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DRC में हिंसा ने, 35 हज़ार लोगों को बुरूंडी में धकेला

काँगोे से हज़ारों की संख्या में बुरूंडी पलायन कर रहे हैं लोग
© UNHCR/Bernard Ntwari
काँगोे से हज़ारों की संख्या में बुरूंडी पलायन कर रहे हैं लोग

DRC में हिंसा ने, 35 हज़ार लोगों को बुरूंडी में धकेला

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियों ने कहा है कि काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में जारी हिंसा ने, हज़ारों लोगों को अपना देश छोड़कर अन्यत्र चले जाने के लिए मजबूर कर दिया है. प्रभावित लोग आधारभूत ज़रूरतें पूरी होने में भारी कमी के बीच, पड़ोसी देशों का रुख़ कर रहे हैं जिनमें बुरूंडी भी एक ऐसा ही देश है. 

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने गुरूवार को कहा, डीआरसी में चल रहे युद्ध के कारण फ़रवरी के आरम्भ से अब तक, 35 हज़ार लोग बुरूंडी में शरण ले चुके हैं. 

उधर रवांडा समर्थित एम23 लड़ाकों का, दक्षिण और उत्तर कीवू में क़ब्ज़ा बरक़रार है. 

संयुक्त राष्ट्र के मानव अधिकार कार्यालय (OHCHR) ने क्षेत्र में बढ़ती अराजकता पर भी चिन्ता व्यक्त की है. 

हाल के दिनों के दौरान, गोमा, कबारे और बुकावू की जेलों में बलात्कार जैसे गम्भीर अपराधों के लिए ज़िम्मेदार लड़ाकों के जेल से निकल भागने के मामले सामने आए हैं. 

ये पूर्व बन्दी अब एक ख़तरा बन गए हैं, और उनके पूर्व पीड़ितों के वकीलों व इन बन्दियों को सज़ा सुनाने वाले जजों के लिए ख़तरा पेश करते हैं. 

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डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र संयुक्त मानवाधिकार कार्यालय (UNJHRO) ने कहा है, "इसका परिणाम बहुत भीषण होगा, सबसे पहले तो देश में क़ानून-व्यवस्था के लिए."

"साथ ही ख़ासतौर पर उन महिलाओं के लिए जिन्हें मदद मिलने की वजह से, न्याय में आस्था थी. मगर अब उन महिलाओं को, अपने शोषकों का सामना करने का जोखिम है.

बुरूंडी की ओर पलायन

UNHCR की प्रवक्ता ओल्गा सर्राडो ने यूएन न्यूज़ को बताया कि लोग बुरूंडी में उसके पश्चिमोत्तर से होकर दाख़िल हो रहे हैं. "इनमें अधिकतर महिलाएँ और बच्चे शामिल हैं. वे थके हुए हाल में पहुँच रहे हैं."

प्रवक्ता के अनुसार, बहुत से लोगों ने बताया कि इस पलायन के दौरान उन्होंने अपने परिजन को खो दिया है.

कुछ लोग खुले स्थानों में ही रहने को विवश हैं, तो कुछ लोगों ने स्कूलों, स्टेडियम और तिरपाल में शरण ली है. प्रभावित लोग आधारभूत ज़रूरतों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं. 

मानवीय सहायता जारी

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने गोमा में खाद्य सहायता, आंशिक रूप से फिर शुरू कर दी है. ग़ौरतलब है कि गोमा पर तीन सप्ताह पहले एम23 ने क़ब्ज़ा कर लिया था.

मगर खाद्य सहायता एजेंसी ने, जारी युद्ध के कारण, विस्थापन केन्द्रों में पहुँचने वालों की बढ़ती संख्या के बीच "बढ़ती भूख" स्थिति पर भी चिन्ता व्यक्त की. 

WFP ने, उत्तर कीवू में 83 हज़ार लोगों तक खाद्य सहायता पहुँचाने के लक्ष्य रखा है जिनमें से 9 हज़ार लोगों को आपात खाद्य सहायता पहुँचाई गई है. 

एजेंसी ने ज़ोर देकर कहा कि इन इलाक़ों में सुरक्षा स्थिति बेहतर करना ज़रूरी है ताकि लाखों ज़रूरतमन्द लोगोें तक भोजन पहुँचाया जा सके.  

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी 6 महीने से 59 महीने की उम्र वाले बच्चों को, भयानक कुपोषण से लड़ने के लिए ज़रूरी पोषक तत्व भी पहुँचा रही है. खाद्य मंहगाई के कारण, परिवार अपने लिए भरपेट भोजन का भी इन्तेज़ाम नहीं कर पा रहे हैं.

एजेंसी का कहना है कि उसकी प्राथमिकता, हालात सुरक्षित होने पर सहायता अभियान, यथाशीघ्र और यथासम्भव शुरू करने की है.