वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

डिजिटल

यमन में एक महिला, फ़ोन और कम्प्यूटर मरम्मत की एक दुकान पर काम करते हुए.
© ILO/Ahmad Al-Basha/Gabreez

डिजिटल खाई को पाटने की पुकार, विशाल अवसरों पर भी ज़ोर

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि डिजिटल क्रान्ति, टिकाऊ विकास को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए, विशाल अवसर पेश करती है, मगर अल्पतम विकसित देशों को भी ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए, उनकी और ज़्यादा मदद करने की ज़रूरत है.

दुनिया भर में लगभग 63 प्रतिशत महिलाओं को इंटरनैट तक पहुँच हासिल है जबकि ऐसे पुरुषों की संख्या 69 प्रतिशत है.
© Ed Pagria

डिजिटल प्रौद्योगिकी - महिलाओं के विरुद्ध भेदभाव की नई स्रोत, गुटेरेश

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को यूएन महासभा हॉल में सिविल सोसायटी की अग्रणी हस्तियों के साथ संवाद के दौरान, इंटरनैट को महिलाओं व लड़कियों के लिए सुरक्षित बनाए जाने की महती ज़रूरत के बारे में विचार सुने, ये सुनिश्चित करने की ज़रूरत के साथ कि महिलाओं व लड़कियों को, वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन व ऑफ़लाइन विचार-विमर्श में समान शिरकत करने के अवसर मिलें.

UN News

विकास की अग्रदूत महिलाएँ – तकनीक व नवाचार के ज़रिए उन्नति के पथ पर अग्रसर

संयुक्त राष्ट्र की महिला संस्था - यूएन वीमैन ने अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में भारत में कोने-कोने से महिला उद्यमियों को आमंत्रित करके, उनकी सफलता का जश्न मनाया है. भारत के चुने हुए आकांक्षी ज़िलों की निवासी इन महिलाओं की कहानियाँ, आकांक्षाओं को केन्द्र में रखते हुए, टिकाऊ विकास लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर साकार करने की दिशा में, भारत सरकार और यूएन वीमैन के दृढ़ प्रयासों के उदाहरण पेश करती हैं. 

इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमारी सहयोगी अंशु शर्मा ने बात की, भारत में UN Women की उप-प्रतिनिधि, कान्ता वर्मा से...

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भारत में UNWOMEN की प्रतिनिधि, सूसन फ़र्ग्यूसन ने देश के विभिन्न हिस्सों की महिला उद्यमियों को, महिला दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली में आमंत्रित किया.
UNWOMEN/Ruhani Kaur

भारत: महिलाएँ - विकास की अग्रदूत

भारत में संयुक्त राष्ट्र की महिला संस्था यूएन वीमैन ने, अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, देश के कोने-कोने से महिला उद्यमियों को आमंत्रित करके, उनकी सफलता का जश्न मनाया है. ये महिला उद्यमी इसलिए भी ख़ास हैं, क्योंकि वो तकनीक व नवाचार के ज़रिए अपने व्यवसायों की उन्नति करने में सफल हुई हैं. वीडियो...

महिलाएँ अब तेज़ी से अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं.
UN NEWS/ Ruhani Kaur

भारत: DigitALL - लैंगिक समानता के लिए नवाचार व तकनीक का महत्व

भारत में संयुक्त राष्ट्र की महिला संस्था यूएन वीमैन ने, अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर,  देश के कोने-कोने से महिला उद्यमियों को आमंत्रित करके, उनकी सफलता का जश्न मनाया है. ये महिला उद्यमी इसलिए भी ख़ास हैं, क्योंकि वो तकनीक व नवाचार के ज़रिए अपने व्यवसायों की उन्नति करने में सफल हुई हैं. इस वर्ष अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम भी यही है - DigitALL: Innovation and technology for gender equalityयानि "डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी."

UN News/Anshu Sharma

भारत: डिजिटल चुनाव अभियान की तैयारी

भारत में ओडिशा राज्य की जेमामणि सोरेन, एक गृहिणी, एक माँ और ठाकुरमुंडा ग्राम पंचायत की पूर्व- मुखिया हैं. उन्होंने अपनी शिक्षा को गुप्त रूप से दोबारा शुरू करके, 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तैयारी की. शिक्षा जारी रखने के लिए उन्होंने सक्रिय रूप से व्हाट्सएप और यूट्यूब मंचों का उपयोग करना सीखा. अपने डिजिटल कौशल के बारे में आश्वस्त जेमामणि सोरेन, अब 2027 के पंचायत चुनावों के लिए डिजिटल तरीक़े से प्रचार करना चाहती हैं.

उनसे एक संक्षिप्त बातचीत, हमारी सहयोगी अंशु शर्मा के साथ...

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UN News/Anshu Sharma

डिजिटल माध्यम से जागरूकता का प्रसार

इस बार अन्तरारष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है – ‘DigitALL: Innovation and technology for gender equality’ यानि सभी के लिए डिजिटल, नवाचार व तकनीक के ज़रिए लैंगिक समानता की प्राप्ति.’ इसी कड़ी में भारत में यूएन वीमैन ने कुछ महिला उद्यमियों को उनकी उपलब्धियों का जश्न मानने के लिए आमंत्रित किया, जिन्होंने नवाचार व डिजिटल के माध्यम से अपने काम को व अपने अभियान को आगे बढ़ाया है. इनमें से एक हैं, दिल्ली की वन्दना.

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UN News/Anshu Sharma

भारत: सामुदायिक पत्रकारिता प्रशिक्षण के ज़रिए जागरूकता का प्रसार

इस बार अन्तरारष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है – ‘DigitALL: Innovation and technology for gender equality’ यानि सभी के लिए डिजिटल, नवाचार व तकनीक के ज़रिए लैंगिक समानता की प्राप्ति.’ इसी कड़ी में भारत में यूएन वीमैन ने कुछ महिला उद्यमियों को उनकी उपलब्धियों का जश्न मानने के लिए आमंत्रित किया, जिन्होंने नवाचार व डिजिटल के माध्यम से अपने काम को व अपने अभियान को आगे बढ़ाया है. इन्ही में से एक हैं, वाराणसी की स्वाति सिंह.

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तुर्कीये की दिलानाज़ गुलेर, 19 वर्षीय लैंगिक समानता और हिंसा विरोधी कार्यकर्ता हैं व यूथ फ़ॉर डिजिटल लिटरेसी की संस्थापक हैं.
Courtesy of Dilanaz Güler

डिजिटल साक्षरता के ज़रिए, ऑनलाइन लिंग आधारित हिंसा का मुक़ाबला

तुर्कीये की एक किशोर लैंगिक समानता कार्यकर्ता, नारीवाद और ऑनलाइन लिंग आधारित हिंसा से निपटने के लिए, डिजिटल साक्षरता और मीडिया पर मौजूद जानकारी का सोच-समझकर उपभोग करने के लिए प्रेरित करने हेतु काम कर रहीं हैं.

ग्वाटेमाला में दो बच्चे ऑनलाइन मंचों पर खेलों का आनन्द लेते हुए, और उनके माता-पिता ऑनलाइन सुरक्षा के विषय में एक वर्कशॉप में हिस्सा ले रहे हैं.
© UNICEF/Patricia Willocq

ऑनलाइन सुरक्षा मज़बूती के लिये, नया यूएन कोर्स

संयुक्त राष्ट्र ने एक ऐसा नया ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है जिसमें सोशल मीडिया मंचों पर तेज़ी से फैल रहे ख़तरनाक दुष्प्रचार और झूठी जानकारी से सुरक्षित बचे रहने के लिये, wikiHow मंच पर मुख्य सवालों के जवाब दिए गए हैं.