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अभिव्यक्ति की आज़ादी

अमेरिका के कोलोराडो में नस्लवाद के विरोध में प्रदर्शन. (फ़ाइल)
© Unsplash/Colin Lloyd

सोशल मीडिया पर बढ़ती नफ़रत चिन्ताजनक, जवाबदेही सुनिश्चित किये जाने का आग्रह  

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने विश्व की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कम्पनियों से, अपने व्यावसायिक मॉडल में बदलाव लाने और ऑनलाइन माध्यमों पर बढ़ती नफ़रत के विरुद्ध लड़ाई में अधिक जवाबदेही सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया है.

 स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में जुटे प्रदर्शनकारी, 22 वर्षीय महिला महसा अमीनी की मौत का विरोध कर रहे हैं.
© Unsplash/Artin Bakhan

ईरान: प्रदर्शनों में मृतकों की बढ़ती संख्या, सुरक्षा बलों की दमनात्मक कार्रवाई पर गहरी चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के प्रमुख वोल्कर टर्क ने चिन्ता जताई है कि ईरान में विरोध-प्रदर्शनों में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई और अधिक कठोर रूप धारण करती जा रही है. देश में पिछले सप्ताह विरोध-प्रदर्शनों में 40 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हुई, जिससे गम्भीर होती जा रही परिस्थितियाँ झलकती हैं. सितम्बर में 22 वर्षीय महिला महसा अमीनी की मौत के बाद से ही देश में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन भड़के हैं, जिनमें अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हुई है. इनमें 40 से ज़्यादा बच्चे हैं.

सिंगापुर में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद एक महिला घर पर डिजिटल उपकरण का उपयोग कर रही है.
WHO/Blink Media — Juliana Tan

'डिजिटल दरारों पर पुल निर्माण', टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए अहम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को इंडोनेशिया के बाली शहर में जी20 समूह की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि डिजिटल टैक्नॉलॉजी क्षेत्र में उचित राष्ट्रीय नीतियों के ज़रिये, टिकाऊ विकास को अभूतपूर्व बढ़ावा दिया जा सकता है, विशेष रूप से निर्धनतम देशों के लिए.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टूर्क ने 17 अक्टूबर 2022 को अपने चार वर्षीय कार्यकाल की शुरुआत की.
UN Photo/Violaine Martin

मानवाधिकार उच्चायुक्त का, इलॉन मस्क के नाम एक खुला पत्र

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, इलॉन मस्क के नाम एक खुला पत्र जारी करते हुए, उनके नेतृत्व में ट्विटर के प्रबन्धन में मानवाधिकारों की केन्द्रीय भूमिका सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया है.

ईरान की तथाकथित नैतिकता पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद स्वीडन के स्टॉकहोम में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए.
Unsplash/Artin Bakhan

ईरान: विरोध प्रदर्शनों में बच्चों की मौतों व उन्हें बन्दी बनाए जाने पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने ईरान में पिछले एक महीने से जारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान, सुरक्षा बलों की हिंसक कार्रवाई में बच्चों की मौत होने और उन्हें हिरासत में लिये जाने के मामलों पर गहरी चिन्ता जताई है.

रूस की राजधानी मॉस्को का एक दृश्य
UN Photo/Paulo Filgueiras

रूस: सुरक्षा बलों में भर्ती किये जाने की मुहिम का विरोध, गिरफ़्तारियों पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने मंगलवार को बताया कि रूस में सरकार ने, यूक्रेन में लड़ाई के लिये, सुरक्षा बलों में भर्ती किये जाने की मुहिम का विरोध कर रहे क़रीब 2,400 लोगों को गिरफ़्तार किया है. 

फ़िलिपीन्स की पत्रकार मारिया रेस्सा, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद एक प्रैस वार्ता के दौरान.
© Rappler

फ़िलिपीन्स: नोबेल विजेता पत्रकार की सज़ा को पलटे जाने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने फ़िलिपीन्स की नवनिर्वाचित सरकार से नोबेल पुरस्कार विजेता पत्रकार मारिया रेस्सा को छह वर्ष से अधिक कारावास की सज़ा दिये जाने के फ़ैसले को पलटने का आग्रह किया है. देश की एक अदालत ने कथित मानहानि के एक मामले में उन्हें दोषी पाये जाने के निर्णय को बरक़रार रखा है, जिसकी यूएन विशेषज्ञ ने निन्दा करते हुए समीक्षा किये जाने की मांग की है. 

यूनेस्को का कहना है कि नफ़रत भरी भाषा और सन्देश, दुनिया भर में फैलाव पर हैं.
Unsplash/Jon Tyson

नफ़रत भरे सन्देश व भाषा, 'विविधता व साझा मूल्यों' के लिये बड़ा ख़तरा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार, 18 जून को नफ़रत भरी बोली, सन्देश व सम्बोधन (hate speech) का मुक़ाबला करने के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर जारी अपने सन्देश में आगाह किया है कि ‘हेट स्पीच’ से हिंसा को उकसावा मिलता है, विविधता व सामाजिक जुड़ाव दरकता है और सर्वजन को आपस में बांधने वाले साझा मूल्यों के लिये जोखिम पनपता है.

केनया में एक आँतकवादी हमले की कवरेज में जुटे पत्रकार.
©UNESCO/ Enos Teche

2021 में 55 पत्रकारों ने गँवाई अपनी ज़िन्दगी, अतीत के अनसुलझे मामलों पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के अनुसार, वर्ष 2021 में दुनिया भर में 55 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों ने अपनी जान गवाँई है. वर्ष 2006 के बाद से पत्रकारों के मारे जाने की कुल घटनाओं में के, 87 फ़ीसदी अब भी अनसुलझी हैं.

म्याँमार में युवजन, लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे एक प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं.
Unsplash/Pyae Sone Htun

म्याँमार: मानवाधिकार हनन के मामले 'अभूतपूर्व स्तर' पर, एकजुट कार्रवाई की मांग

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने एक कड़ा सन्देश जारी करते हुए, म्याँमार में मानवाधिकार हनन के गम्भीर मामलों में चिन्ताजनक बढ़ोत्तरी पर गहरा क्षोभ जताया है. यूएन एजेंसी ने सैन्य नेतृत्व की जवाबदेही तय किये जाने और देश में लोकतंत्र बहाली के लिये दोगुने प्रयास किये जाने की मांग की है