नवम्बर 2021 में ग्लासगो में जलवायु सम्मेलन (COP26 )के दौरान, भारत ने नैट ज़ीरो प्राप्ति के लिये, उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिये 2050 और चीन के लिये 2060 की तुलना में, 2070 की लक्ष्य तिथि निर्धारित की. भारत ने साथ ही, कोयले के सम्बन्ध में अपने संकल्प के शब्दों को "चरणबद्ध तरीक़े से ख़त्म" करने की बजाय "चरणबद्ध तरीक़े से कम करने" में बदल दिया. ये दूरगामी निर्णय थे, जिन्हें जलवायु परिवर्तन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के कमज़ोर पड़ने के रूप में देखा गया. भारत के उस निर्णय की पृष्ठभूमि, व देश की वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (GHGs) कटौती की प्रतिबद्धताओं पूरा करने की योजना के बारे में, विश्व बैंक के जलवायु और स्थाई वित्त विशेषज्ञ अमन हंस के इस ब्लॉग में विस्तृत विश्लेषण...