DRC: युद्ध से टूटने के कगार पर हैं लोग, वार्ता बहाल करने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में बढ़ते संकट पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए, बुधवार को एक विशेष बैठक की है. साथ ही, डीआरसी के लिए संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष सहायता अधिकारी ब्रूनो लैमारकिस ने सभी युद्धरत पक्षों से, जीवनरक्षक राहत आपूर्ति को सबसे ज़रूरतमंद लोगों तक पहुँचने की अनुमति देने की अपील की है.
ब्रूनो लेमारकिस ने बुधवार को कहा, "विशेष रूप से दक्षिणी कीवू प्रान्त में युद्ध तेज़ी से बढ़ रहा है, जो नागरिक आबादी पर भारी असर डाल रहा है."
उन्होंने कहा, "इस फैलते टकराव के लिए आम लोग नागरिक इतनी भारी क़ीमत चुकाना जारी नहीं रख सकते हैं जो, अब पूरे क्षेत्र की स्थिरता को ख़तरे में डाल रहा है."
रविवार को विपक्षी लड़ाकों ने कुछ ही सप्ताहों में डीआरसी के पूर्वी क्षेत्र के दूसरे प्रमुख शहर बुकावू पर क़ब्ज़ा कर लिया.
मानवीय सहायता अधिकारी की यह अपील, रवांडा समर्थित एम23 विद्रोहियों के आगे बढ़ने और भारी हथियारों से लैस होने के कारण, प्रभावित लोगों के उन स्थानों से भाग जाने के माहौल में आई है, जहाँ युद्धक गतिविधियाँ तेज़ हो रही हैं.
ब्रूनो लेमारकिस ने क्षेत्र में युद्ध को रोके जाने और बातचीत बहाल किए पर ज़ोर दिया है.
सहायता समूहों द्वारा, प्रभावित इलाक़ों में दी जा रही मदद में सबसे ज़रूरी प्राथमिकताओं में, मानवीय उड़ानों के लिए हवाई अड्डों को फिर से खोलना शामिल है.
ये दोनों क्षेत्र अब एम23 के नियंत्रण में हैं.
बुकावू में ख़तरनाक स्थिति
70 लाख लोग विस्थापित
संयुक्त राष्ट्र सहायता समन्वयक ने इस बात पर भी ज़़ोर दिया कि राहत दलों का "एकमात्र मिशन" सबसे ज़रूरतमन्द लोगों को अहम सहायता और सुरक्षा प्रदान करना है, "चाहे वे कहीं भी हों... यह कार्रवाई तटस्थता, निष्पक्षता, मानवता और स्वतंत्रता के मानवीय सिद्धान्तों द्वारा निर्देशित है, बिना किसी पक्ष या राजनैतिक विचारों में उलझे हुए."
DRC संकट, दुनिया के सबसे जटिल मानवीय संकटों में से एक है; यह काँगो के सशस्त्र बलों और विभिन्न सरकार इतर हथियारबन्द समूहों, व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन और यौन हिंसा के बीच दशकों से चली आ रही झड़पों का नत़ीजा है.
DRC के पूर्वी हिस्से में इस ताज़ा संकट ने कुछ हफ़्तों में ही लाखों लोगों को बेघर कर दिया है. कुछ ही दिनों में 10 से 15 हज़ार लोग बुरूंडी में चले गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, UNHCR के मुताबिक़, सिर्फ़ काँगो के केवल पूर्वी इलाक़े में ही नहीं, बल्कि देश के भीतर 70 लाख लोग विस्थापित हैं और दस लाख से ज़्यादा लोगों ने देश की सीमाओं से बाहर शरण मांगी है.
इनमें से ज़्यादातर शरणार्थियों ने अंगोला, बुरूंडी, मलावी, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, युगांडा, तंज़ानिया और ज़ाम्बिया द्वारा शरण ली है. जर्मनी से सात गुना बड़े DRC में पाँच लाख से ज़्यादा शरणार्थी और शरण चाहने वाले लोग भी रहते हैं.