यूरो, पाउण्ड, डॉलर - प्रवासियों द्वारा भेजी जाने वाली रक़म पर गाज
कहीं से यूरो, कहीं से पाउँड और कही से डॉलर, विदेशों में रहने वाले प्रवासी कामगार अपने मूल स्थानों पर रहने वाले अपने परिवारों को धन भेजते रहे हैं. इस धन से करोड़ों लोगों को अत्यन्त ग़रीबी से उबारने में मदद मिलती है और अन्ततः टिकाऊ विकास लक्ष्यों का दिशा में प्रगति होती है. उसके बाद आ गई कोविड-19 नामक महामारी, जिसने इस धन पर गहरी छाया छोड़ दी है.