यूएन चार्टर, 80 साल बाद एक 'जीवन्त चमत्कार'
यूएन चार्टर केवल "चर्मपत्र और स्याही भर से कहीं अधिक है; यह देशों के बीच शान्ति, सम्मान व सहयोग का वादा है." संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूएन मुख्यालय में सोमवार को यह बात, ‘यूएन चार्टर’ का स्वागत करते हुए कही, जिस पर 1945 में कैलीफ़ोर्निया के सैन फ्रांसिस्को शहर में हस्ताक्षर किए गए थे.
संयुक्त राष्ट्र के अस्तित्व के 80 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, मुख्यालय में एक प्रदर्शनी शुरू हुई है जिसका नाम है – “सैन फ़्रांसिस्को की भावना में फिर से जान फूँकना”.
एंतोनियो गुटेरेश ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि यूएन चार्टर केवल शुरुआत थी, जिसमें ऐसे विचार और सिद्धान्त शामिल थे, जिन्हें दुनिया दैनिक जीवन में लागू करने के लिए काम करती है.
युद्ध की राख से निकला वजूद
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के माहौल में, लगभग 50 देशों के प्रतिनिधियों ने 1945 में एक ऐसा विश्व संगठन बनाने के लिए, सैन फ़्रांसिस्को में एक बैठक की, जो "फिर कभी नहीं" के विचार के लिए प्रतिबद्ध हो, यानि इस तरह का युद्ध दुनिया को फिर कभी तबाह नहीं करेगा.
दुनिया युद्ध के बजाय, शान्ति और कूटनीति, समानता व समृद्धि का रास्ता चुनेगी.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फिलेमॉन यैंग ने इस प्रदर्शनी को देखते हुए कहा, "युद्ध व टकराव और मानवीय पीड़ा के अन्तहीन चक्रों में फँसी दुनिया के लिए, (यूएन) चार्टरऔर इसके द्वारा दर्शाए गए संवाद, कूटनीति, सहयोग व एकजुटता जैसे सिद्धान्त, एक बेहतर, अधिक शान्तिपूर्ण और समृद्ध भविष्य का मार्ग था."
यूएन चार्टर पर 26 जून 1945 को हस्ताक्षर किए गए थे यानि लगभग ठीक 80 साल पहले.
हालाँकि, यह वैश्विक दस्तावेज़, हस्ताक्षर करने वाले देशों के विधायी निकायों द्वारा इसकी पुष्टि किए जाने के बाद, 24 अक्टूबर 1945 को प्रभावी हुआ.
यूएन चार्टर को एक अन्तरराष्ट्रीय सन्धि माना जाता है, जोकि एक क़ानूनी साधन है, और यह सभी सदस्य देशों को, इसके भीतर निर्धारित सिद्धान्तों व प्रतिबद्धताओं से बांधता है.
संयुक्त राष्ट्र चार्टर को स्वीकृति मिलने के बाद से, 1948 के मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा और 2024 के ‘भविष्य के लिए समझौते’ सहित अन्य अनेक ऐतिहासिक अन्तरराष्ट्रीय समझौतों का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
महासभा अध्यक्ष फ़िलेमॉन यैंग ने कहा, "इसके बाद के दशकों ने चार्टर की स्थाई विरासत को साबित किया है. इसने दशकों की प्रगति को आकार दिया है - विउपनिवेशीकरण पर अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई का मार्गदर्शन किया, मानवाधिकारों की रक्षा की और न्याय व सतत विकास को बढ़ावा दिया."
‘एक जीवन्त चमत्कार’
23 जून से 26 अगस्त तक चलने वाली यह प्रदर्शनी, यूएन चार्टर को, अतीत के एक ऐसे दस्तावेज़ के रूप में सन्दर्भित करती है जो हमारे वर्तमान में जीवित है और भविष्य को आकार देने में मदद करेगा.
फ़िलेमॉन यैंग ने कहा, “जब हम आगे देखते हैं, तो हमें अपने अतीत को याद रखना चाहिए, अपनी सफलताओं का जश्न मनाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र चार्टर की नींव पर अपना भविष्य बनाना चाहिए.”
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि यह प्रदर्शनी लोगों के लिए संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की कलाकृतियों पर विचार करने का एक अवसर है - इस वैश्विक संगठन को आकार देने वाली तस्वीरें, वीडियो और दस्तावेज़ देखने के लिए.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि ऐसे में जबकि दुनिया सदियों पुरानी चुनौतियों के अलावा, जलवायु परिवर्तन और प्रौद्योगिकी जैसी नई चुनौतियों का सामना कर रही है, तो ऐसे में संयुक्त राष्ट्र चार्टर एक मार्गदर्शक शक्ति साबित हो सकती है, बशर्ते कि दुनिया दुनिया, यूएन चार्टर की भावना और शान्ति के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को, भविष्य में साथ ले जाने के लिए तैयार हो.
महासचिव ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र एक जीवन्त चमत्कार है - और संयुक्त राष्ट्र की महिलाएँ और पुरुष हर दिन और हर जगह इस चमत्कार को जीवन्त बनाते हैं.”