अमेरिकी कटौती से, यूक्रेन में ‘अत्यावश्यक’ मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बन्द होने का ख़तरा
संयुक्त राष्ट्र की यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी (UNFPA) को दी जाने वाली लगभग समस्त वित्तीय सहायता ख़त्म करने के अमेरीकी फ़ैसले की पुष्टि होने से, यूक्रेन में क़रीब 6 लाख 40 हज़ार महिलाओं व लड़कियों के प्रभावित होने की आशंका है. इससे ख़ासतौर पर मनो-सामाजिक सहायता, लिंग आधारित हिंसा सेवाओं, सुरक्षित स्थान तथा आर्थिक मज़बूती कार्यक्रमों में कटौती का सामना करना पड़ेगा.
यूक्रेन के केन्द्रीय इलाक़े में स्थित शहर दनिप्रो में, एक युवा माँ, अपने पाँच बच्चों के साथ, एक ट्रेन से उतरती है. उसके पास केवल एक छोटा सा बैग है. वह ज़ैपोरिझझिया क्षेत्र में रूसी हमलों से बचने के लिए तो भाग ही रही हैं, साथ ही अपने साथी से भी भाग रही हैं, जो उन्हें इतनी बुरी तरह पीटता था कि उनका गर्भपात हो गया था.
उसे तत्काल चिकित्सा सहायता, क़ानूनी मदद और अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित स्थान की आवश्यकता है. 2022 से एक सचल टीम में मनोवैज्ञानिक के रूप में काम कर रहीं तत्याना ने बताया, “हमें वो रेलवे स्टेशन पर मिलीं. हमने उनके लिए चिकित्सा सहायता और वकीलों की व्यवस्था की, ताकि वो अपने दस्तावेज़ों व अन्य सम्बन्धित मदद हासिल कर सकें.”
आघात, मानसिक तनाव और घरेलू हिंसा में वृद्धि
तत्याना की टीम, UNFPA की उन 87 मनो-सामाजिक सहायता टीमों में से एक है, जो आपातकालीन मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. वह पीड़ितों को लम्बे समय तक मदद, रोज़गार प्रशिक्षण और क़ानूनी सहायता भी मुहैया करवाती हैं.
हिंसा से बचने के बाद भी, यह संसाधन, पीड़ितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होते हैं, ख़ासतौर पर ऐसे देश में जहाँ लोग, तीन साल के युद्ध के कारण, व्यापक मानसिक आघात व गहरे मनोवैज्ञानिक संकट से जूझ रहे हैं.
तीन साल पहले पूर्ण पैमाने के रूसी आक्रमण के बाद से, अन्तरंग साथी की हिंसा, घरेलू हिंसा, यौन हिंसा व लिंग आधारित हिंसा की घटनाओं में तीन गुना से अधिक वृद्धि हुई है.
अनुमान है कि लगभग 24 लाख लोगों को तत्काल लिंग आधारित हिंसा रोकथाम और प्रतिक्रिया सेवाओं की आवश्यकता है. इनमें से अधिकाँश महिलाएँ एवं लड़कियाँ हैं.
तत्याना कहती है, “दनिप्रो में थोड़ी शारीरिक सुरक्षा पाने के बाद भी, बहुत से लोग घबराहट, बुरे सपने और अवसाद के लक्षणों से जूझते हैं.”
यूक्रेन में लगभग दो-तिहाई परिवार, चिन्ता, अवसाद या अत्यधिक तनाव जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिससे लोगों की, रोज़गार खोजने या अपने परिवार की देखभाल करने की क्षमता प्रभावित हो रही है.
आर्थिक तंगी, व्यापक स्तर पर रोज़गार खोना, प्रियजनों की मृत्यु व भविष्य में होने वाले हमलों का डर, उनके मानसिक तनाव को और बढ़ा रहे हैं. उचित परामर्श व देखभाल के बिना, मनोवैज्ञानिक पीड़ा का दंश भावी पीढ़ियों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे समुदाय को दीर्घकालिक एवं व्यापक नुक़सान होने का ख़तरा है.
जीवित रहना केवल शुरुआत
रोमन, अप्रैल 2022 में दनिप्रो में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में टीम में शामिल हुए और उन्होनें सामाजिक सेवा संस्थानों तथा सार्वजनिक संगठनों के साथ समन्वय की ज़िम्मेदारी सम्भाली.
उन्होंने बताया कि लिंग आधारित हिंसा के मामलों में, अक्सर पुलिस के बाद सहायता के लिए सक्रिय होने वाले वो पहली टीम होते हैं. "हमने लोगों की सुरक्षा और सहायता के लिए एक सहायता कार्रवाई प्रणाली तैयार की है. हम लिंग आधारित हिंसा की घटनाओं के लिए एक प्रकार की एम्बुलेंस हैं."
ये सेवाएँ, विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं जिनके पास स्थिर आय या आवास नहीं है. युद्ध के कारण बहुत सी महिलाएँ, आर्थिक शोषण या नवीन हिंसा के जोखिम में हैं.
तत्याना कहती है, “बहुत से लोग सोचते हैं कि प्रारम्भिक ख़तरे से बच जाना कहानी का अन्त है. लेकिन वास्तविक उपचार तभी शुरू होता है जब वे शारीरिक रूप से सुरक्षित होते हैं. मनो-सामाजिक सहायता के बिना उनके लिए आघात से उबरना या आगे होने वाले नुक़सान को रोकना मुश्किल होता है.”
संकट की स्थितियों में, महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ हिंसा का ख़तरा बढ़ जाता है, जिसमें संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा भी शामिल है. साथ ही, सुरक्षा तथा जवाबी कार्रवाई की माँग तेज़ी से बढ़ती है. हालाँकि, अक्सर विस्थापित महिलाएँ मदद माँगने के लिए सामाजिक नेटवर्क से महरूम होती है, और यदि वे दुर्व्यवहार की रिपोर्ट करती हैं, तो उन्हें कलंकित किया जाता है. ऐसे मामलों में, पुलिस द्वारा सुरक्षित आवास, परामर्श या अन्य आवश्यक हस्तक्षेप की व्यवस्था के लिए, सचल टीम से सहायता ली जाती है.
ये सेवाएँ क्यों आवश्यक हैं
2022 से, UNFPA की 50 से अधिक सचल मानसिक-सामाजिक सहायता टीमों को अमेरिकी सरकार से वित्तीय सहायता मिलती रही है.
ये टीमें, यूक्रेन के सबसे कमज़ोर लोगों की मदद करने में अहम भूमिका निभाती हैं. तत्याना बताती हैं, “शहरी सेवाएँ काम करती हैं, लेकिन उनका प्रभाव और पहुँच सीमित है. इसलिए, सचल टीमें बहुत ज़रूरी हो जाती हैं, विशेषकर युद्ध के दौरान, जब हमारे सामने मदद के लिए विस्थापितों की भीड़ उमड़ती है.”
यूक्रेन में परिवारों की सहनसक्षमता, कार्यबल और व्यापक समाज के लिए महिलाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन कई वर्षों के युद्ध के दौरान उन्होंने अपार पीड़ा झेली है. यूक्रेन की दीर्घकालिक बहाली के लिए यह ज़रूरी है कि महिलाओं की व्यक्तिगत पुनर्बहाली सुनिश्चित की जाए.
दुनिया भर में मानवीय कार्रवाई के लिए वित्तीय सहायता को लेकर व्याप्त अनिश्चितता के कारण, इन आवश्यक सेवाओं को जारी रखा जाना ख़तरे में है.
6 लाख 40 हज़ार महिलाएँ और लड़कियाँ उन कटौतियों से प्रभावित होंगी, जिनका असर मानसिक-सामाजिक सहायता, लैंगिक-आधारित हिंसा सेवाओं, सुरक्षित स्थानों, और आर्थिक मज़बूती कार्यक्रमों पर पड़ेगा. शरणार्थियों और संकटग्रस्त समुदायों के लिए सुरक्षा कम हो जाएगी.
लिंग-आधारित हिंसा की रोकथाम और प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ, महिला-नेतृत्व वाले संगठनों को दिया जाने वाला समर्थन, और महिलाओं के आर्थिक मज़बूती कार्यक्रम, सभी बन्द होने के जोखिम में हैं.
इससे लाखों लोगों की सुरक्षा और कल्याण पर गम्भीर संकट उत्पन्न हो सकता है.