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बुनियादी अधिकार

कोरोनावायरस महामारी के कारण एचआईवी के उच्च जोखिम वाले समूह में एक यौनकर्मी की कमाई ख़त्म हो गई, जिससे उन्हें भूख की मार झेलनी पड़ी. (फ़ाइल)
WFP

भारत: यौनकर्मियों के संवैधानिक अधिकारों का सम्मान, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत

एचआईवी/एड्स के विरुद्ध लड़ाई का नेतृत्व करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी – यूएनएड्स (UNAIDS) ने भारत में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की सराहना की है, जिसमें यौनकर्मियों के बुनियादी अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण के लिये निर्देश जारी किये गए हैं. इनमें जीवन जीने का अधिकार और व्यक्ति की गरिमा के प्रति सम्मान समेत अन्य अधिकार हैं.

यूएन मानवाधिकार परिषद के एक सत्र का दृश्य
UN Photo/Jean-Marc Ferré

मानवाधिकार परिषद: बेलारूस, म्याँमार में मानवाधिकार हनन पर चिन्ता, प्रस्ताव पारित

स्विट्ज़रलैण्ड के जिनीवा में 47 सदस्य देशों वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने बुधवार को म्याँमार और बेलारूस पर प्रस्तावों को पारित किया है जिनमें इन देशों में बुनियादी अधिकारों के उल्लंघन की निन्दा की गई है. ग़ौरतलब है कि बेलारूस में अगस्त 2020 में विवादित राष्ट्रपति चुनावों और म्याँमार में हाल ही में सैन्य तख़्ता पलट के बाद, दोनों देशों में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिन्ता ज़ाहिर की जाती रही है. 

यूएन में म्याँमार के स्थाई प्रतिनिधि, राजदूत चॉ मो तुन ने महासभा को अपने सम्बोधन का अन्त 1 फ़रवरी को हुए तख़्ता पलट की निन्दा करते हुए किया.
UN Web TV

म्याँमार: प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ हिंसा की निन्दा, 'बुनियादी अधिकारों का सम्मान हो'

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने म्याँमार में बढ़ती हिंसा की कड़े शब्दों में निन्दा की है और बल प्रयोग पर तत्काल रोक लगाए जाने की माँग की है. म्याँमार में सेना द्वारा सत्ता पर क़ब्ज़ा किये जाने के बाद, विरोध-प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 18 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है.  

मलेशिया के केलान्तन में एक सब्ज़ी बाज़ार.
Unsplash/Alex Hudson

मलेशिया: प्रवासियों को म्याँमार वापिस भेजे जाने के फ़ैसले की आलोचना

संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने, हिरासत में रखे गए, एक हज़ार से ज़्यादा प्रवासियों को, संकटग्रस्त म्याँमार वापिस भेजे जाने के मलेशियाई सरकार के फ़ैसले की आलोचना की है. मलेशिया की एक अदालत ने न्यायिक समीक्षा होने तक, प्रवासियों को देश वापिस भेजे जाने रोक लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद इन प्रवासियों को निर्वासित किया गया है.