वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

जानकारी

कम्बोडिया के मूल निवासी, जिआ साई टोट और साई सोम, थाईलैंड में छह साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं.
IOM/Miko Alazas

थाईलैंड: सम्पर्क गतिविधियों के ज़रिए प्रवासी समुदायों को सशक्त बनाने के प्रयास

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) और थाईलैंड सरकार का श्रमिक रक्षा एवं कल्याण विभाग (DLPW)) मिलकर, सम्पर्क गतिविधियों के माध्यम से प्रवासी समुदायों को, उनके अधिकारों व सम्बद्ध समस्याओं पर जानकारी बढ़ाने के प्रयास कर रहा है, जिससे वे अधिक सशक्त बन सकें और जानकारी के अभाव में मानव तस्करी व शोषण के शिकार ना हों.

ग्वाटेमाला में दो बच्चे ऑनलाइन मंचों पर खेलों का आनन्द लेते हुए, और उनके माता-पिता ऑनलाइन सुरक्षा के विषय में एक वर्कशॉप में हिस्सा ले रहे हैं.
© UNICEF/Patricia Willocq

ऑनलाइन सुरक्षा मज़बूती के लिये, नया यूएन कोर्स

संयुक्त राष्ट्र ने एक ऐसा नया ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है जिसमें सोशल मीडिया मंचों पर तेज़ी से फैल रहे ख़तरनाक दुष्प्रचार और झूठी जानकारी से सुरक्षित बचे रहने के लिये, wikiHow मंच पर मुख्य सवालों के जवाब दिए गए हैं.

इंटरनेट व डिजिटल उपकरण व मंच सही व ग़लत जानकारी - दोनों के स्रोत साबित हो रहे हैं. झूठी जानकारी फैलने से रोकने के लिए एकजुट होने का आहवान किया गया है
UN OCHA/Gema Cortes

#PledgetoPause: शेयर करने से पहले ज़रा ठहरें और सोचें

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरश ने दुनिया भर के लोगों को ऑनलाइन सामग्री शेयर करने यानि आगे बढ़ाने से पहले ठहरकर सोचने का आग्रह किया है क्योंकि कोविड-19 महामारी ने एक संचार आपदा भी पैदा कर दी है जिसमें सोशल मीडिया पर झूठी सूचनाएँ और ग़लत जानकारी फैलाई जा रही है.

संयुक्त राष्ट्र के वैरीफ़ाइड अभियान के चरित्र
United Nations

ओह, मैंने फिर शेयर कर दिया !!!

Misinformation यानि दुष्प्रचार या ग़लत जानकारी फैलाने का मक़सद हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना होता है, और हम में से बहुत से लोगों ने भी कुछ ना कुछ ऐसे सन्देश या जानकारी ज़रूर शेयर की होगी है यानि आगे बढ़ाई होगी जिसके बारे में बाद में मालूम हुआ होगा कि वो सच या सही नहीं थी. इस वीडियो में एक हल्के-फ़ुल्के अन्दाज़ में मगर बहुत सटीक बात कहने की कोशिश की गई है कि हम कितनी आसानी से दुष्प्रचार या ग़लत जानकारी फैलाने के भागीदार बन जाते हैं. ये सोचना बहुत अहम और ज़रूरी है कि ग़लत जानकारी या 'फ़ेक न्यूज़' को फैलने से रोकने के लिये क्या किया जा सकता है...

 

इंटरनेट व डिजिटल उपकरण व मंच सही व ग़लत जानकारी - दोनों के स्रोत साबित हो रहे हैं. झूठी जानकारी फैलने से रोकने के लिए एकजुट होने का आहवान किया गया है
UN OCHA/Gema Cortes

कोविड-19: दुर्सूचना पर वाजिब चिन्ताएँ सुनी जाएँ और डर दूर किये जाएँ

कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में व्याप्त अनिश्चितता, भय और चिन्ता के माहौल में संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ पदाधिकारी दुनिया भर में लोगों की बात सुनने, उनकी चिन्ताओं की वैधता को समझने और ग़लत जानकारी और विज्ञान पर आधारित सटीक सूचना के बीच अन्तर समझने में उनकी मदद करने के लिये तत्पर हैं.

इंटरनेट व डिजिटल उपकरण व मंच सही व ग़लत जानकारी - दोनों के स्रोत साबित हो रहे हैं. झूठी जानकारी फैलने से रोकने के लिए एकजुट होने का आहवान किया गया है
UN OCHA/Gema Cortes

कोविड-19: झूठी व ग़लत जानकारी शेयर करने से पहले ज़रा ठहरें और सोचें!

संयुक्त राष्ट्र ने तमाम लोगों से आग्रह किया है कि उन्होंने कोविड-19 महामारी से बचने के लिए जो सामाजिक दूरी जैसे उपाय अपनाए हैं, उसी तरह के उपाय सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी अपनाएँ और कोई भी सामग्री आगे बढ़ाने यानि शेयर करने से पहले ठहरकर उसके बारे में सावधानी से सोचें.

चाड में कोविड-19 के बारे में जानकारी व जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने भी मदद की है. इसमें परम्परागत सूचना वाहकों, पत्रकारों और सामुदायिक कार्यकर्ताओं का भी सहारा लिया गया है.
WFP/Sonia Assoue

कोविड-19: दुष्प्रचार व नफ़रत से टक्कर के लिए यूएन की नई पहल - 'Verified'

संयुक्त राष्ट्र ने कोविड-19 महामारी के दौरान फैलती झूठी सूचनाओं और नफ़रत सन्देशों पर लगाम कसने के इरादे से एक नई पहल शुरू की है. इस मुहिम के ज़रिए दुनिया भर में लोगों को सशक्त बनाया जाएगा ताकि वे सटीक सूचना साझा करके लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाई जा सकें और वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा मिल सके.