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'बाल दुर्बलता' के घातक प्रभावों को, संसाधन निवेश से रोका जा सकता है: WFP

डीआरसी के पूर्वी हिस्से में, अस्थिरता के कारण पहले ही बहुत से लोग विस्थापित थे, और बच्चे भी कुपोषण के शिकार हो रहे थे.
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डीआरसी के पूर्वी हिस्से में, अस्थिरता के कारण पहले ही बहुत से लोग विस्थापित थे, और बच्चे भी कुपोषण के शिकार हो रहे थे.

'बाल दुर्बलता' के घातक प्रभावों को, संसाधन निवेश से रोका जा सकता है: WFP

स्वास्थ्य

विश्व खाद्य कार्यक्रम - WFP ने बुधवार को कहा है कि बाल दुर्बलता (stunting) कुपोषण का सबसे घातक रूप है, जो अक्सर युद्ध, आर्थिक अस्थिरता और जलवायु संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में अधिक पाई जाती है, अलबत्ता पर्याप्त संसाधन निवेश के ज़रिए, इस वैश्विक कुपोषण समस्या के प्रभावों को रोका जा सकता है.

यूएन खाद्य सहायता एजेंसी के अनुसार, धन-कटौती के कारण बेहद ज़रूरी खाद्य सम्बन्धी कार्यक्रमों पर ख़तरा मंडरा रहा है. 

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने बुधवार को पेरिस में हुए चौथे पोषण विकास शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि बाल दुर्बलता stunting) की स्थिति में बच्चे अपनी उम्र के हिसाब से बहुत छोटे होते हैं. यह दीर्घकालिक या निरन्तर कुपोषण का परिणाम है.

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3.3 करोड़ बच्चे दुर्बलता की गिरफ़्त में 

सबसे अधिक प्रभावित 15 देशों में 3 करोड़ 30 लाख बच्चे दुर्बलता की गिरफ़्त में हैं. 

एजेंसी ने बताया कि कुपोषण से निपटने के लिए, WFP के कार्यक्रमों को जारी रखना ज़रूरी है. इसके लिए एक अरब डॉलर से अधिक धन की ज़रूरत है. 

WFP की कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने कहा, "हमें बाल कुपोषण को फैलने से पहले ही रोकना होगा. अगर हम कार्रवाई करने में विफल रहते हैं, तो हम लाखों बच्चों को जीवन भर पीड़ा में डाल देंगे."

"WFP के पास कुपोषण को रोकने के तरीक़े और संसाधन मौजूद हैं...हमें संसाधन निवेश और राजनैतिक इच्छाशक्ति की ज़रूरत है."

WFP ने गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त पोषण सहायता प्रदान करने की ज़रूरत पर बल दिया, क्योंकि कुपोषण अक्सर गर्भावस्था के दौरान शुरू होता है. 

नतीजतन, पाँच वर्ष से कम आयु के लगभग 50 प्रतिशत बच्चे, असमय मौत के मुँह में चले जाते हैं, और जो बच्चे इससे बच जाते हैं, उन्हें शारीरिक व मस्तिष्क विकास में बाधा और कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का सामना करना पड़ता है.

मानवीय सफलता की मिसाल

2024 में, WFP ने अतिरिक्त पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थ, भोजन और खाद्य पदार्थों के लिए नक़द मुहैया कराई जिससे लगभग एक करोड़ 40 लाख माताओं व बच्चों में कुपोषण को रोकने में सफलता मिली है. 

इन सफलताओं के बावजूद, मानवीय और विकास कार्यों के लिए वैश्विक धन-कटौती संकट, ऐसे सहायता कार्यक्रमों के लिए ख़तरा मंडरा रहा है, जो कुपोषण से निपटने पर केन्द्रित होते हैं.

धन-कटौती से वैश्विक संकट 

सूडान में लगभग 20 लाख लोग इस समय या तो अकाल में जी रहे हैं या इसके कगार पर जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं. 

WFP बुर्कीना फ़ासो, माली, नाइजीरिया में धन की कमी के कारण, अपने खाद्य कार्यक्रमों को निलम्बित करने के लिए विवश है. ऐसी ही स्थिति अफ़ग़ानिस्तान में भी बनी हुई है, जहाँ लोग उधार लेकर अपनी बुनियादी ज़रूरतें पूरी कर रहे हैं.

इसके अलावा, जॉर्डन में शरणार्थी शिविरों में 1 लाख 19 हज़ार विस्थापित सीरियाई रह रहे हैं. इन शरणार्थियों के लिए भी मासिक नक़दी सहायता में कटौती करनी पड़ी है. 

जबकि भीषण ग़रीबी से त्रस्त हेती में, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता को बनाए रखने के लिए धन की ज़रूरत है. 

 WFP ने कहा है कि कुपोषण से निपटने के लिए संसाधन निवेश से केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि अर्थव्यस्थाओं को भी मज़बूती मिलती है. 

निम्न और मध्यम आय वाले देशों को कुपोषण के कारण  स्वास्थ्य देखभाल में अधिक लागत लगानी पड़ती है, जिससे उनके सकल घरेलू उत्पाद को औसतन 10 प्रतिशत का नुक़सान पहुँचता है.