वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

बिजली

पूर्वोत्तर बांग्लादेश में, कुलौरा उपज़िला के मोबारकपुर सामुदायिक क्लिनिक में, एक माँ और बच्चे इलाज के लिये आए हैं.
UN Photo/Mark Garten

WHO - स्वास्थ्य सुविधाओं के विद्युतीकरण में ख़ामियाँ पाटने की ज़रूरत

संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक रिपोर्ट से मालूम हुआ है कि वैसे तो स्वास्थ्य देखभाल के लिये बिजली बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन निर्धन देशों में लगभग एक अरब लोग – यानि वैश्विक आबादी के एक - आठवें हिस्से को स्वास्थ्य सुविधाएँ, विश्वसनीय बिजली आपूर्ति के बिना प्रदान की जाती है. एक वीडियो रिपोर्ट.

भारत में, ग्रामीण स्कूलों में बिजली नहीं होने के कारण, बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिये सोलर लैम्प मुहैया कराए जा रहे हैं.
© UNICEF/Pranav Purushotham

महामारी ने, 2030 तक सार्वभौमिक बिजली सुलभता की दिशा में प्रगति को किया है बाधित

संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी ने बिजली और भोजन पकाने के लिये प्रयोग होने वाले स्वच्छ ईंधनों व टैक्नॉलॉजी की सार्वभौमिक उपलब्धता की दिशा में प्रगति को धीमा किया है, और यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप, आगे और भी ज़्यादा झटके लग सकते हैं.

भारत की एक अग्रणी सौर ऊर्जा परियोजना रीवा सौर पार्क है, जिसकी मदद से नई दिल्ली की मेट्रो रेल प्रणाली को ऊर्जा प्रदान की जा रही है.
Climate Investment Funds

भारत: युवजन ही लाएंगे बदलाव

भारत एक वैश्विक जलवायु नेतृत्व की ओर अग्रसर है. भारत का लक्ष्य है - 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा का 40% नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न करना. भारत की जलवायु महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिये, युवजन भी दृढ़ता से खड़े हैं. भारत में WETHECHANGENOW अभियान के तहत जलवायु कार्रवाई पर एक वीडियो रिपोर्ट...
 

मॉरीतानिया के दक्षिणी हिस्से में, महिलाओं की सहकारिता वाली खेतीबाड़ी में सिंचाई करने के लिये, सौर ऊर्जा का प्रयोग होता है.
© UNICEF/Raphael Pouget

जलवायु त्रासदी टालने के लिये, बिल्कुल अभी निर्णायक कार्रवाई की पुकार

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को विश्व नेताओं का आहवान करते हुए, जलवायु त्रासदी को टालने की ख़ातिर, बिल्कुल अभी निर्णायक कार्रवाई करने की पुकार लगाई है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने 31 अक्टूबर से स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में शुरू होने वाले अगले जलवायु सम्मेलन कॉप26 से पहले, आयोजित एक आपदा सम्मेलन में शिरकत करते हुए ये आहवान किया है.

विश्व बैंक ने अपने कुछ साझीदारों के साथ मिलकर, बांग्लादेश में सौर ऊर्जा घर कार्यक्रम का वित्तपोषण किया है. इसके तहत, दूर-दराज़ के इलाक़ों में समुदायों को सौर ऊर्जा उपलब्ध कराई जा रही हैं.
The World Bank

बांग्लादेश: 'सौर घर प्रणाली कार्यक्रम' साबित हुआ नया विकास वाहक

विश्व बैंक (World Bank) ने अन्य साझीदारों के साथ मिलकर, बांग्लादेश में घरों तक बिजली पहुँचाने के लिये 'सौर ऊर्जा घर प्रणाली' (SHS) कार्यक्रम को वित्तीय पोषण प्रदान किया, जिससे देश की विकास प्रक्रिया में अहम सहयोग मिला है. इस कार्यक्रम के ज़रिये, दूर-दराज़ के क्षेत्रों में समुदायों तक बिजली पहुँचाने वाले एक 'ऑफ़-ग्रिड सौर बाज़ार' के निर्माण के लिये सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच भागीदारी को समर्थन दिया गया. 

     

    बिजली-चालित वाहनों को बढ़ावा देने के लिये,भारत में  यूनेप की मदद से मुंबई रेलवे स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक  वाहन चार्जिंग पॉइंट लॉन्च किए जा रहे हैं.
    Central Indian Railway, Mumbai Division

    भारत: बिजली चार्जिंग से हरित परिवहन

    भारत में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और भारतीय रेलवे ने मिलकर मुम्बई में बिजली-चालित परिवहन साधनों को बढ़ावा देने के लिये एक नवीन हरित पहल शुरू की है. इसके तहत, बिजली-चालित वाहनों के लिये शहर में सभी महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों, उपनगरों और निकटवर्ती मुम्बई महानगरीय क्षेत्र में, इलैक्ट्रिक (बिजली) चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराए जाएँगे.

    काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के पूर्वी इलाक़े में एक गुरिल्ला. अनुकूल आवास के अभाव में स्वस्थ गुरिल्ला आबादी लगातार कम हो रही है, इसके लिये पूरे क्षेत्र में संघर्ष भी ज़िम्मेदार हैं.
    UNEP

    प्राकृतिक पर्यावरण को उठाना पड़ता है युद्ध का ख़ामियाज़ा

    संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने प्राकृतिक संसाधनों और पारिस्थितिकी तन्त्र का बेहतर प्रबन्धन किये जाने का आहवान करते हुए ध्यान दिलाया है कि ऐसा करने से युद्धग्रस्त समाजों में शान्ति स्थापना करने और संकट प्रभावित देशों में टिकाऊ विकास में जान फूँकने का रास्ता निकल सकता है.

    कोयले पर दक्षिण अफ्रीका की निर्भरता साफ़ नज़र आती है. कोयला खदान प्रक्रिया के कारण पानी सिंचाई, उद्योग और पीने के योग्य नहीं बचता. पानी केवल गन्दा नहीं, बल्कि ज़हरीला हो गया है.
    UN Photo/Gill Fickling

    स्वच्छ, कुशल ऊर्जा में भारत की अहम भूमिका

    महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को 19वें दरबारी सेठ स्मारक व्याख्यान को सम्बोधित किया. ये व्याख्यान ऊर्जा व शोधन संस्थान (टैरी) भारत, ने अपने संस्थापक और जलवायु कार्रवाई के प्रणेता, दरबारी सेठ के सम्मान में आयोजित किया था. इस व्याख्यान में महासचिव ने कोविड-19 पुनर्बहाली में जलवायु कार्रवाई को प्रमुखता देते हुए ज़ोर देकर कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा बढ़ाकर अपनी दो शीर्ष प्राथमिकताएँ प्राप्त कर सकता है - ग़रीबी उन्मूलन और ऊर्जा की सार्वभौमिक पहुँच की गारण्टी. उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन की बजाय अक्षय ऊर्जा में निवेश करने से तीन गुना अधिक रोज़गार उत्पन्न हो सकते हैं.

    मॉरीतानिया के एक इलाक़े में एक वायु ऊर्जा मैदान में एक ऊँट. नवीकरणीय ऊर्जा स्वस्थ होने के साथ-साथ और ज़्यादा किफ़ायती होती जा रही है.
    © UNDP Mauritania/Freya Morales

    अक्षय ऊर्जा उत्पादन में धन निवेश करना बुद्धिमानी

    कोविड-19 महामारी से जीवाष्म ईंधन उद्योग जगत भी बुरी तरह प्रभावित हुआ, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की एक ताज़ा रिपोर्ट दिखाती है कि ऐसे माहौल में ग़ैर-परम्परागत या अक्षय (नवीनीकरणीय) ऊर्जा पहले से कहीं ज़्यादा किफ़ायती साबित ह रही है. इससे तमाम देशों में आर्थिक पुनर्बहाली के लिए बनाई जाने वाली राष्ट्रीय आर्थिक नीतियों में स्वच्छ ऊर्जा को प्राथमिकता पर रखने का एक अवसर भी मिला है. ऐसे होने से दुनिया पेरिस समझौते में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के ज़्यादा नज़दीक होगी.

    ज़िम्बाब्वे के बुलावायो शहर के अस्पताल में सोलर पैनल से हो रही है बिजली आपूर्ति.
    UNDP/Slingshot

    सौर ऊर्जा से स्वास्थ्य सेवाओं को मिली मज़बूती

    दुनिया के कई इलाक़े ऐसे हैं जहां बिजली सेवा या तो अभी नहीं पहुंची है या फिर उसकी निर्बाध आपूर्ति अब भी एक सपना है. लेकिन अफ़्रीका में कई देशों में स्थानीय चिकित्सा केंद्र अब एक ऐसी योजना का लाभ उठा रहे हैं जिसमें उन्हें सोलर पैनल के ज़रिए बिजली मिल रही है.