ग़ाज़ा: अपने लापता भाई की तलाश में हर दिन धक्के खाती एक बहन
मानवाधिकार
ग़ाज़ा में रहने वाली एक महिला 22 वर्षीय अनवर हवास, तबाह गलियों में तीन सप्ताहों से लापता अपने भाई की तलाश में हर दिन कुछ उम्मीद लेकर निकलती हैं. इन्टरनैट बन्द होने और सुरक्षा के अभाव में, पारम्परिक पोस्टर और पूछताछ का सहारा लेना पड़ रहा है. वहीं लापता लोगों के बारे में जानकारी जुटाने के मक़सद से, युवा कार्यकर्ता ग़ाज़ी अल-मजलदावी ने एक डिजिटल मंच बनाया है जो हज़ारों लापता लोगों की जानकारी एकत्रित करता है. स्थानीय संगठनों के मुताबिक़, ग़ाज़ा में 11 हज़ार से अधिक लोग लापता हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएँ और बच्चे हैं, और उनकी स्थिति अब भी अनिश्चित है...(विडियो)