स्वच्छ वायु के लिए कार्रवाई की ख़ातिर, क़रीब 5 करोड़ लोगों ने उठाई आवाज़
दुनिया भर से लगभग 4 करोड़ 70 लाख लोगों ने, वायु प्रदूषण को कम करने और इसके विनाशकारी स्वास्थ्य प्रभावों का सामना करने के लिए मिलकर आवाज़ उठाई है. इस चुनौती से निपटने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों, रोगियों, पैरोकारों, नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों और आम नागरिकों ने तत्काल कार्रवाई के लिए एक अपील पर हस्ताक्षर किए हैं.
जलवायु परिवर्तन में वायु प्रदूषण एक प्रमुख योगदानकर्ता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े पर्यावरणीय ख़तरों में से एक बना हुआ है.
वायु प्रदूषण के कारण, हर साल लगभग 70 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जिसमें मुख्य रूप से श्वसन और हृदय सम्बन्धी बीमारियाँ ज़िम्मेदार हैं.
कोलम्बिया में उठेगा मुद्दा
यह वैश्विक अपील विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों की अगुवाई में की गई है, जिसे 25-27 मार्च, 2025 को कोलम्बिया के कार्टाजेना में होने वाले वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य पर दूसरे वैश्विक सम्मेलन में प्रस्तुत किया जाएगा.
WHO के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेब्रेयेसस ने सोमवार को कहा, "स्वास्थ्य समुदाय के 4 करोड़ 7 लाख लोगों ने वायु प्रदूषण पर तत्काल, साहसिक, विज्ञान-आधारित कार्रवाई के लिए एक स्पष्ट आहवान किया है, और उनकी आवाज़ सुनी जानी होगी."
कार्टाजेना सम्मेलन का आयोजन WHO और कोलम्बिया सरकार कर रहे हैं. यह सम्मेलन राजनैतिक नेताओं, नागरिक समाज संगठनों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और शिक्षाविदों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर ला रहा है.
इसका मक़सद दुनिया भर में, स्वच्छ वायु पर ज़ोर देने समेत वैश्विक और स्थानीय स्तरों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ कार्रवाई और सतत विकास की ओर जाना है.
स्वास्थ्य समुदाय, वायु प्रदूषण के भारी नुक़सान को भापते हुए, देशों की सरकारों से उत्सर्जन को कम करने, कड़े वायु गुणवत्ता मानकों को लागू करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में बदलाव करने के लिए तत्काल क़दम उठाने की माँग कर रहा है.
यह विषय, ग़ैर-संचारी रोगों (NCD) पर, संयुक्त राष्ट्र की इस वर्ष होने वाली इस बैठक में भी उठाया जाएगा.
मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक
वायु प्रदूषण से जुड़े कुछ भयावह तथ्य हैं. मसलन:
नगरों और ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण से पैदा होने वाले सूक्ष्म कण स्ट्रोक, हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर, पुरानी श्वसन सम्बन्धी बीमारियों और साथ ही निमोनिया जैसी गम्भीर स्वास्थ्य परेशानियाँ की वजह हैं.
इसके अलावा, लगभग 2 अरब 10 करोड़ लोग प्रदूषक खुली आग या चूल्हे का उपयोग करके भोजन पकाते हैं, जिसके कारण वे घरेलू वायु प्रदूषण के ख़तरनाक स्तरों के सम्पर्क में आते हैं.
मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक ग़ैर-संचारी रोग (NCD) हैं, जिनमें से बहुत से मामले वायु प्रदूषण से सम्पर्क में आने से जुड़े हैं. हर साल, दुनिया भर में, ग़ैर-संचारी बीमारियों से, 4 करोड़ 10 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है.
रोकथाम बने प्राथमिकता
ज्ञात और उपलब्ध समाधानों को लागू करने से, वायु गुणवत्ता में सुधार आएगा, जिससे समय से पहले होने वाली मौतों को रोका जा सकेगा.
साथ ही, इससे स्वास्थ्य में सुधार होगा, सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और जलवायु परिवर्तन को कम किया जा सकेगा.
WHO में, पर्यावरण जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य मामलों के लिए निदेशक डॉक्टर मारिया नीरा का कहना है, "निसन्देह, चुनौतियाँ बहुत विशाल हैं, मगर प्रगति सम्भव है. बहुत से नगरों और देशों में कड़ी प्रदूषण सीमाएँ लागू करने की बदौलत वायु गुणवत्ता अहम बेहतरी हुई है."
"स्वच्छ वायु कोई विशेष लाभ नहीं है, बल्कि ये एक ऐसा मानवाधिकार भी है जिसे यूएन महासभा ने भी मान्यता दी हुई है."
उन्होंने कहा, "हमें कोयला जलाने से मिलने वाली ऊर्जा के रास्ते से हटकर, स्वच्छ ऊर्जा की तरफ़ जाने वाले रास्ते पर हमारी बढ़त को तेज़ करना होगा. नगरों में कम उत्सर्जन वाले क्षेत्र बनाने होंगे और परिवहन व भोजन पकाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग व स्वास्थ्य सुविधाओं में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देना होगा."