Skip to main content

असम

रेनू बरूआ, अपने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ, जिन्होंने हथकरघा उद्योग के ज़रिए अपनी जीवन बदल लिया.
UNWOMEN India

भारत: ख़ुशहाल कहानियाँ बुनती महिलाएँ, असम की बुनकर उद्यमियों की दास्तान

भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था (UNWOMEN) ने कुछ उद्यमी महिलाओं की प्रेरक आपबीतियाँ प्रकाशित की हैं. इनमें से एक है, देश के पूर्वोत्तर प्रदेश असम की बुनकर महिला उद्यमियों की आपबीती, जिन्होंने सरकारी योजनाओं की मदद से कौशल प्रशिक्षण व ऋण लेकर, अपनी ज़िन्दगी ही बदल डाली.

असम के मोरीगांव ज़िले के गोपाल कृष्णा टी एस्टेट अस्पताल में, माताएँ अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इन्तज़ार कर रही हैं.
WHO India/Sanchita Sharma

भारत: कमज़ोर समुदायों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने के लिए, असम का अनूठा मॉडल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के सहयोग से, देश के असम प्रदेश में, एक अनूठे मॉडल के ज़रिए, घर-घर तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई जा रहीं हैं. सरकारी व निजी सैक्टर की भागेदारी वाले इस मॉडल का उद्देश्य - कमज़ोर समुदायों को उनके घर के पास ही टीकाकरण व उचित इलाज सुविधाएँ प्रदान करना है. 

यूएन अधिकारियों का मानना है कि लिंग आधारित हिंसा की छाया कोविड-19 महामारी के पीछे छिपी है.
UNDP

कोविड-19 के दौरान घरेलू हिंसा बढ़ोत्तरी से निपटने के लिये यूएन एजेंसियों के सक्रिय प्रयास

वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामलों में बढोत्तरी दर्ज की गई और सख़्त पाबन्दियों के कारण सहायता सेवाओं की उपलब्धता भी सीमित रही है. भारत में संयुक्त राष्ट्र घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को सहारा देने वाले संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उन्हें हरसम्भव सहायता उपलब्ध कराने के लिये प्रयासरत है. एक रिपोर्ट... 

भारत में सीआरपीएफ़ के जवान असम प्रदेश में लॉकडाउन से प्रभावित लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करते हुए, साथ में संगीत के ज़रिए लोगों का मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रखने की कोशिश की गई.
UNDP India

कोविड-19: सीआरपीएफ़ की अनोखी पहल

भारत के असम राज्य में सीआरपीएफ़ और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने दिहाड़ी मज़दूरों को भोजन सामग्री वितरण के दौरान उनका हौसला बढ़ाने के लिए अनोखा तरीक़ा अपनाया. असम में कामरूप ज़िले के रानी में जवानों ने गीत गाकर उनके मानसिक स्वास्थ्य का भी ख़याल रखा. देखें वीडियो...

अहमद शहीद धर्म और आस्था की स्वतंत्रता मामलों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैं.
UN Photo/Jean-Marc Ferré

असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर में बदलावों पर गंभीर चिंता

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत के असम राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) में लगातार किए जा रहे बदलावों और लाखों लोगों पर इनसे होने वाले भारी नुक़सान की संभावनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. प्रभावित होने वाले ज़्यादातर लोग अल्पसंख्यक समुदायों से हैं. इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इन अल्पसंख्यक समुदायों के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे नफ़रत भरे माहौल पर भी गंभीर चिंता जताई है.