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म्याँमार: भूकम्प-प्रभावित आबादी तक राहत पहुँचाने के लिए, सहायता मार्ग की अपील

म्याँमार के दूसरे सबसे बड़े शहर, मैंडाले में भूकम्प से बड़ी तबाही हुई है.
© UNICEF/Nyan Zay Htet
म्याँमार के दूसरे सबसे बड़े शहर, मैंडाले में भूकम्प से बड़ी तबाही हुई है.

म्याँमार: भूकम्प-प्रभावित आबादी तक राहत पहुँचाने के लिए, सहायता मार्ग की अपील

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में तत्काल, बेरोकटोक मानवीय सहायता मार्ग मुहैया कराने की पुकार लगाई है, जहाँ पिछले सप्ताह आए भीषण भूकम्प में विशाल तबाही हुई है. अब तक, तीन हज़ार लोगों की मौत होने की ख़बर है, बुनियादी ढाँचे को भारी क्षति पहुँची है और लाखों आम नागरिकों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में पत्रकारों के साथ बातचीत में चेतावनी जारी की है कि भूकम्प की वजह से, पहले से ही चुनौतियों से गुज़र रहे लोगों के लिए और पीड़ा उपजी है.

“म्याँमार आज पूरी तरह से विनाश व हताशा का दृश्य है.”

उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस आपदा से पहले से ही, देश राजनैतिक उथलपुथल, मानवाधिकार उल्लंघन मामलों और बद से बदतर रूप धारण करते मानवीय संकट से गुज़र रहा था. “हमें कई मोर्चों पर तेज़ी से कार्रवाई की ज़रूरत है.”

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यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) के अनुसार, भूकम्प से 1.7 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें क़रीब 90 लाख लोगों पर इस तबाही का गहरा असर हुआ है. 370 लोग लापता बताए गए हैं जबकि हज़ारों अन्य घायल हुए हैं.

देश के कई हिस्सों में दूरसंचार सेवाएँ, बिजली आपूर्ति, जल आपूर्ति व्यवस्था ठप हो गई है, और जीवित बच् व्यक्तियों को अपनी दैनिक आवश्यकताओं के सामान व सेवाओं के बिना ही गुज़र-बसर करनी पड़ रही है. इन सभी प्रभावितों तक राहत पहुँचाने में मानवीय सहायताकर्मियों को भी संघर्ष करना पड़ रहा है.

यंगून और मध्य म्याँमार में सड़क मार्ग को क्षति पहुँचने की वजह से आवाजाही प्रभावित हुई है, और ज़रूरतमन्द आबादी तक मदद पहुँचाने के प्रयासों में देरी हो रही है. मैंडाले प्रान्त में हवाई सेवाएँ भी रुकी हुई हैं.

इस बीच, बड़ी संख्या में परिवार भूकम्प के झटकों के भय की वजह से खुले में सोने के लिए मजबूर हैं, चूँकि इस आपदा में उनके घरों को नुक़सान पहुँचा है. 

अस्थाई तौर पर बनाए गए आश्रय स्थलों में भारी भीड़ है और वहाँ सुरक्षा व निजता का अभाव है, जिससे यौन व लिंग-आधारित हिंसा का जोखिम है. इसके मद्देनज़र, यूएन एजेंसियों ने महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा व गरिमा सुनिश्चित किए जाने की पुकार लगाई है.

समर्थन की लामबन्दी

महासचिव गुटेरेश ने म्याँमार में सहायता अभियान की अगुवाई के लिए आपात राहत मामलों के समन्वयक टॉम फ़्लैचर को वहाँ भेजने की घोषणा की है.

अवर महासचिव फ़्लैचर कल वहाँ पहुँच जाएंगे. साथ ही, विशेष दूत जूली बिशप भी आने वाले दिनों में म्याँमार का दौरा करेंगे ताकि शान्ति व सम्वाद के लिए यूएन के संकल्प को फिर व्यक्त कर सकें.

संयुक्त राष्ट्र ने अपने आपात प्रतिक्रिया कोष से 50 लाख डॉलर की धनराशि आवंटित की है, जबकि परियोजना सेवाओं के लिए यूएन कार्यालय (UNOPS) ने भोजन, आश्रय, साफ़-सफ़ाई, मलबा हटाने और स्वास्थ्य देखभाल के लिए 1.2 करोड़ डॉलर की लामबन्दी की है.

मगर, विशाल आवश्यकताओं के मद्देनज़र, अभी और अधिक स्तर पर सहायता धनराशि की आवश्यकता होगी.

यूएन प्रमुख ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से जल्द से जल्द रक़म मुहैया कराने का आग्रह किया है ताकि संकट के स्तर के अनुरूप धनराशि की व्यवस्था की जा सके.

बेरोकटोक सहायता मार्ग की अपील

म्याँमार के कई हिस्सों में हिंसक टकराव, राहत प्रयासों के लिए एक बड़ी बाधा है. फ़रवरी 2021 में सैन्य तख़्तापलट के बाद देश में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन, हिंसा हुई और लाखों लोग विस्थापन का शिकार हैं.

म्याँमार की सेना और विरोधी गुटों ने मानवीय सहायता प्रयासों को समर्थन देने के इरादे से अस्थाई तौर पर युद्धविराम की घोषणा की है. यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि इन घोषणाओं को स्थाई शान्ति में तब्दील किया जाना होगा और आम नागरिकों की रक्षा के दायित्व को पूरा करना होगा.

यूएन एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि आरम्भिक सर्वेक्षण के अनुसार, 76 प्रतिशत से अधिक ज़रूरतमन्दों को फ़िलहाल सहायता नहीं मिल पाई है. मॉनसून के मौसम से पहले, बीमारियों के फैलाव का ख़तरा है और लोग फिर विस्थापित होने के लिए मजबूर हो सकते हैं.

म्याँमार के मैंडाले में एक सामुदायिक हॉल में एक ध्वस्त दीवार के मलबे पर एक बच्चा बैठा हुआ. इस आपदा में हज़ारो लोगों ने अपने घर खो दिए हैं.
© UNICEF/Nyan Zay Hte
म्याँमार के मैंडाले में एक सामुदायिक हॉल में एक ध्वस्त दीवार के मलबे पर एक बच्चा बैठा हुआ. इस आपदा में हज़ारो लोगों ने अपने घर खो दिए हैं.

लोकतंत्र की वापसी

यूएन महासचिव ने कहा कि भूकम्प के बाद उपजी स्थिति म्याँमार के लिए एक त्रासदीपूर्ण क्षण है, मगर इसे आम नागरिकों के लिए एक अवसर के रूप में देखना होगा.

उन्होंने एक ऐसी राजनैतिक प्रक्रिया की अपील की है, जिसमें हिंसा का अन्त हो, राजनैतिक बन्दियों की रिहाई हो और लोकतंत्र का मार्ग प्रशस्त हो सके.

“म्याँमार में जैसे समुदाय इस दुख में एकजुट हैं, यह समय इस बर्बर हिंसक टकराव का अन्त करने के लिए एक राजनैतिक समाधान के पीछे एकत्र होने का भी है.”

उन्होंने लोकतंत्र बहाली के अलावा, बांग्लादेश से रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित, स्वैच्छिक व गरिमामय रिहाई के लिए समाधान ढूंढे जाने पर भी बल दिया, जिन्होंने कई वर्ष पहले हिंसा से बचने के लिए म्याँमार से भागकर वहाँ शरण ली है.

महासचिव ने भरोसा दिलाया कि ज़रूरत की इस घड़ी में संयुक्त राष्ट्र, शान्ति स्थापना और ज़रूरतमन्द आबादी तक जीवनरक्षक मदद पहुँचाने के लिए अपने प्रयास जारी रखेगा.