वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

आपदा जोखिम प्रबंधन

बेहतर शहरी नियोजन व निर्माण से, भूकम्प जैसी आपदाओं से होने वाले नुक़सान में कमी लाने में मदद मिल सकती है.
UNOCHA

प्रति दिन एक से अधिक आपदा की आशंका, जोखिम में कमी के लिये कार्रवाई का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में चेतावनी जारी की गई है कि मानवीय गतिविधियाँ और बर्ताव की वजह से, दुनिया भर में आपदाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे लाखों-करोड़ों ज़िन्दगियों के लिये ख़तरा उत्पन्न हो रहा है. साथ ही, हाल के दशकों में दर्ज की गई आर्थिक व सामाजिक प्रगति पर भी जोखिम मंडरा रहा है.

इंडोनेशिया में दिसंबर 2018 में आई भीषण सूनामी में भारी तबाही हुई थी. प्रभावित लोग लापता परिजनों और सामान की तलाश करते हुए.
© UNICEF/Arimacs Wilander

प्राकृतिक आपदाएँ अक्सर बताकर तबाही नहीं करती, एहतियात ज़रूरी

समुद्री तूफ़ान यानी सूनामी वैसे तो कभी कभी ही दस्तक देते हैं लेकिन जब आते हैं तो भारी तबाही छोड़कर जाते हैं और उनके पदचिन्ह अक्सर भीषण विनाशकारी होते हैं जिनसे जान-माल का भारी नुक़सान होता है. आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि मामी मिज़ोतूरी ने ये शब्द 5 नवंबर को विश्व सूनामी जागरूकता दिवस के अवसर पर कहे हैं.

मोज़ाम्बीक़ के बेइरा इलाक़े में इडाई तूफ़ान द्वारा हुई तबाही. (25 जून 2019)
UN Photo/Eskinder Debebe

गहराई से जुड़े हैं आपदा जोखिम प्रबंधन और जलवायु कार्रवाई के तार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि आपदा जोखिम को कम करने और जलवायु आपदा के नुक़सानों के ख़िलाफ़ मज़बूती हासिल करने के बीच बहुत दमदार आर्थिक दलील है. महासचिव ने आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर ये संदेश दिया है. ये दिवस सोमवार 14 अक्तूबर मनाया जा रहा है.