योरोप में भीषण गर्मी का क़हर, कई देशों में रिकॉर्ड तोड़ तापमान
जून की तपती दोपहरें अब लोगों को केवल बेचैन नहीं करतीं बल्कि ज़िन्दगियों पर क़हर बनकर टूट रही हैं. उत्तरी गोलार्ध के बड़े हिस्से में इस जानलेवा गर्मी की लहर भविष्य के लिए चिन्ताजनक संकेत है. योरोप के कई हिस्सों में इस समय ऐसा ताप महसूस हो रहा है, जिसे वैज्ञानिक ‘ख़ामोश क़ातिल’ की तरह देख रहे हैं, नज़र नहीं आने वाला, मगर बेहद घातक.
रिकॉर्ड तोड़ तापमान और आग की गर्मी जैसे पेड़े मारतीं हवाओं के बीच, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने स्पष्ट कर दिया है, यह केवल मौसमी उतार-चढ़ाव नहीं, बल्कि जलवायु आपदा का स्पष्ट संकेत है.
WMO का कहना है कि मानवीय गतिविधियों से उपजे जलवायु परिवर्तन के कारण अब अत्यधिक गर्मी, न केवल अधिक तीव्र हो गई है, बल्कि पहले की तुलना में कहीं अधिक बार देखने को मिल रही है.
इसका असर योरोप के कई हिस्सों में महसूस किया जा रहा है, जहाँ तापमान सामान्य से कहीं अधिक पहुँच चुका है और जनजीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है.
झुलसाने वाली गर्मी
इस समय पश्चिमी योरोप एक शक्तिशाली उच्च-दाब प्रणाली की चपेट में है, जो उत्तरी अफ़्रीका से गर्म और शुष्क हवाओं को खींच रही है. इसके कारण स्पेन, पुर्तगाल, इटली और ग्रीस जैसे देशों में झुलसाने वाली वाली गर्मी पड़ रही है.
स्पेन के दक्षिणी इलाक़ों में 46 डिग्री सेल्सियस तक तापमान दर्ज किया गया. वहीं, फ़्राँस के 16 क्षेत्रों में ‘रैड अलर्ट’ जारी किया गया है, जबकि स्विट्ज़रलैंड के जिनीवा सहित अधिकांश हिस्सों में भी अत्यधिक गर्मी की चेतावनी जारी की गई है.
चौंकाने वाली बात यह है कि जून महीने में ही कुछ स्थानों पर न्यूनतम और अधिकतम तापमान स्तरों ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जबकि इस स्तर की गर्मी आमतौर पर जुलाई-अगस्त के बीच देखने को मिलती है.
भूमध्य सागर का सतही तापमान भी सामान्य से कहीं अधिक दर्ज किया गया है, जो ज़मीन पर गर्मी को और बढ़ा रहा है.

2050 तक आधा योरोप प्रभावित
WMO का कहना है कि गर्मी का सबसे बुरा असर शहरों में देखा जा रहा है, जहाँ शहरी ताप द्वीप प्रभाव (Urban Heat Island) प्रभाव के कारण, तापमान और ज़्यादा बढ़ जाता है.
कंक्रीट, वाहन और इमारतें इस गर्मी को सोखकर रात में भी राहत नहीं देतीं, जिससे स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है.
IPCC की रिपोर्ट बताती है कि 2050 तक योरोप की आधी आबादी, गर्मी से जुड़ी गम्भीर स्वास्थ्य समस्याओं के ख़तरे में होगी.
इन हालात को देखते हुए WMO ने ‘सभी के लिए प्रारम्भिक चेतावनी’ पहल को तेज़ी से आगे बढ़ाया है.
WMO और WHO मिलकर, सरकारों और स्थानीय प्रशासन को तकनीकी दिशा-निर्देश, उपकरण और कार्रवाई योजनाएँ मुहैया करा रहे हैं ताकि गर्मी के इस बढ़ते ख़तरे से समय रहते निपटा जा सके.
वैश्विक विशेषज्ञों ने, हाल ही में लन्दन में एक बैठक के दौरान, इस मुद्दे पर मन्थन किया था कि गर्मी से होने वाली बीमारियों और मौतों की निगरानी प्रणाली को, किस तरह बेहतर बनाया जाए.