दुष्प्रचार

दक्षिण कोरिया के इंजीनियर, दक्षिण सूडान में परिवहन बुनियादी ढाँचे को बहाली के तहत एक सड़क की मरम्मत करते हुए. (फ़ाइल फ़ोटो)
UNMISS/Amanda Voisard

विश्वसनीय सूचना ‘जीवन व मृत्यु का एक मामला’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में ‘सूचना तक पहुँच’ को एक मानवाधिकार बताते हुए रेखांकित किया कि शान्तिरक्षकों के लिये, ये स्थिति जीवन और मृत्यु का मामला हो सकता है, और शान्ति व युद्ध के बीच अन्तर का भी.

मारियुपोल के ऐज़ोवस्टार स्टील प्लांट से आमजन को सुरक्षित निकाला जा रहा है.
© UNOCHA/Kateryna Klochko

यूक्रेन: पत्रकारों के लिये बढ़ा ख़तरा, मानवाधिकार विशेषज्ञों की चेतावनी  

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने यूक्रेन में पत्रकारों को निशाना बनाये जाने पर चिन्ता जताते हुए कहा है कि रूसी आक्रमण के बाद से, पत्रकारों को अपने कामकाज के दौरान अभूतपूर्व जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है.

यूएन मानवाधिकार परिषद के एक सत्र का दृश्य
UN Photo/Jean-Marc Ferré

मानवाधिकार परिषद: ‘झूठी ख़बरों’ पर लगाम कसने के लिये प्रस्ताव पारित

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में सदस्य देशों ने यूक्रेन के आग्रह पर शुक्रवार को झूठी ख़बरों (fake news) और भ्रामक जानकारी के फैलाव से निपटने के लिये, एक कार्ययोजना को पारित किया है. इस प्रस्ताव को व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ, मगर यह सर्वसम्मति से पारित नहीं हो पाया. 

संयुक्त राष्ट्र, वैक्सीन के बारे में फैली भ्रान्तियाँ दूर करने और सही जानकारी फैलाने के लिये प्रयासरत है.
UN Photo/Manuel Elias

क्या आप वाक़ई ये शेयर करना चाहते हैं? ऑनलाइन भ्रान्तियों व तथ्यों में अन्तर!

वर्ल्ड वाइब वेब (www) का ईजाद होने के बाद से, हमें जानकारी और सूचनाओं की असीम उपलब्धता हो गी है. मगर हमें ख़तरनाक दुष्प्रचार और ग़लत जानकारी के फैलाव से भी दो-चार होना पड़ रहा है. दुष्प्रचार का मुक़ाबला करने के लिये, संयुक्त राष्ट्र द्वारा चलाए जा रहे अभियान – Verified के तहत, तथ्यों को, भ्रान्तियों व ग़लत जानकारी से छानने के लिये, एक ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसका मक़सद नाज़ुक हालात वाले लोगों को सम्भावित नुक़सान बचाने में मदद करना भी है.

कभी कभी कोई सूचना या जानकारी आगे बढ़ाने यानि शेयर करने से फ़ायदा होने के बजाय नुक़सान भी होता है. यूएन का पॉज़ अभियान - #takecarebeforeyoushare
UN Social Media

#PledgetoPause: दुष्प्रचार पर लगाम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने विश्व भर के लोगों से आग्रह किया है कि वे कोई भी ऑनलाइन सन्देश या सामग्री शेयर करने से पहले #PledgetoPause यानि पल भर रुक कर सोचने का संकल्प लें. झूठी सूचना व ग़लत जानकारी फैलने से रोकने के लिये ये अभियान शुरू किया गया है. यह पहल लोगों के आचरण में बदलाव लाने के उस व्यापक अभियान के तहत शुरू की गई है जिसका उद्देश्य तेज़ी से फैलती अफवाहों के बढ़ते असर को रोकने में मदद के लिये, सोशल मीडिया के इस्तेमाल का नया चलन शुरू कराना है.

इंटरनेट व डिजिटल उपकरण व मंच सही व ग़लत जानकारी - दोनों के स्रोत साबित हो रहे हैं. झूठी जानकारी फैलने से रोकने के लिए एकजुट होने का आहवान किया गया है
UN OCHA/Gema Cortes

#PledgetoPause: शेयर करने से पहले ज़रा ठहरें और सोचें

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरश ने दुनिया भर के लोगों को ऑनलाइन सामग्री शेयर करने यानि आगे बढ़ाने से पहले ठहरकर सोचने का आग्रह किया है क्योंकि कोविड-19 महामारी ने एक संचार आपदा भी पैदा कर दी है जिसमें सोशल मीडिया पर झूठी सूचनाएँ और ग़लत जानकारी फैलाई जा रही है.

वनाउतू नामक प्रशांति द्वीप में यूनीसेफ़ के एक जागरूता अभियान में बच्चे कोविड-19 के बारे में जानकारी हासिल करते हुए - हाथ साफ़ रखकर इस महामारी से कैसे सुरक्षित रहा जा सकता है.
© UNICEF Pacific/Toangwera

कोविड-19: दुष्प्रचार व झूठी सूचनाएँ बन गई हैं - 'Disinfodemic'

दुनिया भर में निराधार और झूठ पर आधारित जानकारी की इतनी भरमार हो गई है कि बहुत से टिप्पणीकार अब उस ग़लत जानकारी की तूफ़ानी बौछार का हवाला देने लगे हैं. कोविड-19 महामारी से संबंधित ग़लत सूचनाओं व दुष्प्रचार के इस तूफ़ान को ‘डिस्इन्फ़ोडेमिक’ कहा गया है यानी ये भी किसी महामारी से कम नहीं है.