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बांग्लादेश के छोटे किसानों की आवाज़ बुलन्द करने के प्रयास

आलू की खेती करने वाले सलमा के परिवार ने बिरहीम किसान सहकारी में शामिल होने का निर्णय लिया, जो उनके जीवन में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ.
© FAO/Saikat Mojumder
आलू की खेती करने वाले सलमा के परिवार ने बिरहीम किसान सहकारी में शामिल होने का निर्णय लिया, जो उनके जीवन में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ.

बांग्लादेश के छोटे किसानों की आवाज़ बुलन्द करने के प्रयास

एसडीजी

बांग्लादेश में खाद्य एवं कृषि संस्थान FAOमहिलाओं और युवा को कृषि में परिवर्तन लाने के लिए प्रमुख भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

सलमा अख़्तर अदूरी के परिवार को उम्मीद थी कि नक़दी फ़सलें उगाना एक समाधान होगा.

सलमा बताती हैं, “हम एक विशेष प्रकार का आलू उगा रहे थे जिसे 'सनशाइन आलू' कहा जाता है, जो तेज़ी से बढ़ सकता है और अच्छी पैदावार देता है. लेकिन फ़सल की मात्रा इतनी कम रही कि हम उन्हें लाभकारी मूल्य पर बेच ही नहीं सके.”

सलमा और उनका परिवार, बांग्लादेश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र रंगपुर के आलू किसान हैं. यह क्षेत्र विनाशकारी मानसून की बाढ़ और मौसमी सूखे के लिए जाना जाता है, और यहाँ के किसान अक्सर इन मौसम-संबंधी झटकों का सामना करने के लिए नक़दी फ़सलों की खेती पर निर्भर रहते हैं. लेकिन इससे कोई लाभ नहीं हो पा रहा था.

“हमारे कई पड़ोसी भी इसी स्थिति में थे. उन्होंने आलू उगाने के लिए ज़मीन किराए पर ली, लेकिन उन्हें किराया चुकाने लायक आमदनी भी नहीं हो पाई.”

स्थिति गम्भीर होती जा रही थी. ऐसा लग रहा था कि या तो उन्हें अपनी ज़मीन छोड़नी पड़ेगी या महाजनों से ऊँचे ब्याज़ पर कर्ज़ लेना पड़ेगा. सलमा अपने परिवार के कृषि भविष्य को लेकर चिनतित थीं और खेती छोड़ने का मन बना रही थीं.

एक महत्वपूर्ण मोड़

उत्तर-पश्चिमी बांग्लादेश में, किसानों को अक्सर अपनी उपज को बाज़ारों तक पहुँचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है.
© FAO/Saikat Mojumder

फिर सलमा के परिवार ने बिरहीम किसान सहकारी में शामिल होने का निर्णय लिया, जो उनके जीवन में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ.

उत्पादकों के इस संगठन को, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा क्रियान्वित 'मिसिंग मिडल इनिशिएटिव' के माध्यम से महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ, जिसे वैश्विक कृषि और खाद्सिय सुरक्षा कार्यक्रम (GAFSP) द्वारा वित्तपोषित किया गया.

कृषि मंत्रालय और सारा बांग्ला कृषक सोसाइटी (SBKS) के सहयोग से, इस FAO पहल ने वित्त, बाज़ार, प्रौद्योगिकीऔर जानकारी तक किसानों की पहुँच को बढ़ाया.

सलमा कहती हैं, “यह समर्थन बहुत महत्वपूर्ण था. हमने महसूस किया कि अन्य किसानों के साथ मिलकर अपने उत्पाद को थोक में बेचना कितना महत्वपूर्ण है, ताकि हम उन बाज़ारों तक पहुँच सकें, जो उच्च मूल्य प्रदान करते हैं. हमें अंततः प्रतिस्पर्धी दरों पर वित्त तक पहुँच मिली. और इन लाभों को देखते हुए, बिरहीम की सदस्यता बढ़ी!”

2018 में, सलमा हाई स्कूल से पास होने के बाद, जब वो विश्वविद्यालय में प्रवेश का इंतज़ार कर रही थीं. उस दौरान उन्होंने बिरहीम के अभिलेख-रखरखाव में मदद करने के लिए हाथ बढ़ाया.

FAO के समर्थन से, बिरहीम ने फिर एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की जब वह बांग्लादेश पोटेटो एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन से जुड़ गया.

“हमारे आलू का निर्यात होते देखना मेरे और मेरे परिवार के लिए एक सपना सच होने जैसा था,” सलमा खुशी से कहती हैं. “इसने मुझे निर्यात के लिए अन्य समुदायों की मदद करने की भी प्रेरणा दी.”

विपत्ति में नवाचार

coronavirus">COVID-19 महामारी ने बिरहीम को नवाचार करने के लिए प्रेरित किया. SBKS और FAO के समर्थन से, बिरहीम और अन्य उत्पादक संगठनों ने अपने समुदाय के कृषि व्यवसाय को चालू रखने के लिए एक वर्चुअल कॉल सेंटर (VCC) स्थापित किया.

VCC एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया, जो किसानों को दूरस्थ रूप से कृषि सलाह, बाज़ार जानकारी और वित्तीय सेवाएँ प्रदान करता था. सलमा, उनकी प्रतिबद्धता के लिए पहचानी गईं, और 2020 में वे VCC ऑपरेटर के रूप में नियुक्त की गईं.

 सलमा बताती हैं, “मेरे परिवार ने हमारी पारम्परिक पृष्ठभूमि के चलते इसका विरोध किया, लेकिन उत्पादक संगठन के अध्यक्ष ने उन्हें मना लिया. प्रशिक्षण के बाद, मुझे और गम्भीरता से लिया जाने लगा.”

अब वो अपने समुदाय में अधिक महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही थीं और अन्य युवाओं को प्रेरित कर रही थीं. वह उत्साहपूर्वक कहती हैं, “अब वे मुझसे कृषि में शामिल होने के अवसरों के बारे में पूछने लगे हैं. यह बहुत उतसाहजनक था.” 

एक नेता के रूप में उदय

बिराहिम किसान सहकारी समिति में शामिल होने से, सलमा के परिवार को वित्त, बाज़ार, प्रौद्योगिकी और सूचना तक उनकी पहुँच बढ़ाने में महत्वपूर्ण सहायता मिली.
© FAO/Saikat Mojumder

VCC ऑपरेटर के रूप में सलमा के कौशल और विशेषज्ञता ने उनका बिरहीम के लिए एकाउंटेंट के रूप में नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया.

वह एक किसान व्यवसाय सुविधा प्रदाता भी बन गईं, और अन्य उत्पादक संगठनों के प्रबंधन, वित्त और व्यवसाय योजनाओं की निगरानी भी करने लगीं.

शुरुआत में, लोग उन्हें सन्देह की नज़र से देखते थे. उन्हें अन्य समुदायों के पुराने पुरुष नेताओं के साथ काम करने में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

लेकिन उनकी रणनीतिक दृष्टिकोण ने प्रतिरोध को दूर करने में मदद की. “समय के साथ, उन्होंने मेरे अपने ज्ञान और अनुभव का सम्मान करना शुरू कर दिया!”

इस बीच, FAO और SBKS ने, GAFSP से और अधिक वित्त पोषण के साथ, ACCESS परियोजना शुरू की, जो जलवायु-प्रभावित क्षेत्रों में उत्पादक संगठनों के साथ स्थानीय मूल्य श्रृंखलाओं तक पहुँच के लिए काम करती है.

ACCESS 'मिसिंग मिडल इनिशिएटिव' की सफलताओं पर आधारित है - जिसमें 10,000 छोटे किसानों ने वार्षिक आय में औसतन 35 प्रतिशत की वृद्धि देखी.

वित्तीय स्थिरता और भविष्य के लिए दृष्टि

बिराहिम के ज़रिए अब आलू का सफलतापूर्वक निर्यात किया जा रहा है और भविष्य में सब्ज़ी बीज व्यवसाय भी शुरू करने की योजना है.
© FAO/Saikat Mojumder

अब, बिरहीम सफलतापूर्वक आलू का निर्यात कर रहा है और इस सहकारी ने एक सब्ज़ी बीज व्यवसाय की शुरुआत भी की है.

सलमा गर्व से बताती हैं, “हमें क्रेडिट प्राप्त करने और अपने बीजों का बाज़ार बनाने में मदद मिली, और हम समूचे बांग्लादेश में गुणवत्तापूर्ण सब्ज़ी बीज का उत्पादन कर रहे प्रतिष्ठित भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं."

बैंक भी सब्ज़ी बीज उत्पादन के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास में शामिल हो रहे हैं. डच-बांग्ला बैंक, SBKS और बांग्लादेश कृषि अनुसंधान संस्थान को वित्त पोषित कर रहा है, जिससे बिरहीम किसान सालाना पाँच टन सब्जी बीज का उत्पादन कर सकेंगे.

सलमा कहती हैं, “ऋण चुकाने के लिए संघर्ष करने से लेकर वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने तक, हमारे समुदाय के लिए यह एक महत्वपूर्ण यात्रा रही है.” 

हाल ही में, सलमा SBKS के सचिवालय में एकाउंटेंट के रूप में नियुक्त हुई हैं.  कृषि नवाचार और सशक्तिकरण में अब वह एक सामुदायिक नेता बन  चुकी हैं. वो कहती हैं, “मैं अन्य समुदायों को निर्यात बाज़ारों तक पहुँचने में मदद करना चाहती हूँ ताकि वे वित्तीय स्थिरता और उच्च आय का लाभ उठा सकें.” 

“मैं ACCESS के तहत, और अधिक महिलाओं को सशक्त होते और हमारे छोटे किसानों के नेटवर्क, SBKS, को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करते देखना चाहती हूँ.”