बाल विवाह

हालिम्ज़ की शादी 14 साल की उम्र में हुई थी. वह अपने भाइयों के विपरीत कभी स्कूल नहीं गई, और कहती हैं कि चाड में उनके गांव में बाल विवाह गरीबी के मुख्य कारणों में से एक है.
UNICEF/UN014189/Sang Mooh

लड़कियों के बेहतर भविष्य के लिए, 2030 तक बाल विवाह का उन्मूलन ज़रूरी

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने क्षोभ प्रकट किया है कि बाल विवाह को मानवाधिकारों का उल्लंघन क़रार दिए जाने के बाद भी यह समस्या अब भी व्याप्त है. यूएन एजेंसी ने इस चुनौती से निपटने के लिए समन्वित, वैश्विक कार्रवाई पर बल दिया है ताकि वर्ष 2030 तक बाल विवाह के मामलों का उन्मूलन के लक्ष्य को साकार किया जा सके.

किर्गिस्तान की महिलाएँ, घरेलू हिंसा से सुरक्षा की तलाश में इन विशेष केन्द्रों में आती हैं.
Sezim social center, Kyrgyzstan

किर्गिस्तान में बाल विवाह और 'दुल्हनों के अपहरण' के ख़िलाफ़ अभियान जारी

किर्गिस्तान में हालाँकि बाल विवाह और "दुल्हनों का अपहरण" अवैध है, लेकिन दोनों प्रथाएँ अब भी देश के कुछ हिस्सों में जारी हैं. अन्ततः, एक संयुक्त राष्ट्र समर्थित कार्यक्रम के ज़रिये, दृष्टिकोण में बदलाव और इन हानिकारक प्रथाओं के मामलों में गिरावट सम्भव हो रही है.

सात वर्ष की उम्र में सगाई और 14 वर्ष की उम्र में शादी होने के बाद, एक अफ़गान वधू को अन्तत: अवसाद सहित अन्य बीमारियों के लिये उपचार मिल पा रहा है.
© UNFPA Afghanistan

अफ़ग़ानिस्तान: बाल विवाह के मामलों में आई तेज़ी 'चिन्ताजनक'

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) को ऐसी विश्वसनीय रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं, जिनके अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में लड़कियों की कम आयु में ही शादी कर दिये जाने के मामले बढ़े हैं. कुछ मामलों में तो परिवार, दहेज की एवज़ में, अपनी महीने भर की बेटियों का भविष्य में विवाह कराने का वादा करने के लिये मजबूर हो रहे हैं. 

बांग्लादेश में कोरेल बॉन बाज़ार सामुदायिक केन्द्र के सदस्यों ने कोविड-19 महामारी के दौरान स्थानीय परिवारों की मदद की है.
© UN-Habitat/Kirsten Milhahn

कोविड-19: आपसी सम्बन्धों पर प्रभाव

स्वास्थ्य संकट की स्थिति में, स्कूल, सामाजिक संस्थाओं और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच खो देने के कारण, ख़ासतौर पर लड़कियों को बाल-विवाह और कम उम्र में गर्भवती होने के जोखिम का सामना करना पड़ता है.

बांग्लादेश की 15 साल की त्रिशा कहती हैं, "मैं एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था चाहती हूँ, जहाँ महिलाएँ और बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित हों. बाल विवाह हमारे समाज के लिये एक अभिशाप है. जब कोई लड़की बाल विवाह का शिकार होती है, तो वह शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित होती है.”

यह वीडियो, लड़कियों ने ख़ुद बनाकर, अपने विचार, अपने शब्दों में, व्यक्त किये हैं. (वीडियो देखें)...

© UNFPA India/Arvind Jodha

महामारी के दौरान रोके गए 25 बाल-विवाह

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष-यूनीसेफ़ भारत में कोविड-19 महामारी से बचने के लिये मार्च 2020 में लागू हुई तालाबन्दी के बाद बिहार राज्य में 25 बाल विवाह रोकने में सफल रहा है. ये सभी बाल विवाह, मुसाहर (चूहे खाने वाले दलित समुदाय) जैसे महादलित समुदायों में होने वाले थे. यूनीसेफ़ के कार्यकर्ताओं व शिक्षकों द्वारा मुस्तैदी से समय पर सूचना मिलने की बदौलत, ये बाल विवाह रोके गए.

ऑडियो
9'43"
बाल विवाह की समस्या से लड़कियां ज़्यादा पीड़ित हैं.
UNICEF/Kiran Panday

15 साल की उम्र से पहले हुआ दो करोड़ लड़कों का विवाह

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि विश्व भर में 11.5 करोड़ लड़कों और पुरुषों का विवाह बचपन में ही कर दिया गया. इनमें 2.3 करोड़ लड़कों की शादी 15 साल का होने से पहले ही कर दी गई. यह पहली बार है जब बाल दूल्हों की समस्या का नज़दीकी सेअध्ययन किया गया है. जो बच्चे इस समस्या का शिकार हुए वे निर्धनतम परिवारों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और पढ़े-लिखे नहीं होते.