ग़ाज़ा में आम लोगों की मौतें जारी रहना अस्वीकार्य, एंतोनियो गुटेरेश
इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा पट्टी में हिंसा और विस्थापन लगातार तेज़ हो रहा है और इसी के साथ वहाँ का मानवीय संकट भी बेहद चिन्ताजनक स्थिति में पहुँच चुका है. हाल के दिनों में भी हुए अनेक हमलों में अनेक फ़लस्तीनी लोग हताहत हुए हैं. यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने इन हालात पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया, "महासचिव ग़ाज़ा में लगातार गहराते मानवीय संकट से आहत हैं."
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ऐसे कई हमले हुए हैं, जिनमें विस्थापन स्थलों और भोजन के लिए जूझ रहे लोगों को निशाना बनाया गया है. इनमें अनेक फ़लस्तीनी लोग मारे गए या घायल हुए हैं.
प्रवक्ता के अनुसार, "महासचिव नागरिकों की जान जाने की कड़ी निन्दा करते हैं. "
भारी संख्या में लोग फिर विस्थापित
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस सप्ताह एक दिन में ही लगभग 30 हज़ार लोगों को फिर से विस्थापित होना पड़ा है.
यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा, "एक बार फिर, लोगों के पास न तो कोई सुरक्षित स्थान है और न ही पर्याप्त आश्रय, भोजन, दवाइयाँ या पानी."
महासचिव ने सभी पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून की याद दिलाते हुए कहा है, "नागरिकों का सम्मान और संरक्षण अनिवार्य है, और जनता की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा किया जाना होगा."
ग़ाज़ा में 17 सप्ताहों से ईंधन की आपूर्ति पूरी तरह रुकी हुई है.
प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने चेतावनी दी कि अगर तुरन्त ईंधन नहीं पहुँचा, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है.
उन्होंने कहा, "अगर तुरन्त ईंधन की आपूर्ति नहीं हुई, तो नवजात शिशुओं के इनक्यूबेटर बन्द हो जाएँगे, एम्बुलेंस घायलों और बीमारों तक नहीं पहुँच पाएँगी."
"संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगियों द्वारा दी जा रही थोड़ी-बहुत जीवनरक्षक सहायता भी पूरी तरह रुक सकती है."
उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र के पास एक स्पष्ट व प्रमाणित योजना है, जो मानवीय सिद्धान्तों पर आधारित है, ताकि ज़रूरतमन्द नागरिकों तक सुरक्षित और व्यापक रूप से सहायता पहुँचाई जा सके. इसके लिए पूर्ण, सुरक्षित और लगातार मानवीय पहुँच की तत्काल आवश्यकता है."

तत्काल युद्धविराम हो
महासचिव ने सभी बन्धकों की "तुरन्त और बिना शर्त रिहाई" की भी अपील की, और साथ ही "तत्काल स्थाई युद्धविराम" की मांग दोहराई है.
प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि मंगलवार को इसराइल ने ग़ाज़ा सिटी के कुछ हिस्सों को फ़लस्तीनी रॉकेट हमलों का हवाला देते हुए ख़ाली करने का नया आदेश जारी किया.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़, इन इलाक़ों में लगभग 40 हज़ार लोग रह रहे थे, जिनमें एक विस्थापन स्थल, एक चिकित्सा केन्द्र और एक ऐसा मोहल्ला भी शामिल था, जिसे अब तक विस्थापन आदेश नहीं मिला था.
स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा, "आज सुबह तक क़रीब 900 परिवार वहाँ से पलायन कर चुके हैं."

निशाना बनते सहायताकर्मी
प्रवक्ता ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, "पिछले गुरुवार से अब तक, पाँच अलग-अलग संगठनों के नौ अन्य सहायताकर्मी मारे गए हैं.
"इस साल अब तक कुल 107 सहायता कर्मी मारे जा चुके हैं, और अक्टूबर 2023 से अब तक ये संख्या 479 तक पहुँच चुकी है. इनमें से 326 हमारे यूएन के सहयोगी हैं."
उन्होंने बताया कि जून महीने में किए गए लगभग 400 सहायता समन्वय प्रयासों में से "करीब 44 प्रतिशत प्रयासों को इसराइली अधिकारियों ने पूरी तरह से अस्वीकृत कर दिया.
10 प्रतिशत सहायता अभियानों को बाधाओं का सामना करना पड़ा, केवल एक-तिहाई को पूरी तरह मंज़ूरी मिली, और बाक़ी प्रयासों को सुरक्षा व अन्य कारणों से ख़ुद ही रद्द करना पड़ा.