अफ़ग़ानिस्तान: भूकम्प प्रभावितों की ज़िन्दगियाँ लगी है दाँव पर, तत्काल समर्थन की पुकार
अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प से हुई तबाही और गहराते मानवीय संकट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मानवीय सहायता धनराशि में हुई वैश्विक कटौतियों की एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ रही है. यूएन मानवतावादी कार्यालय (UNOCHA) के अवर महासचिव टॉम फ़्लैचर ने चेतावनी दी है कि यदि संसाधन नहीं जुटाए गए, तो आम लोगों की पीड़ा बढ़ेगी और ज़िन्दगियाँ ख़त्म हो सकती हैं. इसके मद्देनज़र, उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आगे बढ़कर सहायता धनराशि मुहैया कराए जाने की अपील की है.
आपात राहत मामलों के लिए यूएन समन्वयक टॉम फ़्लैचर ने अपने एक वक्तव्य में कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में भीषण भूकम्प से विशाल पैमाने पर बर्बादी हुई है.
दूरदराज़ के इलाक़ों में लाखों लोगों के घर व आजीविका तबाह हो गई हैं, जबकि वे पहले से ही कई दशकों से हिंसक टकराव और विस्थापन की पीड़ा भुगत रहे थे.
इस आपदा में मृतक आँकड़ा बढ़कर 2,200 तक पहुँच गया है, जबकि 3,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं. सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, अति-आवश्यक सेवाओं तक लोगों की पहुँच नहीं है और जल स्रोत भी बर्बाद हो गए हैं.
कुछ इलाक़ों में भूकम्प के झटके महसूस किए गए हैं, जिससे भूस्खलन हो रहा है और वहाँ तक पहुँच पाना और कठिन हुआ है. यूएन सहायताकर्मी अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर दूरदराज़ के इलाक़ों में पैदल सफ़र तय करके ज़रूरतमन्दों तक मदद पहुँचा रहे हैं.
संसाधनों पर भी संकट
अवर महासचिव फ़्लैचर ने ध्यान दिलाया कि यह संकट ऐसे समय में उपजा है, जब मानवतावादी कार्यों के लिए संसाधन निरन्तर सिकुड़ते जा रहे हैं.
सहायता धनराशि में कटौती की वजह से लाखों लोगों के लिए स्वास्थ्य व पोषण सेवाएँ रोक दी गई हैं, सहायता सामग्री ले जाने वाले विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं, जबकि एक समय इन्हीं विमानों से दूरदराज़ के इलाक़ों में राहत पहुँचाई जाती थी. सहायता एजेंसियों की मौजूदगी में भी कमी आई है.
टॉम फ़्लैचर के अनुसार, भूकम्प के कुछ ही घंटे बाद, यूएन एजेंसी ने भोजन, आश्रय, जल, बाल संरक्षण, स्वास्थ्य व सहायता अभियान संचालन के लिए एक करोड़ डॉलर की धनराशि जारी की थी.
उन्होंने बताया कि देश में सत्तारूढ़ प्रशासन ने भी त्वरित राहत कार्रवाई की है, और अन्य देशों ने भी उदारता से राहत सामग्री व आरम्भिक धनराशि प्रदान की है.
अवर महासचिव ने आगाह किया कि लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. अगर जल्द ही पर्याप्त स्तर पर संसाधन नहीं जुटाए गए, तो इससे और अधिक पीड़ा होगी, अधिक संख्या में लोगों की जान जाएगी.
उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम से पहले सहायता अभियान के लिए जल्द से जल्द प्रयास करने होंगे और धनराशि जुटाई जानी होगी. दानदाताओं ने अतीत में भी अफ़ग़ानिस्तान और यहाँ के लोगों के लिए आगे बढ़कर मदद की है और हम चाहते हैं कि वे फिर से ऐसा करें.
ज़रूरतमन्दों के लिए सहायता
रिक्टर पैमाने पर 6.0 की तीव्रता वाले भूकम्प से पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में स्थित नांगरहार, लघमान, नूरिस्तान और कुनार प्रान्त प्रभावित हुए थे. नांगरहार में शुरुआती भूकम्प के बाद भी अनेक झटके महसूस किए जा चुके हैं, जिससे बचाव दलों के राहत प्रयासों में व्यवधान आया है.
भूकम्प से प्रभावित समुदायों में वे शरणार्थी भी हैं, जो हाल ही में ईरान व पाकिस्तान से लौटे थे और अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने की कोशिशों में जुटे थे.
यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने अफ़ग़ानिस्तान के कुनार और जलालाबाद के लिए 45 लाख डॉलर की आपात राहत सामग्री रवाना की है. इनमें भूकम्प प्रभावित परिवारों के लिए टैंट, गर्म कम्बल, गैस कुकर, सौर लैम्प, तिरपाल समेत अन्य सामान है, जिससे साढ़े पाँच हज़ार से अधिक लोगों की मदद होगी.
UNHCR के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान के लिए सहायता सामग्री की भंडारण व्यवस्था फ़िलहाल पर्याप्त स्तर पर नहीं है. इस आपदा से पहले से ही, यूएन एजेंसी, ईरान व पाकिस्तान से लौट रही शरणार्थी आबादी तक सहायता पहुँचाने में जुटी थी.
इसके मद्देनज़र, शरणार्थी संगठन की टीम इस क्षेत्र में आपात सामग्री की उपलब्धता का आकलन करने में जुटी है, ताकि मौजूदा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.