वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

ग़ाज़ा: बेरोकटोक सहायता पहुँचाने की मांग करने वाले प्रस्ताव पर अमेरिका का वीटो

मध्य पूर्व में स्थिति पर सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों की बैठक.
UN Photo/Manuel Elias
मध्य पूर्व में स्थिति पर सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों की बैठक.

ग़ाज़ा: बेरोकटोक सहायता पहुँचाने की मांग करने वाले प्रस्ताव पर अमेरिका का वीटो

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राज्य अमेरिका ने ग़ाज़ा में तत्काल, बिना शर्त स्थाई युद्ध विराम अमल में लाने और सभी बन्धकों की तुरन्त रिहाई की मांग करने वाले एक प्रस्ताव के मसौदे को सुरक्षा परिषद में वीटो कर दिया है. परिषद के 10 अस्थाई सदस्य देशों ने इसे पेश किया था. इस प्रस्ताव में मानवीय सहायता पर इसराइल द्वारा थोपी गई पाबन्दियों को वापिस लेने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि सभी ज़रूरतमन्दों तक सुरक्षित ढंग से, बेरोकटोक राहत पहुँचाई जाए.

15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद में गुरूवार को इस प्रस्ताव के पक्ष में 14 देशों ने मतदान किया, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किया.

यह सुरक्षा परिषद की 10 हज़ारवीं बैठक थी. परिषद के एक स्थाई सदस्य देश द्वारा नकारात्मक वोट दिए जाने के कारण यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया.

इसके मसौदे को 10 अस्थाई सदस्यों ने पेश किया था: अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गयाना, पाकिस्तान, पनामा, कोरिया गणराज्य, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया, सोमालिया.

अमेरिकी प्रतिनिधि मॉर्गन ओरटेगस ने वोट से पहले कहा कि इस प्रस्ताव में न तो हमास की निन्दा की गई है और न ही इसराइल की आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता दी गई है, इसलिए अमेरिका के विरोध से किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस मसौदे में हमास को लाभ पहुँचाने वाले झूठे वृतान्तों को भी ग़लत ढंग से जायज़ ठहराया गया है, जिसे इस परिषद में भी समर्थन मिला.

डेनमार्क की राजदूत क्रिस्टीना मार्कस लासेन ने कहा कि सुरक्षा परिषद की 10,000वीं बैठक में यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया, लेकिन 14 सदस्यों ने एक स्पष्ट सन्देश दे दिया है...और हम इसके लिए प्रयास करते रहेंगे, चाहे परिषद में कितनी ही बैठकें करनी पड़ें.

प्रस्ताव में, ग़ाज़ा में इसराइली सैन्य कार्रवाई में आई तेज़ी की पृष्ठभूमि में, स्थानीय आबादी के लिए मानवीय सहायता सुनिश्चित किए जाने और राहत सामग्री के प्रवेश पर थोपी गई पाबन्दियाँ हटाने का आग्रह किया गया है. साथ ही, बन्धक बनाए गए लोगों की तुरन्त रिहाई की मांग की गई है.

ग़ाज़ा में खाद्य आपूर्ति के अभाव में 5 लाख से भी अधिक लोग, अकाल की चपेट में आ गए हैं.
© UNICEF/Mohammed Nateel
ग़ाज़ा में खाद्य आपूर्ति के अभाव में 5 लाख से भी अधिक लोग, अकाल की चपेट में आ गए हैं.

7 अक्टूबर 2023 को हमास व अन्य फ़लस्तीनी हथियारबन्द गुटों द्वारा इसराइल पर किए गए हमलों में 1,200 से अधिक लोगों की जान गई और 250 को बन्धक बना लिया गया था. इनमें से 48 के अब भी ग़ाज़ा में होने की आशंका है.

इसके बाद, ग़ाज़ा में युद्ध भड़क उठा था. इस घटना के अगले ही दिन सुरक्षा परिषद की बैठक हुई, और तब से अब तक अमेरिका ने चार अन्य प्रस्तावों पर अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किया है. 

सहायता पाबन्दी से मुश्किलें

इस बीच, ग़ाज़ा पट्टी में इसराइली सैन्य कार्रवाई का दायरा व उसकी गहनता बढ़ रही है, और उसके साथ ही आम फ़लस्तीनियों के लिए जीवनरक्षक सहायता व्यवस्था भीषण दबाव में है.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने ग़ाज़ा में विदेशी पत्रकारों को अनुमति देने की मांग दोहराई है, ताकि ‘सूचना युद्ध’ का सामना किया जा सके, जहाँ ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि ग़ाज़ा में अकाल जैसी स्थिति नहीं है और न ही यह फैल रहा है.

इस वर्ष, मार्च महीने में इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम ख़त्म हो जाने के बाद से अब तक 10 लाख से अधिक लोग विस्थापन का शिकार हुए हैं. पिछले एक महीने के भीतर ही उत्तरी ग़ाज़ा से दक्षिणी ग़ाज़ा की ओर दो लाख लोग विस्थापित हुए हैं.

ग़ाज़ा में एक UNRWA कर्मचारी एक छोटे बच्चे की कुपोषण की जाँच करते हुए.
© UNRWA
ग़ाज़ा में एक UNRWA कर्मचारी एक छोटे बच्चे की कुपोषण की जाँच करते हुए.

मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) ने दोहराया है कि ज़रूरतमन्द आबादी को विशाल स्तर पर उपजी आवश्यकताओं के अनुरूप सहायता नहीं पहुँच पा रही है.

“भूख का शिकार लोगों को समर्थन मुहैया कराने के अवसरों को व्यवस्थागत ढंग से रोका जा रहा है. हर सप्ताह, नई पाबन्दियों को थोप दिया जाता है.”

भोजन, कुपोषण उपचार, स्वास्थ्य सामग्री

मानवीय सहायताकर्मियों ने इस महीने के पहले पखवाड़े में, इसराइल द्वारा नियंत्रित सीमा चौकियों से 12,500 मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ का आटा, खाद्य पैकेट व अन्य सामान एकत्र किया था.

116 रसोइयों के ज़रिए हर दिन साढ़े पाँच लाख से अधिक भोजन भी वितरित किए गए हैं और दक्षिणी ग़ाज़ा का रुख़ कर रहे लोगों को हज़ारों ब्रैड पैकेट बाँटे गए हैं.

बच्चों की कुपोषण जाँच भी की जा रही है और उपचार के लिए उनका पंजीकरण किया गया है.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने नवजात शिशुओं के लिए दो लाख से अधिक पोषक आहार पैकेट को भेजा है, जिससे अगले दो सप्ताह के लिए 63 हज़ार छोटे बच्चों की मदद की जा सकती है. इसके अलावा, उच्च-ऊर्जा वाले बिस्किट के 10 हज़ार बक्से बांटे गए हैं.

ग़ाज़ा में अपार स्वास्थ्य आवश्यकताओं के मद्देनज़र, अति-आवश्यक मेडिकल सामान को भी ग़ाज़ा और इसराइल के बीच सीमा चौकियों पर जुटाया गया है और अब उसे स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए रवाना किया जा रहा है. 

इसके अलावा, जल शोधन, ट्रक के ज़रिए जल आपूर्ति, हर दिन कचरा एकत्र करने और उसके सुरक्षित निस्तारण की भी कोशिशें जारी हैं.