संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष सांस्कृतिक अधिकारी ऑड्री अज़ूले ने कहा है कि ईसाइयों के धर्मगुरू पोप फ्रांसिस की इराक़ के उत्तरी क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन चर्च में प्रार्थना करने के लिये ऐतिहासिक यात्रा करना, विश्व के लिये एक स्पष्ट सन्देश दर्शाता है कि तमाम धर्मों के अनुयाइयों के बीच समरसता और एकजुटता ही, मानवता की प्रगति व आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.