सामाजिक विकास: वादों से आगे बढ़कर, कारगर समाधानों को अपनाने का आहवान
वैश्विक चुनौतियों की पृष्ठभूमि में, क़तर की राजधानी दोहा में सरकार, नागरिक समाज और अन्तरराष्ट्रीय साझेदार एक साथ मिलकर सामाजिक विकास को आगे बढ़ाने और वर्तमान दौर के संकटों से निपटने के समाधानों पर चर्चा के लिए एकत्र हुए. सोमवार को हुए विचार-विमर्श के दौरान भूख, निर्धनता, बढ़ती असमानता और जलवायु संकट के कारण उपजने वाली अस्थिरता पर ध्यान केन्द्रित किया गया.
दोहा में 4-6 नवम्बर को सामाजिक विकास के मुद्दे पर दूसरी विश्व शिखर बैठक आयोजित हो रही है. इसी सिलसिले में निर्धनता व भूख के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई.
विश्व भर में 67 करोड़ से अधिक लोग भूख का सामना कर रहे हैं, जबकि 2.3 अरब लोग गहरी खाद्य असुरक्षा से पीड़ित हैं. महासभा प्रमुख ने कहा कि वर्तमान भूख संकट, भोजन की कमी की वजह से नहीं है, बल्कि यह असमानता, हिंसक टकराव और नीतिगत निर्णयों की वजह से है.
यूएन महासभा की अध्यक्ष ऐनालेना बेयरबॉक ने ‘समाधान फ़ोरम’ में अपने उदघाटन सम्बोधन में कहा कि केवल समस्या को निहारने के बजाय यह उसे हल करने के सिद्धहस्त उपायों की ओर बढ़ाया गया क़दम है.
“अक्सर हम ऐसी स्थिति का सामना करते हैं, जहाँ हमारे पास कोई स्पष्ट समाधान नहीं होते हैं, हम जिस पीड़ा को देखते हैं, उसका कोई जवाब नहीं होता है, और यह हृदयविदारक है.”
“आज, बात कुछ अलग है. हम यहा इन जाल में फिर फँसने से बचने के लिए आए हैं, ताकि एक दूसरे से सीख सकें, अच्छे विचारों का लाभ उठा सकें, हाथ मिला सकें और हमारे साझा सिद्धान्तों को पूरा कर सकें.”
सफल उदाहरण
आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के लिए यूएन कार्यालय (UNDESA) के समर्थन से क़तर और फ़्राँस ने इस फ़ोरम का आयोजन किया, जिसमें सरकारी अधिकारियों, निजी सैक्टर के प्रतिनिधियों और अनेक अन्य हितधारकों ने हिस्सा लिया.
चर्चा में उन नीतियों व परियोजनाओं का उल्लेख किया गया, जिनसे निर्धनता उन्मूलन, उपयुक्त एवं शिष्ट रोज़गार और सामाजिक समावेश में मदद मिली है.
महासभा अध्यक्ष ऐनालेना बेयरबॉक ने दुनिया भर से अनेक उदाहरण साझा किए, जैसेकि सिएरा लियोन का एक कार्यक्रम जिसमें विकलांगजन को प्रशिक्षण, रोज़गार व लघु स्तर पर कर्ज़ मुहैया कराए जा रहे हैं.
श्रीलंका में नागरिक समाज के एक नवाचार हब के ज़िए युवाओं को रोज़गार की ट्रेनिंग दी जा रही है और राजस्व को फिर से कौशल विकास में निवेश किया जा रहा है.
वहीं, भारत में एक राष्ट्रीय डिजिटल पहचान व्यवस्था ने 30 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोलने में मदद मिली है और सामाजिक सेवाओं की सुलभता में भी विस्तार हुआ है.
कारगर समाधानों पर बल
यूएन उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने अपने एक वीडियो सन्देश में कहा कि अब संकल्प से आगे बढ़कर ऐसे समाधानों को लागू किए जाने की आवश्यकता है.
उन्होंने दोहा राजनैतिक घोषणापत्र का उल्लेख किया, जिसे विश्व शिखर बैठक के दौरान पारित किया जाएगा. इस घोषणापत्र में ऐसे सामाजिक अनुबन्धों की अपील की गई है, जोकि लोगों के लिए कारगर हों. साथ ही, निष्पक्ष, समावेशी और मौजूदा दौर की वास्तविकताओं के अनुरूप हों.
“इसे साकार करने के लिए, हमें कारगर समाधानों का दायरा बढ़ाना होगा,” और सफल साबित होने वाले उदाहरणों से सबक़ लिए जाने की आवश्यकता है.
“इन कहानियों को संवारिए. इनसे अपनी दृढ़ता को ईंधन मिलने दीजिए. इन्हें फिर अपने समुदायों में वापिस ले जाइए, और उन्हें निडर कार्रवाई में तब्दील कीजिए. मौजूदा और आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए. ”