वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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विनाशकारी भूकम्प के एक वर्ष से अधिक समय के बाद, मोहम्मद अपनी पुस्तकों के ज़रिए अपने समुदाय के लोगों को राहत पहुँचाने के प्रयास कर रहे हैं.
© IOM/Anıl Bahşi

तुर्कीये: भूकम्प से तहस-नहस हुई ज़िन्दगी की पीड़ा के पन्ने पलटने की कोशिश

पुस्तक-दर-पुस्तक और पृष्ठ-दर-पृष्ठ का सहारा – तुर्कीये में 2023 में भीषण भूकम्प से तहस-नहस हुई ज़िन्दगियों की पीड़ा कम करने के लिए, तुर्कीये के पुस्तक प्रेमी किताबों की ताक़त का सहारा ले रहे हैं – और यह सम्भव हुआ है, संयुक्त राष्ट्र प्रवासन संगठन  (IOMकी मदद से.

47 वर्षीय सेल्वन उन 303 श्रीलंकाई प्रवासी में से एक थे, जिन्हें तस्करों ने 28 दिनों के लिए समुद्र के बीच छोड़ दिया था.
© IOM/Anushma Shrestha

28 दिनों तक समुद्र में भटकते, श्रीलंकाई प्रवासियों की दर्द भरी दास्तान

विदेशों में बेहतर जीवन पाने की चाह में, मानव तस्करों पर अपनी जीवन भर की कमाई लुटाकर, ख़तरनाक व असफल समुद्री यात्राओं पर जाने वाले श्रीलंकाई प्रवासीअब संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसीIOM की मदद से घर लौट आए हैं.

तुर्की में भूकम्प से विस्थापित लोगों को गर्म भोजन वितरित करते स्वयंसेवक.
© UNOCHA/Matteo Minasi

सीरिया व तुर्कीये में भूकम्प के बाद यूएन राहत कार्रवाई जारी

संयुक्त राष्ट्र के अन्तर-एजेंसी मिशन ने, भूकम्प पीड़ितों की ज़रूरतों का आकलन करने और राहत सहायता के वितरण के लिए, सीरिया में इदलिब का दौरा किया. वहीं विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने सीरिया और तुर्कीये में अपनी आपातकालीन सहायता तेज़ कर दी है. (वीडियो)

 

कम्बोडिया के मूल निवासी, जिआ साई टोट और साई सोम, थाईलैंड में छह साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं.
IOM/Miko Alazas

थाईलैंड: सम्पर्क गतिविधियों के ज़रिए प्रवासी समुदायों को सशक्त बनाने के प्रयास

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) और थाईलैंड सरकार का श्रमिक रक्षा एवं कल्याण विभाग (DLPW)) मिलकर, सम्पर्क गतिविधियों के माध्यम से प्रवासी समुदायों को, उनके अधिकारों व सम्बद्ध समस्याओं पर जानकारी बढ़ाने के प्रयास कर रहा है, जिससे वे अधिक सशक्त बन सकें और जानकारी के अभाव में मानव तस्करी व शोषण के शिकार ना हों.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक बस यूक्रेनी शरणार्थियों को, मोल्दोवा से रोमानिया ले जा रही है.
Victor Lacken/Lensman.eu

मोल्दोवा: सुरक्षा की लम्बी व घुमावदार राह

रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भागने के लिये मजबूर हुए लगभग 7 लाख लोग, पड़ोसी देश मोल्दोवा से होकर गुज़रे हैं, जिससे देश के संसाधनों पर भारी दबाव पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी (IOM) इस अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिये, सबसे सम्वेदनशील वर्ग व अधिकारियों की मदद कर रही है.

दक्षिण सूडान के एक शिविर में शरणार्थी शारीरिक दूरी बनाकर रह रहे हैं.
© UNHCR/Elizabeth Marie Stuart

‘दुनिया भर में फँसे’ हैं प्रवासी और कोविड-19 के कारण हैं ख़तरे में भी

संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी, आईओएम के प्रमुख ने गुरुवार को कहा है कि हज़ारों प्रवासी "दुनिया भर में" फँसे हुए हैं, और कोविड-19 के संक्रमण के बढ़ते ख़तरे का सामना कर रहे हैं. आईओएम प्रमुख एंतोनियो विटोरिनो ने नए कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए कुछ देशों द्वारा तथाकथित इम्युनिटी पासपोर्ट जारी करने और मोबाइल फ़ोन ऐप का उपयोग करने के प्रस्तावों का हवाला देते हुए कहा, "स्वास्थ्य ही अब नई संपदा है."