मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा पर सवालिया निशान
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ मिशेल फ़ोर्स्ट ने कहा है कि हिंसक संघर्ष के दौरान और उसके बाद के हालात में काम करने वाले मानवाधिकार पैरोकारों के योगदान को पहचानने और उन्हें सुरक्षा व समर्थन मुहैया कराए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने जिनीवा में मानवाधिकार परिषद को अपनी नई रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि मानवाधिकारों की रक्षा कर रहे इन कार्यकर्ताओं को विषम परिस्थितियों में काम करना पड़ रहा है.