वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

अफ़ग़निस्तान

पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प से हुई बर्बादी के बाद स्थानीय समुदायों ने टैंट में शरण ली है.
UNOCHA/Ahmad Khalid Khaliqi

अफ़ग़ानिस्तान: बुनियादी ज़रूरतों और गुज़र-बसर के लिए संघर्ष कर रहे हैं भूकम्प पीड़ित

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि भूकम्प पीड़ितों की केवल तात्कालिक ज़रूरतें पूरी करने के लिए ही नहीं, बल्कि उनके भविष्य को फिर से सँवारने की क्षमता के लिए भी समर्थन दिया जाना होगा. उन्होंने सोमवार को देश के जलालाबाद शहर से भूकम्प के बाद उपजी स्थिति और मानवीय राहत प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि कुछ ही पलों के भीतर, परिवारों की ज़िन्दगियाँ तबाह हो गई. 

अफ़ग़ानिस्तान में लड़कियों को माध्यमिक स्तर की शिक्षा से दूर कर दिया गया है.
© UNICEF/Osman Khayyam

अफ़ग़ानिस्तान वापिस लौट रही महिलाओं के लिए बढ़ते ख़तरों की चेतावनी

ईरान और पाकिस्तान से, अफ़ग़ानिस्तान वापिस लौट रहीं महिलाओं और लड़कियों को अनेक तरह के गम्भीर ख़तरों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें तुरन्त व दीर्घकालिक सहायता की सख़्त ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया है. 

जनवरी से अब तक 13 लाख से अधिक लोगों को मजबूरी में अफ़ग़ानिस्तान लौटना पड़ा है.
UNAMA

अफ़ग़ानिस्तान लौटने वालों की भारी संख्या एक चुनौती, साझा ज़िम्मेदारी की अपील

अफ़ग़ानिस्तान में पड़ोसी देशों से लौट रहे लोगों की भारी संख्या को संभालना एक बड़ी चुनौती बन गया है. ऐसे में, संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग का आग्रह किया है.

अफ़ीम की खेती से होने वाली आय की भरपाई के लिए वैकल्पिक आजीविका और सूखा प्रतिरोधी कृषि में पर्याप्त निवेश की आवश्यकता है.
© UNDP/S. Omer Sadaat

अफ़ग़ानिस्तान: अफ़ीम उत्पादन में लगातार दूसरे वर्ष गिरावट मगर...

मादक पदार्थों एवं अपराध नियंत्रण पर यूएन कार्यालय (UNODC ) के नए अनुमानों में बताया गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में, वर्ष 2024 में अफ़ीम के उत्पादन में 433 टन के साथ, लगातार दूसरे वर्ष गिरावट दर्ज की गई है. हालाँकि यह आँकड़ा 2023 की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, मगर फिर भी यह वर्ष 2022 के स्तर से यह 93 प्रतिशत नीचे है, जब सत्तारूढ़ तालेबान प्रशासन ने मादक पदार्थों पर देशव्यापी प्रतिबन्ध लागू किया था.

अफ़ग़ानिस्तान की पूर्व सांसद हबीबा सराबी और वकील व पूर्व राजनयिक असीला वारदक ने देश में महिलाओं के हालात सुधारने के लिए, अधिक अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों का आग्रह किया है.
UN News/Mehboob Khan

अफ़ग़ानिस्तान: 'मुस्लिम देशों को तालेबान को समझाना होगा'

अफ़ग़ानिस्तान में अगस्त 2021 में तालेबान की सत्ता वापसी के बाद महिलाओं व लड़कियों की शिक्षा और समाज में उनकी मौजूदगी को सीमित व प्रतिबन्धित करने के लिए अनेक क़ानून और निर्देश जारी किए गए हैं. जबकि अन्य मुस्लिम देशों में महिलाएँ शिक्षा भी हासिल कर रही हैं, समाज में सक्रिय नज़र आती हैं, कामकाज करके देश की प्रगति में भी सहयोग दे रही हैं. इस सन्दर्भ में यूएन मुख्यालय में 23 सितम्बर को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं का समावेश बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा हुआ. इस कार्यक्रम में शिरकत करने वाली दो अफ़ग़ान महिलाओं के साथ यूएन न्यूज़ के महबूब ख़ान ने बातचीत की, जिनका कहना है कि मुस्लिम देशों को तालेबान को समझाने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे...

फ़ातिमा ने एफ़एओ परियोजना का लाभ उठाया, जिसमें उन्हें तार की जाली बुनना सिखाया, जो प्राचीन समय में उनके गाँव में बाढ़ और मिट्टी के कटाव से बचाव के लिए उपयोग किए जाते थे.
©FAO/Habib Hemat

अफ़ग़ानिस्तान: तार बुनावट कौशल से आर्थिक मज़बूती

संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), अफ़ग़ानिस्तान के बदगीज़ प्रान्त के स्थानीय समुदाय के लोगों को तार बुनने का कौशल सिखाकर, जीविकोपार्जन के नए साधन उत्पन्न करने में मदद कर रहा है. इससे कृषक समुदाय में जलवायु परिवर्तन से होने वाले पलायन को रोकने में भी मदद मिली है.