युद्ध से तबाह ग़ाज़ा में, सहायता सामग्री की आपूर्ति के लिए निर्बाध पहुँच की अपील
इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता लागू होने की ख़बरों के बाद, बड़ी संख्या में ग़ाज़ावासी उत्तरी इलाक़े की तरफ़ वापिस लौटने लगे हैं जिससे उधर जाने वाला मुख्य मार्ग भीड़ से भर गया है. इन हालात में, संयुक्त राष्ट्र सहायता दलों ने अकाल को फैलने से रोकने के लिए, इसराइल से ग़ाज़ा के लिए सभी सीमा चौकियों को खोलने की अपनी अपील दोहराई है.
फ़लस्तीनियों की सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी – UNRWA की संचार निदेशक जूलियेट टौमा ने कहा है, "इस समझौते के विवरण या इसे लागू किए जाने के तरीक़े के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है."
"अलबत्ता, हम ग़ाज़ा में सभी सीमा चौकियों को तुरन्त खोले जाने का आहवान करते हैं ताकि युद्धग्रस्त क्षेत्र में मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति की जा सके."
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब इसराइली सेनाएँ, ग़ाज़ा के कुछ हिस्सों से, कथित रूप में पीछे हट रही हैं.
इसराइल और हमास के बीच हुए समझौते के अनुरूप ऐसा किए जाने की व्यवस्था है. इस समझौते की मध्यस्थता इस सप्ताह मिस्र में अमेरिकी मध्यस्थों और क़तर व तुर्की के प्रतिनिधियों ने की थी.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने बताया है कि ग़ाज़ा में गम्भीर कुपोषण से पीड़ित 50 हज़ार युवक "जोखिम की चपेट" में हैं.
जूलियेट टौमा ने इन युवाओं की स्थिति की तरफ़ ध्यान आकर्षित करते हुए ज़ोर देकर कहा कि अकाल को रोकने और नियंत्रित करने के लिए UNRWA की तरफ़ से यह भोजन सामग्री उपलब्ध कराया जाना अत्यन्त महत्वपूर्ण है.
यूएन एजेंसियों का कहना है कि गम्भीर कुपोषण से पीड़ित इन बच्चों और युवकों का तुरन्त इलाज किया जाना होगा... युद्धविराम लागू होने के साथ यह उम्मीद जताई गई है कि इन सबको, वो चिकित्सीय उपचार मिल सकेगा जिसकी उन्हें बेहद ज़रूरत है.
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष सहायता समन्वय अधिकारी टॉम फ़्लैचर ने गुरूवार को कहा था कि "संयुक्त राष्ट्र का पूरा मानवीय परिवार" ग़ाज़ा में सहायता पहुँचाने के लिए जुटा हुआ है.
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए, ग़ाज़ा पट्टी में सहायता सामग्री वितरित करने में, UNRWA की "अपरिहार्य भूमिका" पर ज़ोर दिया और साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की 20-सूत्रीय योजना में, संयुक्त राष्ट्र को सौंपी गई केन्द्रीय भूमिका को भी रेखांकित किया था.
कुछ इलाक़ों में युद्ध जारी
इस बीच ग़ाज़ा पट्टी में अब भी काम कर रही सहायता टीमों ने बताया कि युद्धविराम शुक्रवार सुबह तक लागू नहीं हुआ था.
यूनीसेफ़ के प्रवक्ता रिकार्डो पाइरेस ने कहा कि फिर भी, महत्वपूर्ण मानवीय कार्य जारी हैं, जिनमें गुरूवार को ग़ाज़ा शहर में, "इन्क्यूबेटर में भर्ती और अपनी जान की लड़ाई लड़ रहे दो शिशुओं को बचाने के लिए" यूनीसेफ़ का एक चिकित्सा मिशन भी शामिल है.
प्रवक्ता ने कहा, "सौभाग्य से, ज़मीनी स्तर पर सहकर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत से, वे बच्चे बच गए और आज अपने परिवारों से मिल गए."
यूनीसेफ़ प्रवक्ता रिकार्डो बाइलेस ने बताया कि मिशन को ग़ाज़ा शहर तक पहुँचने के लिए 15 घंटे इन्तेज़ार करना पड़ा क्योंकि "ज़मीनी स्तर पर स्थिति अब भी बहुत अस्थिर थी और बहुत तेज़ी से गतिविधियाँ हो रही थीं - बहुत हिंसा".
UNRWA की प्रवक्ता जूलियेट टौमा ने भी इसी आकलन को दोहराते हुए बताया कि ग़ाज़ा पट्टी में उनके सहयोगियों ने शुक्रवार सुबह हवाई हमलों की सूचना दी.
उन्होंने यह भी बताया कि 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इसराइल पर हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादी हमलों से शुरू हुए युद्ध के दौरान, UNRWA के 370 से अधिक कर्मचारी मारे गए हैं.
उन्होंने आगे कहा, "संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से यह संयुक्त राष्ट्र का काम करते हुए मारे गए लोगों की सबसे बड़ी संख्या है."
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर ने भी "सभी सम्भावित मार्गों" से "निर्बाध" सहायता पहुँच का आहवान दोहराया है.
उन्होंने ग़ाज़ा से पूर्वी येरूशेलम सहित पश्चिमी तट तक, गम्भीर अवस्था वाले मरीज़ों को बेहतर चिकित्सा की ख़ातिर निकासी फिर से शुरू करने और "पुनर्निर्माण को गति देने" के लिए बड़े पैमाने पर धन उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता पर बल दिया.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के पास ग़ाज़ा में पहुँचाने के लिए 1 लाख 70 हज़ार मीट्रिक टन भोजन, दवाइयाँ और अन्य आपूर्ति तैयार है.
इसका उद्देश्य ग़ाज़ा में 21 लाख लोगों तक भोजन पहुँचाना है. साथ ही, गम्भीर पौषण अवश्यकताओं वाले लगभग 5 लाख ज़रूरतमन्द लोगों तक पौष्टिक भोजन की व्यवस्था को भी बढ़ाना है.