सीरिया: धनराशि की भीषण क़िल्लत से स्वास्थ्य समेत अन्य बुनियादी सेवाएँ प्रभावित
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिन्ता जताई है कि सीरिया में फ़िलहाल केवल 58 प्रतिशत अस्पताल और 23 फ़ीसदी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ही पूर्ण रूप से देखभाल सेवाएँ उपलब्ध हैं. यूएन एजेंसी के अनुसार, बुनियादी सेवाओं के लिए धनराशि उपलब्ध नहीं है और इससे एक शान्तिपूर्ण भविष्य की आशाओं पर असर हो रहा है.
सीरिया में आम नागरिकों ने एक दशक से अधिक समय तक गृहयुद्ध की पीड़ा को झेला है. पिछले वर्ष दिसम्बर महीने में, हयात तहरीर अल शम समेत अन्य विपक्षी हथियारबन्द गुटों ने पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से बेदख़ल कर दिया था.
असद शासन के पतन के बाद, बड़ी संख्या में सीरियाई नागरिकों ने अपने देश लौटना शुरू किया है, मगर हिंसक टकराव से बर्बाद हो चुके देश में निवेश, दवाओं, बिजली और उपकरणों की क़िल्लत है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सचेत किया है कि पर्याप्त निवेश के अभाव में स्वास्थ्य सेवाएँ भी प्रभावित हैं और बड़ी संख्या में अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कामकाज ठप है.
सीरिया में यूएन एजेंसी की प्रतिनिधि डॉक्टर बेथके ने बताया कि ज़मीन पर सेवाएँ नाज़ुक स्थिति में हैं...स्वास्थ्य आवश्यकताओं में अब भी वृद्धि हो रही है.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के मध्य से अब तक, वित्तीय संसाधनों में कटौती से 400 स्वास्थ्य केन्द्र प्रभावित हुए हैं और 366 में या तो काम रोकना पड़ा है या फिर सेवाओं का स्तर घटाया गया है.
74 लाख से अधिक लोगों के लिए दवा और उपचार व्यवस्था पर असर हुआ है. 1.2 लाख चिकित्सा परामर्श को टालना पड़ा है और 13 हज़ार से अधिक प्रसव मामले, बिना विशेषज्ञ मदद के हुए हैं.
डॉक्टर बेथके ने राजधानी दमिश्क से जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है और कुशल स्वास्थ्य पेशेवरों के वापिस लौटने के लिए फ़िलहाल ज़मीन तैयार नहीं है.
10 लाख से अधिक की वापसी
संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, 11 लाख से अधिक सीरियाई नागरिक, असद शासन के पतन के बाद से अपने देश वापसी कर चुके हैं.
मगर, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की कमी की वजह से अनेक अन्य देश लौटने के लिए मन नहीं बना पाए हैं. इसके अलावा, बड़ी संख्या में घर व बुनियादी प्रतिष्ठान बर्बाद हो चुके हैं, रोज़गार अवसरों का अभाव है और सुरक्षा की भी ख़राब स्थिति है.
डॉक्टर बेथके ने कहा कि अधिकाँश लोग अपने परिवार के साथ वापिस आना चाहते हैं, मगर वो ये भी जानना चाहते हैं कि क्या बच्चों के लिए स्कूल, कोई आश्रय स्थल, बिजली, जल सेवाएँ उपलब्ध हैं या फिर नहीं.
यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के अनुसार, 70 लाख से अधिक सीरियाई नागरिक अपने देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित हैं, जबकि 45 लाख से अधिक लोगों ने अन्य देशों में शरण ली हुई है.