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मध्य पूर्व: तनाव में ‘गम्भीर और ख़तरनाक वृद्धि’ पर सुरक्षा परिषद में बहस

मध्य पूर्व की स्थिति पर विचार विमर्श के लिए, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक.
UN Photo/Loey Felipe
मध्य पूर्व की स्थिति पर विचार विमर्श के लिए, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक.

मध्य पूर्व: तनाव में ‘गम्भीर और ख़तरनाक वृद्धि’ पर सुरक्षा परिषद में बहस

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक मामलों की शीर्ष अधिकारी रोज़मैरी डीकार्लो ने मध्य-पूर्व में तनाव कम करने की सख़्त ज़रूरत पर एक बार फिर ज़ोर दिया है. उन्होंने मध्य पूर्व क्षेत्र में युद्धक गतिविधियों में वृद्धि पर विचार-विमर्श के लिए, बुधवार को सुरक्षा परिषद की एक त्वरित बैठक को सम्बोधित करते हुए, "तेज़ एवं प्रभावी कूटनीतिक कार्रवाई" करने का आहवान किया. 

संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव, रोज़मैरी डीकार्लो ने ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के शीर्ष नेता इसमाइल हानिये के मारे जाने की ख़बरों के बीच, तनाव बढ़ने की चेतावनी देते हुए कहा, “अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को साथ मिलकर ऐसी किसी भी कार्रवाई को रोकने की कोशिश करनी होगी, जो इस टकराव को तेज़ी से, और भी बड़ा व व्यापक बना सकता हो.”

इस हत्या से पहले, बेरूत में किए गए इसराइली हमलों, इसराइल के क़ब्ज़े वाले गोलान पहाड़ी क्षेत्र के एक गाँव में हुए हमले, और इसराइल व लेबनानी सशस्त्र बलों को अलग करने वाली ब्लू लाइन पर गहन गोलीबारी के घटनाक्रम हुए हैं.

इन सभी घटनाओं में बच्चों समेत अनेक लोगों की मौतें हुई हैं.

गम्भीर व ख़तरनाक वृद्धि

सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए, शान्तिनिर्माण एवं राजनैतिक मामलों की प्रमुख, यूएन अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो.
UN Photo/Loey Felipe

रोज़मैरी डीकार्लो ने, 7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल में हमास के हमले व अन्य फ़लस्तीनी सैन्य गुटों के हमलों के बाद भड़की लड़ाई के बाद से ही ग़ाज़ा में जारी युद्ध की ओर इशारा करते हुए कहा, “पिछले कुछ दिनों में हुए विभिन्न हमले, तनाव में गम्भीर व ख़तरनाक वृद्धि का संकेत देते हैं.”

इसराइल के दक्षिणी इलाक़े में हुए उन हमलों में 1,200 से अधिक इसराइली लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज़्यादा लोगों को बन्धक बना लिया गया था. उनमें से अनेक लोग अब भी बन्धक

ग़ाज़ा पट्टी में, इसराइली हमले में 38 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं, 88 हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं और लगभग 90 फ़ीसदी आबादी विस्थापित हुई है – जिसमें से बहुत से लोग तो अनेक बार विस्थापित हुए हैं.  

प्रभावी कूटनैतिक कार्रवाई ज़रूरी

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने “सर्वजन से अधिकतम संयम” बरतने का आहवान किया है. लेकिन उन्होंने कहा कि “इस बेहद संवेदनशील समय में केवल संयम बरतना काफ़ी नहीं होगा.”

उन्होंने कहा, "हवा का दुखद रुख़ बदलने और क्षेत्र में शान्ति एवं स्थिरता बहाल करने का रास्ता तलाश करने के लिए कूटनैतिक प्रयासों की तत्काल आवश्यकता है."

“मिसाइलों, हथियारबन्द ड्रोन व अन्य ख़तरनाक हमलों से एक-दूसरे को जवाब देने का सिलसिला तुरन्त बन्द होना चाहिए.”

उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से "ऐसी किसी भी कार्रवाई को रोकने के लिए मिलकर काम करने की अपील की जो टकराव को बहुत तेज़ी से बड़ा व व्यापक बना सकती है."

उन्होंने कहा, “हमें क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए तेज़ व प्रभावी कूटनैतिक कार्रवाई की ज़रूरत है. यह परिषद इसमें अहम भूमिका निभा सकती है. और यह करने का उचित समय यहीं है.”

सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील

सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इस बैठक के बाद, मध्य पूर्व क्षेत्र में टकराव को बढ़ने से रोकने के लिए, तनाव घटाने व युद्धविराम एवं कूटनीतिक प्रयासों की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया. 

उन्होंने नागरिकों, विशेषकर लड़ाई का ख़ामियाज़ा भुगत रहीं महिलाओं व बच्चों समेत, मानवतावादियों तथा पत्रकारों पर पड़ने वाले असर पर भी बात की.

अल्जीरिया के राजदूत और स्थाई प्रतिनिधि, अमर बेंदजमा ने इसराइल द्वारा हमास नेता इसमाइल हानियेह की हत्या की निन्दा करते हुए इसे "केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं" बल्कि "राजनयिक सम्बन्धों की नींव पर, देश की संप्रभुता की पवित्रता तथा वैश्विक व्यवस्था के सिद्धांतों पर एक क्रूर हमला" क़रार दिया. 

उन्होंने इसराइल के "जघन्य युद्ध अपराधों" और "गम्भीर मानवाधिकारों के उल्लंघन" के लिए, पूर्ण जवाबदेही तय करने का आहवान किया.

संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत, रॉबर्ट वुड और उप स्थाई प्रतिनिधि ने इसराइल के आत्मरक्षा के अधिकार को रेखांकित करते हुए कहा कि लेबनान पर हमले या हमास नेता इसमाइल हानियेह की हत्या से उनका कोई लेना-देना नहीं था. 

उन्होंने ईरान पर स्पष्ट प्रभाव रखने वाले परिषद के सदस्यों से आग्रह किया कि वो इसराइल एवं अन्य पक्षों के ख़िलाफ़ छदम टकराव को बढ़ाने से रोकने के लिए ईरान पर दबाव बढ़ाएँ.

ईरान: हत्या, एक आतंकी कार्रवाई

ईरान के राजदूत अमीर सईद इरावानी, मध्य पूर्व की स्थिति पर सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत और स्थाई प्रतिनिधि, अमीर सईद इरावानी ने कहा कि उनके देश ने "इस तात्कालिक व गम्भीर मसले की तरफ़ ध्यान खींचने के लिए" परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई है.

उन्होंने हमास के शीर्ष राजनैतिक अधिकारी, इसमाइल हानियेह की "इसराइल द्वारा कायरतापूर्ण हत्या" किए जाने की निन्दा की, जो नए ईरानी राष्ट्रपति के अभिषेक समारोह में भाग लेने, सरकार के निमंत्रण पर ईरान की आधिकारिक यात्रा पर थे.

उन्होंने कहा, "यह आतंकी कृत्य, आतंकवाद व दमन के, इसराइल के दशकों पुराने चलन का एक और उदाहरण है, जिसके तहत इस क्षेत्र तथा उसके परे भी, फ़लस्तीनियों व उनके समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है."

उन्होंने आरोप लगाया कि अपने आतंकी उद्देश्य के अलावा, इसराइल का मक़सद, क्षेत्र में शान्ति व स्थिरता को प्राथमिकता देने वाली ईरान की नई सरकार को पहले ही दिन बाधित कर, अपना राजनैतिक लक्ष्य हासिल करना भी है.

उन्होंने इस "भयानक कृत्य" की कड़ी निन्दा करते हुए, इसे अन्तरराष्ट्रीय क़ानून एवं संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सबसे गम्भीर उल्लंघन बताया और सुरक्षा परिषद से "तत्काल एवं प्रभावी कार्रवाई" करने का आग्रह किया.

फ़लस्तीन: अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का गम्भीर उल्लंघन

संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीनी राज्य की उप स्थाई पर्यवेक्षक, राजदूत फ़ेदा अब्देलहदी.
UN Photo/Eskinder Debebe

संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीन की उप स्थाई पर्यवेक्षक, फ़िदा अब्देलहादी ने कहा कि ग़ाज़ा में इसराइल के युद्ध को शुरू हुए लगभग 300 दिन हो चुके हैं, जिसमें "अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के सभी सिद्धांतों" और संयुक्त राष्ट्र चार्टर को ताक पर रख दिया गया है.

उन्होंने कहा, “एक ऐसा युद्ध जो अन्तरराष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा कर रहा है. फिर भी, इसराइल बिना किसी रोक-टोक व नतीजे के, दिन के उजाले में सभी की आँखों के सामने यह युद्ध लड़ रहा है. हर दिन हमारे लोगों के लिए, अधिक भयावहता, नुक़सान व पीड़ा लेकर आता है और क़ाबिज़ इसराइली सेना फ़लस्तीनी बच्चों, महिलाओं व पुरुषों की हत्या कर रही है.” 

फ़िदा अब्देलहादी ने इसराइल द्वारा ईरान के साथ-साथ लेबनान, सीरिया और यमन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता के उल्लंघन की "स्पष्ट रूप से निन्दा" की.

उन्होंने कहा, "हम एक बार फिर सुरक्षा परिषद, महासभा और क़ानून का पालन करने वाले सभी शान्तिप्रिय राष्ट्रों से, फ़लस्तीनी लोगों व हमारे क्षेत्र के ख़िलाफ़ इस भयानक, आपराधिक इसराइली आक्रामकता को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आहवान करते हैं." 

इसराइल: ‘पाखंड’ का प्रदर्शन

इसराइल के उप स्थाई प्रतिनिधि, ब्रैट जोनाथन मिलर, सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Loey Felipe

इसराइली राजदूत और उप स्थाई प्रतिनिधि, ब्रैट जोनाथन मिलर ने अपनी शुरूआती टिप्पणी में इस बात पर ज़ोर दिया कि "दुनिया के नम्बर एक आतंकवाद के प्रायोजक" द्वारा बुलाई गई यह बैठक "पद पाखंड का प्रदर्शन है." 

उन्होंने कहा कि ईरान ने इसराइल और उसके नागरिकों को सभी ओर से निशाना बनाने के लिए अपने प्रतिनिधियों - हमास, हूथी व हिज़बुल्लाह का इस्तेमाल किया है.

ब्रैट जोनाथन मिलर ने पूछा कि मजदल शम्स में 12 बच्चों की निर्मम हत्या के लिए, हिज़बुल्लाह व उसके ईरानी आपूर्तिकर्ताओं की निन्दा क्यों नहीं की गई.

उन्होंने कहा, "जो कुछ भी यहाँ बोला गया, वो तनाव बढ़ने पर चिन्ता की अभिव्यक्ति थी, जिसमें दोनों पक्षों से अपील की गई – और एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र के एक लोकतांत्रिक सदस्य देश की तुलना, एक क्रूर आतंकवादी संगठन से करते हुए, संयम बरतने की यह अपील की गई है."

उन्होंने परिषद से कहा कि जो लोग वास्तव में क्षेत्र में स्थिरता चाहते हैं, उन्हें कट्टर आतंकवादियों को ख़त्म करने का समर्थन करना चाहिए, न कि दोनों पक्षों से ख़ुद पर नियंत्रण रखने के लिए कहना चाहिए.

सीरिया: गोलान में गम्भीर अपराध 

सीरिया के राजदूत, कौसे अल्दहाक.
UN Photo/Eskinder Debebe

सीरिया के राजदूत और स्थाई प्रतिनिधि, कौसे अल्दहाक ने कहा कि मजदल शम्स में "एक गम्भीर अपराध किया गया" जिसके कारण इसराइली क़ब्ज़े वाले गोलान क्षेत्र में 12 बच्चों की मौत हुई, जो "सीरियाई क्षेत्र है और हमेशा से रहा है."

उन्होंने दोहराया कि क़ब्ज़े वाले सीरियाई गोलान क्षेत्र के नागरिक हमेशा सीरिया का हिस्सा रहे हैं. वो लोग अपने ख़िलाफ़ इसराइली कार्रवाई का अन्त करने का आहवान करते हैं. 

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कोई भी क़ाबिज़ शक्ति, यह दावा नहीं कर सकती कि वे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत अपना बचाव कर रहे हैं.

सीरिया ने, क्षेत्र में स्थित देशों पर इसराइली आक्रमण की निन्दा की, जिसमें ईरान में इसमाइल हानियेह की हत्या तथा लेबनान में नागरिकों की हत्याएँ शामिल है. साथ ही, ग़ाज़ा में इसराइली सेना द्वारा जनसंहार जारी है.

उन्होंने कहा, "इसराइल में युद्ध अपराधी बिना समर्थन के कार्रवाई जारी नहीं रख सकते हैं." 

उन्होंने परिषद से इन अपराधों पर तुरन्त लगाम लगाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने का आहवान किया.

लेबनान: हम युद्ध नहीं चाहते

मध्य पूर्व की स्थिति पर सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए, लेबनान के राजदूत, हादी हचेम.
UN Photo/Eskinder Debebe

लेबनान के राजदूत और स्थाई प्रतिनिधि, हादी हचेम ने कहा कि उनका देश और उसके लोग "युद्ध नहीं चाहते." 

उन्होंने कहा कि बेरूत ने सुरक्षा सुनिश्चित करने और हिंसा का चक्र तोड़ने के लिए एक रोडमैप पेश किया है, लेकिन अभी तक उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

साथ ही, इसराइल द्वारा राजधानी पर किए गए हमले में मौतें हुईं और अनेक लोग घायल भी हुए हैं. 

उन्होंने कहा कि ऐसा कृत्य उसके असली इरादे उजागर करता है. इसी तरह, इसराइल द्वारा आज दो पत्रकारों की हत्या, मीडिया को निशाना बनाने के एक चलन की ओर इशारा करती है. 

न्होंने कहा कि क्षेत्र में शान्ति और स्थिरता वापस लाने के लिए, अरब भूमि पर इसराइल का क़ब्ज़ा ख़त्म करना बेहद ज़रूरी है.

उन्होंने कहा कि इसके लिए आपसी भरोसे की आवश्यकता है, लेकिन इसराइल का बर्ताव कुछ और ही दिखाता है और क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में आत्मरक्षा के उसके दावे भी वैध नहीं हैं."

इससे पहले कि बहुत देर हो जाए," उन्होंने चेतावनी देते हुए परिषद से ठोस क़दम उठाने का आग्रह किया, “इतिहास किसी को माफ़ नहीं करेगा; मध्य पूर्व में जो शुरू होगा, वो पूरी दुनिया को अपनी गिरफ़्त में ले लेगा.”