बाल शिक्षा

24 मार्च 2021 को मेडागास्कर के मनंतांतली में, 17 वर्षीय मिजा अंजारसोआ खिड़की से बाहर देखती है। वह सोनियराना जनरल एजुकेशन कॉलेज में "कैच-अप क्लास" कार्यक्रम का हिस्सा हैं और दाई बनने की इच्छा रखती हैं.
© UNICEF/Rindra Ramasomanana

2023: बाल कल्याण को प्रभावित करने वाले आठ बड़े रुझान

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने मंगलवार को अपनी एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें आपस में गुँथे हुए, सिलसिलेवार संकट और ऐसे अहम रुझान साझा किये गए हैं, जिनका इस वर्ष बच्चों पर सीधा असर होने की आशंका है.

आइवरी कोस्ट के सैन पेद्रो प्राथमिक स्कूल में बच्चे कक्षाओं में लौट रहे हैं.
© UNICEF/Frank Dejo

कोविड-19 ने निर्धन देशों में बच्चों को किया चार महीने की स्कूली पढ़ाई से वंचित

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 ने निर्धनतम देशों में स्कूली बच्चों को लगभग चार महीने की पढ़ाई-लिखाई से वंचित कर दिया है जबकि उच्च आय वाले देशों में बच्चों की छह हफ़्ते की पढ़ाई पर ही असर पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) और विश्व बैंक (World Bank) की एक साझा रिपोर्ट में यह बात उजागर हुई है. 

कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में करोड़ों बच्चों को ग़रीबी के गर्त में धकेल दिया है. यूनीसेफ़ के अनुसार बहुत से परिवार ग़रीबी के अभूतपूर्व स्तरों का सामना कर रहे हैं.
© UNICEF/Fazel

कोविड ने करोड़ों और बच्चों को अत्यन्त ग़रीबी में धकेला

संयुक्त राष्ट्र के एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कोरोनावायरस महामारी ने दुनिया भर में 15 करोड़ अतिरिक्त बच्चों को बहुआयामी ग़रीबी के गर्त में धकेल दिया है जिसके कारण वो शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, पोषण, स्वच्छता और जल संसाधनों से वंचित हो गए हैं.

मैड्रिड, स्पेन में 4 साल के रूबेन और उसकी छोटी बहन खेल रहे हैं, जबकि उनकी माँ, डैनियल काम में जुटी हैं.
© UNICEF/Sergio Robles

धनी देश बच्चों को कोविड-19 के दुष्परिणामों से बचाने में सहयोग करें

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) द्वारा गुरुवार को प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, दुनिया के सबसे धनी देशों में बच्चे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, मोटापे और सामाजिक व शैक्षणिक कौशल की कमी से जूझ रहे हैं.

केनया के नैरोबी में मथारे अनौपचारिक शिविर में माँ अपने दस वर्षीय बच्चा को पढ़ा रही है.
© UNICEF/Translieu/Nyaberi

कोविड-19: बाल शिक्षा के लिये अहम क्षण, निडर क़दम उठाने का आहवान 

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 ने शिक्षा के इतिहास में सबसे बड़ा व्यवधान पैदा किया है जिसके कारण 160 से ज़्यादा देशों में एक अरब से ज़्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को नया नीतिपत्र जारी करते हुए, मौजूदा शिक्षा संकट और गहराती विषमताओं से निपटने के लिये अपना चार सूत्री एजेण्डा सामने रखा है जिसमें स्कूलों में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने, निवेश बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षा की नए सिरे से कल्पनाशीलता का आहवान किया गया है.

चीन के एक प्री-स्कूल में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं.
© UNICEF/Nyan Zay Htet

कोविड-19: बाल देखभाल संस्थानों पर भारी असर, करोड़ो बच्चे प्रभावित

 संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) का नया अध्ययन दर्शाता है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण विश्व भर में चार करोड़ से ज़्यादा बच्चों को शुरुआती पढ़ाई-लिखाई से वंचित होना पड़ा है. महामारी से बचाव के ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र - औपचारिक स्कूली शिक्षा की शुरुआत से ठीक पहले वाले साल (प्री-स्कूल वर्ष) में बाल देखभाल संस्थानों और आरम्भिक शिक्षा केन्द्रों के बन्द होने के कारण यह अवरोध पैदा हुआ है.