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एफ़एओ

गाय को गाँवों में एक महत्वपूर्ण कृषि सम्पत्ति माना जाता है, जो धन-धान्य का सूचक तो हैं ही, साथ ही ज़रूरी पोषण के लिए भी अहम है.
© FAO/Lydia Limbe

मांस, अंडे और दूध,'पोषक तत्वों के आवश्यक स्रोत', FAO रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (UNFAO) ने मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि कुछ उपभोक्ता भले ही किसी भी तरह के पशु जनित उत्पाद से रहित शाकाहार (veganism), या केवल मछली युक्त मांसाहारी आहार (pescatarian diet) का चयन करते हों, लेकिन मांस, अंडे और दूध ही उन अति-आवश्यक पोषक तत्वों का महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जिनका पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों से प्राप्त होना आमतौर पर मुश्किल होता है.

श्रीलंका में धान के खेतों में काम करते किसान.
© FAO/Prakash Singh

श्रीलंका - पानी की कमी दूर करने के लिए FAO का डिजिटल मंच

जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली पानी की कमी को दूर करने के लिए, श्रीलंका के किसान, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा विकसित किए गए, डिजिटल मंच का उपयोग कर रहे हैं.

दक्षिणी लेबनान में बच्चे, पानी और शिक्षा सहित आवश्यक सेवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं.
© UNICEF/Fouad Choufany

लेबनान: लगभग 20 लाख लोग खाद्य असुरक्षा से पीड़ित

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने गुरूवार को कहा कि लेबनान में लगभग 20 लाख लोग, देश में व्याप्त विभिन्न संकटों के कारण, किसी न किसी रूप में खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं, और आने वाले महीनों में स्थिति बदतर हो सकती है. इनमें 12 लाख 90 हज़ार लेबनान निवासी और 7 लाख सीरियाई शरणार्थी शामिल हैं.

एफ़एओ की खाद्य नायक, इरिना वासीलिएवा.
FAO

खाद्य नायक: जॉर्जिया में महिला किसानों को बढ़ावा

मध्य यूरोपीय देश, जॉर्जिया की एक महिला किसान, अपने जीवन भर के ज्ञान, इस क्षेत्र की अन्य महिला किसानों के साथ बाँट रही हैं. वो कहती हैं, "कृषि में ऐसा कुछ भी नहीं, जो केवल पुरुष कर सकते हों, और महिलाओं के लिये करना सम्भव न हो."

कोरिया के ह्वागे-मयोन में पारम्परिक हैडॉन्ग चाय एग्रोसिस्टम. यहाँ नदियों और पहाड़ी इलाक़ों में चट्टानों के आसपास स्वदेशी चाय की खेती की जाती है.
© Hadong County, Republic of Korea

कोविड-19: खाद्य सुरक्षा को क्षति कम करने के लिए ‘देश-स्फूर्त’ दृष्टिकोण ज़रूरी

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन के प्रमुख ने कोरोनोवायरस महामारी ख़त्म होने के बाद के लिये एक नई योजना शुरू करते हुए  कहा है कि अब 'सामान्य तरीक़े से व्यापार चलाना’ कोई विकल्प नहीं रह गया है और देश स्तर पर आधारित नीतियाँ बनाने और लागू करने के विकल्प पर भी ग़ौर करना होगा.