मध्य पूर्व में बढ़ती हिंसा के विरुद्ध यूनीसेफ़ की चेतावनी
मध्य पूर्व में हाल के दिनों में हमलों और हिंसा में हुई बढ़ोत्तरी का, बाल ज़िन्दगियों पर बहुत भीषण असर पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF ने बुधवार को, क्षेत्र में तनाव और टकराव को कम किए जाने की अपील की है.
यूनीसेफ़ की क्षेत्रीय निदेशक अदेले ख़ोद्र ने एक वक्तव्य में कहा है कि मध्य पूर्व के देशों में बहुत से बच्चों को इस समय इतनी तकलीफ़ों और पीड़ाओं का सामना करना पड़ रहा है, जितना उन्होंने कभी नहीं किया.
उन्होंने कहा कि हमलों के बारे में लगभग हर रिपोर्ट में यह ख़बर शामिल होती है कि मृतकों में बच्चे भी थे. पूरे फ़लस्तीन, इसराइल, लेबनान और इसराइल द्वारा क़ाबिज़ गोलान पहाड़ियों में, एक साल से भी कम समय में, हज़ारों बच्चों की मौत हो चुकी है.
इसके साथ ही बहुत से बच्चों को ऐसे घाव मिल रहे हैं जो ज़िन्दगी भर के लिए उनके शरीरों और दिमाग़ों पर अमिट निशान छोड़ रहे हैं और उन्हें असीम स्तर की मानसिक पीड़ा हो रही है. बहुत से बच्चे विस्थापित भी हैं और लगातार अनिश्चितता व भय की स्थित में जीवन जी रहे हैं.
हालात के और भी बदतर होने की आशंका
यूनीसेफ़ की क्षेत्रीय निदेशक अदेले ख़ोद्र ने अलबत्ता यह भी कहा है कि मध्य पूर्व के बच्चों के लिए स्थिति और भी बदतर होने की आशंका है.
उन्होंने कहा, “क्षेत्र में हिंसा व टकराव में किसी भी तरह की बढ़ोत्तरी से, मानवीय स्थिति और भी बदतर होगी, जिससे और बी अधिक बच्चों की ज़िन्दगियाँ और रहन-सहन ख़तरे में पड़ जाएंगे. बदतर स्थिति के इस क्षेत्र में शान्ति व स्थिरता के लिए भी दूरगामी व नकारात्मक परिणाम होंगे.”
उन्होंने कहा कि बच्चों की ज़िन्दगियाँ और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, तनाव और टकराव में तुरन्त कमी किया जाना बहुत ज़रूरी है, अन्यथा इसके उलट हालात की भीषणता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
संयम, संरक्षण, तनाव व टकराव में कमी
मध्य पूर्व के लिए यूएन बाल एजेंसी की क्षेत्रीय निदेशक अदेले ख़ोद्र ने कहा कि यूनीसेफ़ सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने और आम लोगों के साथ-साथ उस बुनियादी ढाँचे के संरक्षण का आहवान करता है, जिस पर उनकी ज़िन्दगियाँ निर्भर हैं.
यूनीसेफ़ और उसकी साझीदार एजेंसियाँ, बुनियादी सेवाएँ मुहैया कराने और बच्चों की मदद करने के लिए सामग्री की आपूर्ति करने और उन्हें संरक्षण मुहैया कराने के लिए, धरातल पर मौजूद हैं.
क्षेत्रीय निदेशक अदेले ख़ोद्र ने ज़ोर देकर कहा कि हालाँकि इस समय बच्चों को जिन चीज़ों की सबसे अधिक आवश्यकता है वो हैं – शान्ति व सुरक्षा, एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवकर और अभाव व भय से मुक्ति.
“इस सबकी शुरुआत होती है तनाव व टकराव में कमी, एक दीर्घकालीन राजनैतिक समाधान और एक बेहतर भविष्य के वादे के साथ.”