पर काम कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के मुताबिक इन प्रयासों के तहत कोविड-19 से उबरने और हरित पुनर्बहाली की दिशा में आर्थिक स्फूर्ति पैकेजों का सहारा लिया जा रहा है.