वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

AI को मानवता का भाग्य तय नहीं करने दिया जा सकता, एंतोनियो गुटेरेश

एआई स्कूल,यूएन वीमेन की एक अग्रणी शिक्षण पहल है, जिसका उद्देश्य लैंगिक समानता के समर्थकों को सामाजिक बदलाव, पैरोकारी और संगठनात्मक परिवर्तन के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रभावी उपयोग करने की क्षमता प्रदान करना है.
© UN Women/Emad Karim
एआई स्कूल,यूएन वीमेन की एक अग्रणी शिक्षण पहल है, जिसका उद्देश्य लैंगिक समानता के समर्थकों को सामाजिक बदलाव, पैरोकारी और संगठनात्मक परिवर्तन के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रभावी उपयोग करने की क्षमता प्रदान करना है.

AI को मानवता का भाग्य तय नहीं करने दिया जा सकता, एंतोनियो गुटेरेश

शान्ति और सुरक्षा

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में अपार सम्भावनाएँ हैं, मगर अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो यह गम्भीर जोखिम पैदा कर सकती है.

यूएन महासचिव ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा, "एआई अब दूर की बात नहीं है - यह यहाँ है, दैनिक जीवन,सूचना क्षेत्र में और वैश्विक अर्थव्यवस्था को अविश्वसनीय गति से बदल रही है."

उन्होंने कहा, "सवाल यह नहीं है कि क्या AI अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा को प्रभावित करेगी, बल्कि सवाल यह है कि हम उस प्रभाव को कैसे आकार देंगे."

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि AI को यदि ज़िम्मेदारी से इस्तेमाल किया जाए तो यह खाद्य असुरक्षा का अनुमान लगाने, बारूदी सुरंगों को हटाने के अभियानों में सहायता करने और हिंसा फैलने से पहले उसके संकेतों की पहचान करने में मदद कर सकती है.

उन्होंने हाल के टकरावों और युद्धों में एआई की मदद से निशाना साधने, महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे पर साइबर हमलों और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने या कूटनीति को पटरी से उतारने में सक्षम, DeepFake की ओर इशारा करते हुए आगाह किया, "मगर सुरक्षा उपायों के बिना, इसे हथियार भी बनाया जा सकता है."

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “ऑडियो और वीडियो में हेरफेर करने की क्षमता, सूचना की विश्वसनीयता को ख़तरे में डालती है, ध्रुवीकरण को बढ़ावा देती है और कूटनैतिक संकटों को जन्म दे सकती है... मानवता का भाग्य किसी अल्गोरिदम पर नहीं छोड़ा जा सकता.”

निर्णय हमारे हाथ में होने चाहिए

एंतोनियो गुटेरेश ने सरकारों के लिए चार प्राथमिकताएँ निर्धारित कीं: बल प्रयोग पर मानवीय नियंत्रण बनाए रखना, सुसंगत वैश्विक नियामक ढाँचे का निर्माण करना, सूचना की विश्वनीयता की रक्षा करना, और अमीर व ग़रीब देशों के बीच “एआई क्षमता खाई” को पाटना.

उन्होंने कहा, “मैं मानव नियंत्रण के बिना संचालित होने वाली घातक स्वायत्त हथियार प्रणालियों पर प्रतिबन्ध लगाने के अपने आहवान को दोहराता हूँ.”

उन्होंने यह ज़ोर देकर यह भी कहा कि परमाणु हथियारों पर निर्ण “इनसानों के पास होने चाहिए – मशीनों के हाथ में नहीं.”

महासचिव ने पहले से उठाए जा रहे क़दमों पर प्रकाश डाला, जिनमें AI पर एक स्वतंत्र वैज्ञानिक पैनल का गठन और AI शासन पर एक नया वैश्विक संवाद शामिल है, जो गुरूवार (25 सितम्बर) को न्यूयॉर्क में होने वाला है.

उन्होंने कहा, "इन पहलों का उद्देश्य विज्ञान, नीति और व्यवहार को आपस में जोड़ना; हर देश को मंच पर जगह प्रदान करना; और विखंडन को कम करना है."

अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिए, कृत्रिम बुद्धिमत्ता से उत्पन्न ख़तरों पर विचार करने के लिए, कोरिया गणराज्य की पहल पर सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक बुलाई गई. (24 सितम्बर 2025).
UN Photo/Evan Schneider

पहुँच का दायरा बढ़ाने की पुकार

स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालय के मानव-केन्द्रित कृत्रिम बुद्धिमत्ता संस्थान की वरिष्ठ की एक शिक्षाविद AI विशेषज्ञ येजिन चोई ने सुरक्षा परिषद को बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में वर्तमान प्रगति, मुट्ठी भर कम्पनियों और देशों तक ही सीमित है.

उन्होंने कहा, "जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता के निर्माण और उससे लाभ उठाने के संसाधन, केवल कुछ ही लोगों के पास सीमित होते हैं, तो हम बाक़ी दुनिया को दरवाज़े पर इन्तज़ार करते हुए छोड़ देते हैं."

"आइए हम बुद्धिमत्ता के स्वरूप का विस्तार करें - और हर जगह हर किसी को इसके निर्माण में भूमिका निभाने दें."

AI को समावेशिता को मज़बूत करना होगा

येजिन चोई ने सरकारों और अन्तरराष्ट्रीय संस्थानों से लगातार बड़े मॉडलों के विस्तार के अलावा, वैकल्पिक तरीक़ों में निवेश करने का आग्रह किया, और तर्क दिया कि छोटी, अधिक अनुकूलनीय प्रणालियाँ, प्रवेश की बाधाओं को कम कर सकती हैं.

उन्होंने भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के मज़बूत प्रतिनिधित्व पर भी ज़ोर दिया, और कहा कि आज के प्रमुख कृत्रिम बुद्धिमत्ता मॉडल "कई ग़ैर-अंग्रेज़ी भाषी लोगों के लिए कमज़ोर प्रदर्शन करते हैं और संकीर्ण सांस्कृतिक मान्यताओं को दर्शाते हैं."

बिना देरी हो कार्रवाई

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रभावी नियम क़ानून बनाने के लिए खिड़की तेज़ी से बन्द हो रही है.

उन्होंने कहा, "अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने, परमाणु हथियारों पर नियंत्रण से लेकर विमानन सुरक्षा तक, नियमों पर सहमति जताकर, संस्थाओं का निर्माण करके और मानवीय गरिमा पर ज़ोर देकर, उन तकनीकों की चुनौती का सामना किया है जो हमारे समाजों को अस्थिर कर सकती हैं."

"शान्ति, न्याय और मानवता के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को आकार देने की खिड़की बन्द हो रही है. हमें बिना देरी किए कार्रवाई करनी होगी."

सुरक्षा परिषद का यह सत्र, महासभा के 80वें सत्र के चल रहे उच्च-स्तरीय सप्ताह के दौरान आयोजित किया गया था.

यह बैठक, सितम्बर महीने के लिए अध्यक्ष कोरिया गणराज्य ने बुलाई थी और इसमें कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति ली जे म्युंग सहित, राष्ट्राध्यक्षों व शासनाध्यक्षों ने भाग लिया.