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विश्व स्वास्थ्य असेम्बली: महामारी तैयारी सन्धि, वित्तीय संकट से निपटने के उपायों पर नज़रें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने विश्व स्वास्थ्य असेम्बली के 78वें सत्र को सम्बोधित किया.
© WHO/Pierre Albouy
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने विश्व स्वास्थ्य असेम्बली के 78वें सत्र को सम्बोधित किया.

विश्व स्वास्थ्य असेम्बली: महामारी तैयारी सन्धि, वित्तीय संकट से निपटने के उपायों पर नज़रें

स्वास्थ्य

स्विट्ज़रलैंड के जिनीवा शहर में ‘विश्व स्वास्थ्य असेम्बली’ का 78वाँ सत्र सोमवार को आरम्भ हुआ है, जिसमें बढ़ती स्वास्थ्य, जलवायु और वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक एकजुटता की पुकार लगाई गई है. साथ ही, अगली वैश्विक महामारी का बेहतर ढंग से सामना करने के इरादे से एक वैश्विक सन्धि को स्वीकृति दिए जाने की भी योजना है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने अपने सम्बोधन में सदस्य देशों से आग्रह किया है वैश्विक अस्थिरता के बीच, साझा लक्ष्यों पर ध्यान केन्द्रित रखना होगा.

“हम यहाँ अपने हितों के लिए नहीं बल्कि हमारी दुनिया के आठ अरब लोगों के लिए जुटे हैं.”

“हमारे बाद आने वाले लोगों के पास एक विरासत छोड़ने के लिए, हमारे बच्चों और नाती-पोतों के लिए, और एक अधिक स्वस्थ्य, ज़्यादा सम्मानजनक और अधिक समतापूर्ण विश्व के लिए काम करने के इरादे से. यह सम्भव है.”

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विश्व स्वास्थ्य असेम्बली, WHO में निर्णय-निर्धारण करने वाला सबसे बड़ा निकाय है, जिसका सत्र 27 मई तक जारी रहेगा. इस असम्बेली में 194 सदस्य देशों के प्रतिनिधि, ‘स्वास्थ्य के लिए एक विश्व” थीम के अन्तर्गत एकत्र हुए हैं.

वैश्विक महामारी से बचाव 

इस वर्ष के एजेंडा में वैश्विक महामारी से निपटने की तैयारी पर केन्द्रित एक समझौता है, जिस पर गहनता से विचार-विमर्श हुआ है. इसके अलावा, बजट में कटौती के प्रस्ताव, और जलवायु, हिंसक टकराव, रोगाणुरोधी प्रतिरोध और डिजिटल स्वास्थ्य पर भी चर्चा होगी.

वैश्विक महामारी के मुद्दे पर प्रस्तावित समझौते का एक अहम उद्देश्य, भिन्न-भिन्न हिस्सों में बँटी हुई स्वास्थ्य कार्रवाई से बचना है, जिसे कोविड-19 के शुरुआती दिनों में देखा गया था.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के सदस्य देशों के बीच पिछले तीन वर्षों में हुई वार्ताओं के परिणामस्वरूप यह सन्धि तैयार की गई है, जिस पर अन्तिम मतदान मंगलवार को होने की सम्भावना है.

यदि यह सन्धि पारित होती है, तो यह केवल दूसरी बार होगा, जब सदस्य देश, WHO के संस्थापक नियमों के तहत क़ानूनी रूप से बाध्यकारी वैश्विक स्वास्थ्य सन्धि को स्वीकृति देंगे. इससे पहले, वर्ष 2003 में वैश्विक तम्बाकू महामारी की रोकथाम के लिए फ़्रेमवर्क सन्धि को पारित किया गया था.

2024 में स्वास्थ्य स्थिति

यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने 2024 की रिपोर्ट के निष्कर्षों को साझा करते हुए कहा कि WHO फ़्रेमवर्क सन्धि के दो दशक पहले पारित होने के बाद से अब तक, तम्बाकू नियंत्रण में प्रगति हासिल हुई है और धूम्रपान में एक-तिहाई की गिरावट दर्ज की गई है.

उन्होंने पिछले वर्ष मज़बूत नियम लागू करने के लिए आइवरी कोस्ट, ओमान और वियतनाम की सराहना की.

डॉक्टर टैड्रॉस ने वायु प्रदूषण, जलवायु सहनसक्षम स्वास्थ्य प्रणालियों, मातृत्व व बाल स्वास्थ्य के लिए हो रहे प्रयासों का उल्लेख किया, और बताया कि नवजात शिशुओं की मौतों को टालने के इरादे से नई योजनाओं को पेश किया जा रहा है.

महानिदेशक घेबरेयेसस ने 2024 में आपात स्वास्थ्य अभियानों के बारे में भी जानकारी दी, जिन्हें 89 देशों में संचालित किया जा रहा है, ताकि हैज़ा, इबोला, एमपॉक्स, पोलिया जैसी बीमारियों के प्रकोप से निपटा जा सके. इसके समानान्तर, ग़ाज़ा, सूडान, यूक्रेन समेत अन्य हिंसाग्रस्त इलाक़ों में सहायता अभियान चलाया जा रहा है.

डीआरसी के पूर्वी हिस्से में स्थित एक स्वास्थ्य केन्द्र में एक बच्चे की जाँच की जा रही है. (फ़ाइल)
© UNICEF/Karin Schermbrucker
डीआरसी के पूर्वी हिस्से में स्थित एक स्वास्थ्य केन्द्र में एक बच्चे की जाँच की जा रही है. (फ़ाइल)

बजट पर दबाव

WHO महानिदेशक ने संगठन के बजट पर मंडराती चुनौतियों का उल्लेख करते हुए बताया कि अगले दो वर्षों में वेतन के लिए 50 करोड़ डॉलर की कमी है. उनके अनुसार, कार्यबल में कमी का अर्थ है, कामकाज के दायरे में भी कमी आना.

इस सप्ताह, सदस्य देशों ने सदस्य देशों के लिए तयशुदा योगदान में 20 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिस पर मतदान होगा. साथ ही, 2026-2027 के लिए कार्यक्रम बजट को 5.3 अरब डॉलर से घटाकर 4.2 अरब डॉलर किया जाएगा.

बजट में यह कटौती, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी में वित्तीय संसाधनों के मौजूदा स्तर के अनुरूप कामकाज सुनिश्चित करना है, जिसमें बुनियादी क्षेत्रों में गतिविधियों को जारी रखा जाएगा.

उन्होंने माना कि संगठन, लम्बे समय से दानदाताओं के एक छोटे समूह से स्वैच्छिक धनराशि पर निर्भर रहा है, जिससे स्थिति नाज़ुक है. उन्होंने सदस्य देशों से आग्रह किया कि इस क्षण को संकट की तरह नहीं बल्कि एक दूसरी दिशा में मुड़ने वाले अवसर के रूप में देखना होगा.

नए कलेवर में WHO?

विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने WHO की भावी दिशा का भी उल्लेख किया, जोकि कोविड-19 महामारी के दौरान लिए गए सबक़ से भी निर्धारित होगी.

उन्होंने वैश्विक महामारी से निपटने के लिए निरन्तर निगरानी व्यवस्था, वैक्सीन के विकास, डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई पहल को रेखांकित किया, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमता और mRNA टैक्नॉलॉजी को 15 देशों में हस्तांतरित करने के प्रयासों को समर्थन दिया जा रहा है.

डॉक्टर टैड्रॉस ने जिनीवा मुख्यालय में ढाँचागत बदलावों का भी ज़िक्र किया, जिसके तहत प्रबन्धन स्तर पर परतों में कमी लाई जा रही है, और विभिन्न विभागों को कामकाज में सरलता लाने के इरादे से, व्यवस्थित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट एक अवसर है. हम एक साथ मिलकर इसे पूरा करेंगे.