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UNGA80: इसराइल की 'युद्ध इच्छा' के बावजूद मध्यस्थता के प्रयास जारी रहेंगे, क़तर

क़तर के राष्ट्र प्रमुख शेख़ थमीम बिन हमाद अल थानी ने, यूएन जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए, इसराइली हमले की निन्दा की और मध्यस्थता प्रयास जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया. (23 सितम्बर 2025).
UN Photo/Loey Felipe
क़तर के राष्ट्र प्रमुख शेख़ थमीम बिन हमाद अल थानी ने, यूएन जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए, इसराइली हमले की निन्दा की और मध्यस्थता प्रयास जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया. (23 सितम्बर 2025).

UNGA80: इसराइल की 'युद्ध इच्छा' के बावजूद मध्यस्थता के प्रयास जारी रहेंगे, क़तर

यूएन मामले

क़तर के राष्ट्र प्रमुख (अमीर) थमीम बिन हमाद अल थानी ने कहा है कि उनका देश, हाल ही में इसराइल के हमले के बावजूद, मध्यस्थता के प्रयास करना जारी रखेगा. उन्होंने फ़लस्तीन को मान्यता देने वाले देशों को धन्यवाद भी दिया है.

क़तर के राष्ट्र प्रमुख को अमीर कहा जाता है. 

थमीम बिन हमाद अल थानी ने, मंगलवार को यूएन महासभा के 80वें सत्र की जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए कहा, “अगर हम उल्लंघनों को जारी रहने देते हैं, तो इसका मतलब है जंगल राज को बढ़ावा देना जहाँ अपराधी और उल्लंघनकर्ता सिर्फ़ इसलिए फ़ायदे उठाते हैं क्योंकि वे ऐसा कर सकते हैं.”

उन्होंने यूएन चार्टर के आधार पर सामूहिक सुरक्षा की बहाली का आग्रह करते हुए, 9 सितम्बर को दोहा में हुए हमले को याद किया, जिसमें एक रिहायशी इलाक़े में हमास के वार्ता प्रतिनिधिमंडल को निशाना बनाया गया था.

क़तर के नेता ने, इस हमले को सरकारी आतंकवाद का कृत्य बताते हुए, राजनैतिक हत्याओं और ऐसी कार्रवाइयों को ख़ारिज कर दिया, जो ग़ाज़ा में लोगों के ख़िलाफ़ जनसंहार को समाप्त करने के, राजनयिक प्रयासों को कमज़ोर करती हैं.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “यह उन राजनेताओं की हत्या का भी प्रयास है जो एक ऐसे प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हैं जो इसराइल के साथ बातचीत कर रहा है और एक अमेरिकी प्रस्ताव पर विचार कर रहा है.”

उन्होंने कहा, “क़तर की मध्यस्थता ने वास्तव में मिस्र और [संयुक्त राज्य अमेरिका] के सहयोग से, बन्धकों की रिहाई हासिल की है.”

हालाँकि, पिछले समझौते को इसराइल ने एकतरफ़ा रूप से रद्द कर दिया, जिससे स्थाई युद्धविराम, सभी बन्धकों की रिहाई, ग़ाज़ा पट्टी से क़ाबिज़ बलों की वापसी, मानवीय सहायता की आपूर्ति और फ़लस्तीनी क़ैदियों की रिहाई नहीं हो पाई.

क़तर के अमीर ने ज़ोर देकर कहा, "वे हमारे देश में आते हैं और उस पर हमले की साज़िश रचते हैं; वे प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत करते हैं और बातचीत के सदस्यों की हत्या की साज़िश रचते हैं."

उन्होंने आगे कहा कि इसराइली नेता युद्ध जारी रखना चाहते हैं और तथाकथित "ग्रेटर इसराइल" में विश्वास करते हैं.

थमीम बिन हमाद अल थानी ने आगे कहा, "उनका (इसराइली नेताओं का) मानना ​​है कि युद्ध, फ़लस्तीनी इलाक़ों में यहूदी बस्तियों का विस्तार करने और अल-कुद्स अल-शरीफ़ के पवित्र स्थलों की यथास्थिति को बदलने का एक अवसर है."

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इसराइल अपने अरब पड़ोसियों पर अपनी इच्छा थोपना चाहता है. जो कोई भी उसकी इच्छा का विरोध करता है, उसे या तो यहूदी-विरोधी या आतंकवादी क़रार दिया जाता है - जबकि इसराइल के सहयोगी, इस तथ्य को समझते हैं और इसे अस्वीकार करते हैं.

उन्होंने संकल्प व्यक्त करने के अन्दाज़ में कहा, "हम मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सहयोग व साझेदारी में अपने प्रयास जारी रखेंगे."

उन्होंने उन देशों को धन्यवाद दिया जिन्होंने फ़लस्तीन राष्ट्र को मान्यता दी है तथा अन्य देशों से भी ऐसा करने का आग्रह किया.