भोजन बर्बादी

हर वर्ष 90 करोड़ टन से ज़्यादा भोजन फेंक दिया जाता है जिससे बेशक़ीमती संसाधन बर्बाद होने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन में भी वृद्धि होती है.
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भोजन की बर्बादी, जलवायु परिवर्तन को न्योता

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के एक नए अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2019 में बेचा गया, 93 करोड़ टन से ज़्यादा भोजन, कूड़ेदान में फेंक दिया गया. यूएन एजेंसी के अनुसार भोजन की बर्बादी केवल धनी देशों की समस्या नहीं है, और इससे जलवायु परिवर्तन के लिये भी खाद मिलती है. वर्ष 2030 तक टिकाऊ विकास एजेण्डा के तहत, वर्ष 2030 तक, भोजन की बर्बादी में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है.