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औषधि

मेडागास्कर में, जंगलों के सहारे, अनेक स्थानीय समुदायों की आजीविका चलती है
© UNICEF/Rindra Ramasomanana

स्वस्थ वन, स्वस्थ ग्रह, स्वस्थ मनुष्य

वनों को अक्सर पृथ्वी के फेफड़े कहा जाता है, क्योंकि वो हानिकारक कार्बन डाइऑक्साइड को सोख़कर, जीवनदायिनी ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं. इसलिए, इस वर्ष 2023 के अन्तरराष्ट्रीय वन दिवस की थीम की तर्ज़ पर, अगर स्वस्थ वनों की तुलना स्वस्थ लोगों से की जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.

सी-बकथॉर्न के पौधे पर लगे बेर फल.
UNDP India

भारत: बेर चुनकर पहाड़ों की रक्षा की अनोखी मुहिम

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने भारत में सरकार और वैश्विक पर्यावरण सुविधा के साथ साझेदारी में, ‘SECURE Himalaya’ नामक कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत, सी-बकथॉर्न-आधारित उत्पादों पर एक व्यापार मॉडल विकसित करके, स्थानीय समुदायों को वैकल्पिक आजीविका व रोज़गार के नए अवसर मिल रहे हैं.

 

, दुनिया भर में 80 फ़ीसदी आबादी द्वारा पारम्परिक औषधि व चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है.
WHO

पारम्परिक चिकित्सा के लिये वैश्विक केन्द्र - कारगर उपचार सुलभता का लक्ष्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने भरोसा जताया है कि पारम्परिक औषधि के लिये WHO वैश्विक केन्द्र की स्थापना के ज़रिये, पारम्परिक चिकित्सा के लिये तथ्यात्मक आधार को मज़बूत करने में मदद मिलेगी और सर्वजन के लिये सुरक्षित व कारगर उपचार सुनिश्चित किया जा सकेगा.

नाइजीरिया के एक 54 वर्षीय व्यक्ति को, टाइप-2 डायबटीज़ के कारण, अपना दाहिना पैर गँवाना पड़ा.
WHO / Andrew Esiebo / Panos Pictures

ईजाद के 100 वर्ष बाद भी इंसुलिन, बहुत से लोगों की पहुँच से बाहर

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने (WHO) ने शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा है कि खोज किये जाने के एक शताब्दी बाद भी इंसुलिन, दुनिया भर में, डायबटीज़ के साथ जीवन जीने वाले बहुत से लोगों की पहुँच से बाहर है. ये रिपोर्ट इंसुलिन की खोज की एक सदी पूरी होने के अवसर पर प्रकाशित की गई है.

© UNICEF Afghanistan

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 13 अगस्त 2021

इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...

  • अफ़ग़ानिस्तान में तेज़ी से सघन होती लड़ाई में नज़र आ रहे हैं एक मानवीय त्रासदी के चिन्ह.
  • IPCC की एक रिपोर्ट में चेतावनी - जलवायु परिवर्तन अति गम्भीर, देर हुई तो मौक़ा निकलेगा हाथ से.
  • WHO ने कोरोनावायरस की जड़ का पता लगाने के लिये लगाई वैश्विक सहयोग की पुकार.
  • सभी देशों से निगरानी टैक्नॉलजी की बिक्री व हस्तान्तरण पर स्वैच्छिक रोक लगाए जाने का आहवान. 
  • और सुनियेगा -  भारत की एक जलवायु कार्यकर्ता रिधिमा पाँडे के साथ एक ख़ास इण्टरव्यू.
     
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थाईलैण्ड में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा समर्थित एक शोध केन्द्र में, काम करते हुए एक प्रयोगशाला वैज्ञानिक.
© WHO/Ploy Phutpheng

कोविड-19: तीन नई औषधियों का सॉलिडैरिटी ट्रायल घोषित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को बताया है कि कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला करने के लिये असरदार इलाज की खोज करने के प्रयासों के तहत, वैश्विक एकजुटता क्लीनिकल ट्रायल के ताज़ा चरण में, तीन नई उम्मीदवार औषधियों का परीक्षण किया जा रहा है.

गम्भीर बीमारियों के इलाज के अभाव ने, लोगों को विश्व के सबसे ख़तरनाक बैक्टीरिया के जोखिम के लिये असुरक्षित छोड़ दिया है
CDC

WHO: नई दवाओं की क़िल्लत से, बेहद ख़तरनाक बैक्टीरिया से ख़तरनाक जोखिम

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि सामान्य संक्रमणों के नए उपचारों के अभाव ने लोगों को, दुनिया के सबसे ख़तरनाक बैक्टीरिया की चपेट के जोखिम का सामना करने के लिये असुरक्षित छोड़ दिया है.

मारिजुआना का कश लगाने में इस्तेमाल होने वाले पाइप.
UN News/Elizabeth Scaffidi

नशीले पदार्थों के शौकिया इस्तेमाल से युवाओं को ख़तरा

कैनेबिस (भांग) के चिकित्सीय उपयोग पर लचर नियंत्रण इसके शौकिया  इस्तेमाल को बढ़ा सकता है जबकि आम लोगों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में सही जानकारी ही नहीं है. नशीले पदार्थों पर नियंत्रण के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र समर्थित संस्था, अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स नियंत्रण बोर्ड (आईएनसीबी) ने अपनी नई रिपोर्ट में भांग और गांजे (मारिजुआना) के जोखिम के  प्रति सचेत किया है. 

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