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यमन: हिरासत में रखे गए WFP कर्मचारी की मौत, जवाबदेही तय किए जाने की मांग

यमन में संयुक्त राष्ट्र की इमारत में यूएन ध्वज को आधा फहराया जा रहा है.
UNMHA
यमन में संयुक्त राष्ट्र की इमारत में यूएन ध्वज को आधा फहराया जा रहा है.

यमन: हिरासत में रखे गए WFP कर्मचारी की मौत, जवाबदेही तय किए जाने की मांग

शान्ति और सुरक्षा

यमन में हूथी लड़ाकों की हिरासत में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के एक कर्मचारी की मौत होने के बाद संयुक्त राष्ट्र के सभी कार्यालयों में ध्वजों को इस सप्ताह के लिए आधा झुका दिया गया है. यमन के एक बड़े हिस्से पर हूथी विद्रोहियों का क़ब्ज़ा है और उन्होंने पिछले महीने अहमद को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया था. यूएन महासचिव ने इस घटना को त्रासदीपूर्ण क़रार दिया है और दोषियों की जवाबदेही तय किए जाने का आग्रह किया है.

यमन की राजधानी सना समेत देश के अधिकाँश हिस्से में हूथी लड़ाकों का शासन है, जिन्हें अंसार अल्लाह गुट के नाम से भी जाना जाता है. इस गुट ने संयुक्त राष्ट्र, ग़ैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज व कूटनैतिक मिशन के अनेक कर्मचारियों को अब भी हिरासत में रखा हुआ है, जिनमें से कई लोग पिछले कुछ सालों से बन्दी हैं.

WFP प्रमुख सिंडी मैक्केन ने सोशल मीडिया पर अपने सन्देश में दो बच्चों के पिता अहमद को एक समर्पित मानवतावादी बताया, जिन्होंने मानवीय राहत प्रयासों के तहत ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक खाद्य सहायता पहुँचाई.

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उन्होंने कहा कि अहमद की मौत हृदयविदारक है और वह इस घटना से क्षुब्ध हैं.

स्थानीय प्रशासन ने 23 जनवरी को यमन के उत्तरी हिस्से में अहमद समेत सात कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया था, जोकि सभी यमन के नागरिक थे.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने WFP कर्मचारी की मौत की निन्दा की है और हिरासत में रखे गए सभी सहकर्मियों व उनके परिजन के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है.

‘निन्दनीय त्रासदी’

यूएन प्रमुख ने मंगलवार को जारी अपने एक वक्तव्य में बताया कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि किन परिस्थितियों में यह निन्दनीय त्रासदी घटित हुई. संयुक्त राष्ट्र ने इस विषय में हूथी लड़ाकों से स्पष्टीकरण की मांग की है.

“मैं तत्काल, एक पारदर्शी व विस्तृत जाँच कराए जाने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग करता हूँ.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के अन्य कर्मचारियों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखा जाना अस्वीकार्य है, और उन्हें जल्द से जल्द, बिना किसी शर्त के रिहा करना होगा.

“संयुक्त राष्ट्र इस स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा व सलामती सुनिश्चित करने के लिए सभी उपयुक्त क़दमों को उठाया जाएगा, जोकि यमन के लिए लोगों की सहायता के लिए प्रयासों में जुटे हैं.”

विशाल आवश्यकताएँ

यूएन प्रमुख ने हूती लड़ाक़ों द्वारा फिर से कर्मचारियों को बन्धक बनाए जाने के विषय में सोमवार को सभी यूएन एजेंसियों व कार्यक्रमों को पश्चिमोत्तर यमन के सआदा गवर्नरेट में अपना कामकाज रोकने का निर्देश दिया था.

उनके कार्यालय की ओर से जारी एक नोट में कहा गया कि यूएन कर्मचारियों की सुरक्षा व सलामती और वहाँ रुक करके ज़रूरतों को पूरा करने के बीच सन्तुलन साधने के इरादे से यह असाधारण व अस्थाई क़दम उठाया जा रहा है.

यमन पिछले एक दशक से हूथी विद्रोहियों व सऊदी-नेतृत्व में सरकारी सुरक्षा बलों के बीच युद्ध में झुलस रहा है. देश में 1.8 करोड़ लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जोकि देश की आधी से अधिक आबादी है.

अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार की गठबंधन सेनाओं और हूथी लड़ाकों के बीच पिछले कई वर्षों तक हुई लड़ाई के बाद, यूएन की मध्यस्थता में लागू हुए युद्धविराम की अवधि समाप्त हो चुकी है, मगर लड़ाई पुराने स्तर पर फिर से शुरू फ़िलहाल नहीं हुई है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम अपने कार्यक्रमों के ज़रिये लाखों लोगों तक मदद पहुँचाने में जुटा है, और हिंसक टकराव से प्रभावित इलाक़ों में ज़रूरतमन्दों के लिए खाद्य सहायता प्रदान की गई है, स्कूली बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है और महिलाओं व बच्चों को पोषक आहार दिया गया है.