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जल संकट

मीना गुली ने न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में अपनी मैराथन दौड़ पूरी की, जोकि उनकी जल संकट के प्रति जागरुकता मुहिम का हिस्सा है.
UN News/Masayoshi Suga

वैश्विक जल संकट के प्रति जागरूकता प्रसार के लिए, मैराथन दौड़ के ज़रिए मुहिम

संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन’ बुधवार, 22 मार्च को आरम्भ हुआ है, और इसी सुबह, मैराथन धावक मीना गुली ने 200 मैराथन दौड़ने की अपनी मुहिम पूरी की है. पिछले एक वर्ष से जारी इस मुहिम का उद्देश्य वैश्विक जल संकट के प्रति जागरूकता का प्रसार करना है. उन्होंने अपना अन्तिम चरण यूएन मुख्यालय में पूरा किया, जोकि इस ऐतिहासिक सम्मेलन का आयोजन स्थल भी है.

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में एक अस्थायी शिविर में यूनिसेफ़ द्वारा स्थापित एक जलपोत से एक 5 वर्षीय लड़का पानी पीते हुए.
© UNICEF/Asad Zaidi

पाकिस्तान: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एक करोड़ लोग सुरक्षित पेयजल से वंचित

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने कहा है कि पाकिस्तान में 2022 में आई विनाशकारी बाढ़ के छह महीने बाद भी एक करोड़ से अधिक लोगों को, सुरक्षित जल व स्वच्छता उपलब्ध नहीं है. यूनीसेफ़ ने मंगलवार को आगाह किया कि इस संख्या में बच्चे भी शामिल हैं जो दूषित जल को इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं और उन्हें तत्काल जीवनरक्षक समर्थन की ज़रूरत है.

सभी के लिए सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है.
© WHO/Rob Holden

यूनीसेफ़: 19 करोड़ बच्चों पर जल-सम्बन्धी ख़तरों का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) का एक नया विश्लेषण, 22 से 24 मार्च तक यूएन मुख्यालय में होने वाले ऐतिहासिक यूएन जल सम्मेलन के अवसर पर जारी किया गया है. इस नई रिपोर्ट के अनुसार, अफ़्रीका में स्थित 10 देशों में क़रीब 19 करोड़ बच्चे, आपस में गुँथे हुए तीन जल-सम्बन्धी विशाल जोखिमों का सामना कर रहे हैं. (वीडियो फ़ीचर)

ज़ाम्बिया के पेम्बा ज़िले के एक प्राथमिक स्कूल में हाथ धोने के लिए बनाए गए स्थान पर बच्चे, अपने हाथ धो रहे हैं.
© UNICEF/Karin Schermbrucke

10 अफ़्रीकी देशों में, 19 करोड़ बच्चों पर जल-सम्बन्धी संकटों का जोखिम  

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि अफ़्रीका में स्थित 10 देशों में क़रीब 19 करोड़ बच्चे, आपस में गुँथे हुए तीन जल-सम्बन्धी विशाल जोखिमों का सामना कर रहे हैं: अपर्याप्त जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता; सम्बन्धित बीमारियाँ; और जलवायु संकट.

पीने के साफ़ पानी की, अनेक क्षेत्रों में भारी क़िल्लत है.
World Bank/Arne Hoel

एशिया-प्रशान्त: जल संकट, आर्थिक व सामाजिक प्रगति के लिये ख़तरा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह किया है कि एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में, आबादी में तेज़ी से हो रही वृद्धि, ग़ैर-टिकाऊ खपत के रुझानों और ख़राब प्रबन्धन के कारण, स्वच्छ जल स्रोतों के लिये ख़तरा बढ़ रहा है. यूएन प्रमुख ने शनिवार को जापान के कुमामोतो शहर में आयोजित चौथे एशिया-प्रशान्त जल शिखर बैठक के लिये अपने वीडियो सन्देश में, जल संकट से निपटने के लिये तीन प्राथमिकताएँ पेश की हैं.