ग़ाज़ा में ‘विनाशकारी प्रसव हालात’ से, एक पूरी पीढ़ी के लिए ख़तरा
ग़ाज़ा में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को भयावह हालात का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र की प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी UNFPA ने चेतावनी दी कि वहाँ स्वास्थ्य सेवाएँ लगभग ठप हैं, मानसिक तनाव चरम पर है और भोजन की भी भारी कमी है. इस स्थिति से जच्चा-बच्चा दोनों की ज़िन्दगियाँ गम्भीर ख़तरे में हैं.
UNFPA ने, ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आँकड़ों का सन्दर्भ देते हुए बताया है कि वर्ष 2025 की पहली छमाही में, केवल 17 हज़ार जन्म दर्ज किए गए हैं. ये पिछले तीन वर्षों में ग़ाज़ा में, जन्म दर में, 41 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.
साथ ही, इस दौरान 220 माताओं की मौत हुई, जो 2022 में दर्ज हुई मातृ मृत्यु दर से 20 गुना अधिक है. इसके अलावा, कम से कम 20 नवजात शिशुओं की मृत्यु, जन्म के 24 घंटे के भीतर ही हो गई.
60 हज़ार से अधिक मौतें
UNFPA में अरब देशों की क्षेत्रीय निदेशक लायला बाकेर ने कहा, “हर माँ और बच्चे को सुरक्षित प्रसव और जीवन की एक स्वस्थ शुरुआत का अधिकार है."
"लेकिन जो कुछ हम देख रहे हैं, वह इन मूलभूत अधिकारों का संगठित तरीके़ से हनन है, जो पूरी एक पीढ़ी को विनाश के कगार पर धकेल रहा है.”
यs हालात उस समय सामने आ रहे हैं, जब इसराइल की लगातार बमबारी की वजह से ग़ाज़ा की पूरी फ़लस्तीनी आबादी कम से कम एक बार तो बेघर हो चुकी है. इसके अलावा, अब तक 60 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
स्वास्थ्य प्रणाली चरमराई
UNFPA ने कहा कि पहले से ही चरमरा चुकी स्वास्थ्य प्रणाली को लगातार निशाना बनाए जाने से, माताओं और नवजात शिशुओं के लिए हालात पूरी तरह असहनीय बन रहे हैं.
ग़ाज़ा में अधिकांश अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्र या तो क्षतिग्रस्त हो चुके हैं या पूरी तरह तबाह हो गए हैं.
दवाओं का भंडार बेहद कम रह गया है, और अधिकांश चिकित्सीय उपकरण बुरी तरह टूट-फूट गए हैं,
ग़ाज़ा में एम्बुलेंस सेवाएँ भी रुकावटों का सामना कर रही हैं, जिससे प्रसव के समय महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचना बेहद मुश्किल हो गया है.
ऐसे हालात में प्रसव के दौरान होने वाली साधारण जटिलताएँ भी मौत का कारण बन रही हैं.
निदेशक लायला बाकेर ने कहा, “ग़ाज़ा में माताओं और उनके नवजात बच्चों का दुख और पीड़ा, कल्पना से भी परे हैं.”
प्रवेश की अनुमति नहीं
UNFPA ने बताया कि मार्च 2025 से, मानवीय सहायता सामग्री से भरे उनके 170 ट्रक, इसराइल और ग़ाज़ा की सीमा पर फँसे हुए हैं, जिनमें जीवनरक्षक उपकरण जैसे अल्ट्रासाउंड मशीनें, पोर्टेबल इनक्यूबेटर और प्रसव किटें शामिल हैं.
हालाँकि, अब तक इन ट्रकों को ग़ाज़ा पट्टी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है.
UNFPA ने इसराइल से अपील की है कि वह ग़ाज़ा में मानवीय सहायता को बिना किसी रुकावट के और निरन्तर व ग़ैर-सैन्य रूप में प्रवेश की अनुमति दे. इस सहायता सामग्री में ईंधन, दवाइयाँ और पोषण सामग्री शामिल हैं.
UNFPA ने कहा, "हर क्षण की देरी का मतलब है और ज़्यादा ऐसी ज़िन्दगियों का नुक़सान, जिन्हें बचाया जा सकता है…”